Story of A Raven and A Swan in Hindi
एक बार एक रावेण नाम का पक्षी रहता था जो कोयले जैसा काला था!
वह हंस से बहुत ईर्ष्या कर रहा था, क्योंकि उसके पंख बर्फ के समान सफेद थे! एक दिन रावेण को एक विचार आया! उसने सोचा कि वह भी हंस की तरह हो जाएगा, अगर वह हंस की तरह रहने लगे!
मूर्ख पक्षी ने दिन भर पानी में तैरने और गोता लगाने की योजना बनाई! उसने फैसला किया कि वह पानी में उगने वाले पौधों को भी खाएगा! इसलिए उसने अपना घर (जंगल) छोड़ दिया और झीलों पर रहने के लिए उड़ गया! हालाकि वह दिन भर खुद को धोता और धोता था, उसके पंख हमेशा की तरह काले ही बने रहे! वह दिन के अंत तक लगभग डूब गया।
हा हा! बुद्धू पक्षी ने पानी के खरपतवार को खा लिया, लेकिन भोजन उसके शरीर को रास नहीं आ रहा था, इसलिए वह पतला हो गया, और ऐसे ही कई दिन बीत गए। और एक दिन, वह मर गया।
तो दोस्तों, इस कहानी का मॉराल है "आदतों का परिवर्तन प्रकृति में परिवर्तन नहीं करेगा"