एक मुसाफिर अपने सफ़र के दौरान एक गधा और एक घोड़ा लेकर चल रहा था मुसाफ़िर ने सारा अपना सामान गधे के ऊपर लाद रखा था और घोड़े को बिल्कुल खाली रखा था।
गधा कुछ कमजोर और बीमार सा दिखाई पड़ रहा था। ऐसा लग रहा था गधा किसी भी वक्त जमीन पर गिर पड़ेगा। गधे ने अपने साथ में चल रहे घोड़े से विनती की वो थोड़ा सा उसका भार अपने ऊपर ले ले ताकि उसे थोड़ा अच्छा महसूस हो। और जैसे ही वह ठीक हो जाएगा तो वो पूरा भार वापस अपने ऊपर ले लेगा। अगर तुम मेरी मदद नहीं करोगे तो मैं जल्द ही इस भार के बोझ तले मर जाऊंगा।
घोड़े ने गधे की बात सुनी और घमंड भरी आवाज में बोला बकवास मत करो मैं क्या यह तुच्छ भार उठाने के लिए हूं क्या तुम नहीं जानते मैं सिर्फ अपने मालिक को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए हूं,मैं खास हूं। शिकायतें करना बंद करो चुपचाप सारा भार उठाओ और चलो आगे।
बेचारा लाचार गधा घोड़े की ऐसी बात सुनकर और ज्यादा निराश हो गया और अपनी बची कुची सारी ताकत लगा कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगा, कुछ दूर चलते ही उसके शरीर ने जवाब दे दिया और वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा! जब गधे के मालिक ने यह देखा तो उसने तुरंत गधे के ऊपर का सारा भार उतारकर घोड़े के पीठ पर लाद दिया और साथ ही साथ बेहोश गधे की बॉडी को भी घोड़े के ऊपर लाद दिया।
अब घोड़े को अपने स्वभाव के ऊपर बहुत गुस्सा आने लगा उसने सोचा अगर मैं गधे की बात मानकर थोड़ा सा भार अपने ऊपर ले लेता तो मेरी आज यह दशा नहीं होती।
दोस्तों जीवन में हमारे आपके हम सब के जीवन में भी ऐसी घटनाएं घटती है जब हम बड़ी आसानी से किसी की मदद कर सकते हैं मगर करते नहीं है। लेकिन नियति हमेशा ही इन सब चीजों को ध्यान में रखती है और समय-समय पर हमें सबक भी सिखाती है।
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