motivational story in Hindi | कहानी - बुरी आदतों से छुटकारा

एक बार की बात है एक अमीर व्यापारी अपने 8 साल के लड़के के साथ रहता था।
इतना प्रेम अपने बेटे से करता था से कहीं ज्यादा नफरत उसकी बुरी आदतों से करता था ।

अपने बेटे की बुरी आदतों से हमेशा चिंता में रहने वाला यह व्यापारी एक दीन बहुत ही बुद्धिमान जाने माने एक गुरु के पास मिलने गया ताकि इस समस्या का समाधान पा सके।

motivational story in Hindi



 गुरूजी मेरा बेटा एक बहुत अच्छा लड़का है लेकिन उसने कुछ अस्वास्थ्यकर आदतों को चुना है, मगर मैं उसे उन आदतों से छुटकारा दिलाना चाहता हूं। में कितना भी समझाऊ उसपर कुछ भी असर नहीं करता। मैं बड़ी आशा से आपके पास आया हूं, कृपया मेरी मदद कीजिए!

गुरूजी ने उसकी पूरी बात सुनी और कहां की कल सुबह उसे मेरे पास ले आओ।  अगली सुबह आदमी ने वैसा ही किया जैसा कि गुरूजी ने कहा था।

  वह अपने लड़के को उनके पास लाया. आओ बेटे , चलो टहलने चलते हैं, गुरुजी ने कहा। लड़के ने बात मानी और वे बगीचे में टहलने गए।

 जैसे-जैसे वे चलते गए, रास्ते में उन्हें पौधे दिखने लगे।  बेटा, मेरे लिए वो पौधा तोड़ के लाओ. एक छोटे पौधे के तरफ इशारा करते हुए गुरूजी कहां।
लड़का तुरंत वह पौधा तोड़कर ले आया।

थोड़ा और आगे जाके गुरूजी ने उसे थोड़ा बड़ा पौधा तोड़ने के लिए कहां लड़के ने उसे भी आसानी से तोड़ के गुरूजी का दिया काम पूरा किया। बदले में गुरूजी ने उसे शाबाशी दी।

  दोनों फिर से चलने लगे । थोड़ा और दूर जाकर  गुरूजी ने उसे एक झाड़ी को बाहर निकालने के लिए कहा।
अब लड़के को झाड़ी को जड़ से उखाड़ ने में प्रयास करना पड़ा, जो उसने किया और उसे भी तोड़ के गुरूजी की आज्ञा का पालन किया।

आगे चलकर गुरूजी ने उसे एक छोटा पेड़ दिखाया लड़का समझ गया की उसे गुरूजी क्या कहेंगे वो उस पेड़ के पास गया और सोचने लगा कि इसे तोड़ने में तो बहोत मेहनत करनी पड़ेगी । फिर भी उस लड़के ने हार नहीं मानी और उस पेड़ के उपर चढ़ कर काफी मेहनत और मशक्कत के बाद उसे भी तोड़ दिया!

  गुरूजी ने उसकी पीठ थपथपाई और बोले बहुत अच्छा किया।  अब मेरे लिये एक आखरी काम कर दो वो वहाँ पर उस बड़े पेड़ को देखो, उसे भी मूल से उखाड़ दो।
हालाकि लड़का जनता था कि ये संभव नहीं होगा, फिर भी लड़के ने कोशिश की, जी जान से कोशिश की लेकिन पेड़ हिला तक नहीं।  अंत में थक कर लड़के ने हार मान ली।  मुझे क्षमा करें, गुरूजी  मैं उस पेड़ को बाहर नहीं निकाल सकता।  वो  पुराना और मजबूत है।

तब गुरूजी ने उससे कहां, बेटा ! बुरी आदतें पौधों और पेड़ों की तरह हैं।  जब वे पौधों की तरह नई होती हैं तो आप उनसे जल्दी और आसानी से छुटकारा पा सकते हैं।  लेकिन अगर आप उन्हें रहने देते हैं और उन पर काबू नहीं करते हैं तो वे मजबूत और पुराने पेड़ की तरह हो जाती हैं जिन्हें हटाया नहीं जा सकता।

गुरूजी की सारी बाते ध्यान से सुनके लड़का बोला मुझे क्षमा कर दो, गुरूजी!  मैं अब समझ गया हूं, मेरे पिता मुझे क्या बताने की कोशिश कर रहे हैं।  मैं अब से अपनी सभी बुरी आदतों को छोड़ दूंगा!

दोस्तो, हर काम को करने का एक सहि समय होता है,उसे तभि कर् लेने मे हि समझदारी हैं। आप भी किसी बुरी  आदत  से परेशां है तो उसे तुरंत छोड़ने का निछ्चय कीजिये और  इस कहानी को अपने ऐसे ही दोस्तों को शेयर करके उनकी भी मदद कीजिये। और आज की ये motivational story in Hindi आपको कैसी लगी कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताइए।

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