एक बार एक बूढ़ी औरत को उसकी जिंदगी भर की अच्छाइयों के बदले फरिश्तों ने उसकी एक ख्वाहिश पूरी करने की मंजूरी दी।
उस बूढ़ी औरत ने फरिश्तों से कहा कि मैं मरने से पहले एक बार स्वर्ग और नर्क दोनों की यात्रा करना चाहती हूं।
फरिश्तों ने उस औरत की ख्वाहिश पूरी करने का वचन दिया और उसे अगले ही क्षण एक बहुत बड़े भोजन कक्ष में ले जाया गया
जहां पर बहुत विशाल डाइनिंग टेबल थे उन पर बहुत ज्यादा स्वादिष्ट दिखने वाले भोजन रखे हुए थे और बहुत अच्छे-अच्छे ड्रिंक्स भी रखी हुई थी।
मगर उस टेबल के चारों तरफ बैठे लोग बहुत ज्यादा मायूस भूखे और दुखी लग रहे थे।
उस औरत ने देखा कि उन सभी लोगों के हाथों पर कोहनी तक लंबी-लंबी चम्मच बंधी हुई है
वह लोग जब भी उस चम्मच से खाना उठाकर अपने मुंह तक ले जाने का प्रयास करते तो उनकी कोहनी मूड नहीं पाती और खाना उनके मुंह तक कभी पहुंच नहीं पाता।
बूढ़ी औरत ने फरिश्तों से पूछा क्या यह नर्क है? फरिश्तों ने कहा हा।
औरत ने तुरंत कहा मुझे यहां से दूर ले चलो और अगले ही क्षण उस बूढ़ी औरत को एक भोजन कक्ष में लाया गया उसी भोजन कक्ष में जहां पर बड़े-बड़े डाइनिंग टेबल थे बहुत स्वादिष्ट दिखने वाला भोजन और अच्छे-अच्छे ड्रिंक्स टेबल पर सजाई गई थी।
मगर इस बार डाइनिंग टेबल के चारों तरफ बैठे लोग खुश थे, हंस रहे थे और उनके चेहरों पर संतुष्टि थी।
बूढ़ी औरत ने फरिश्तों से कहा यह तो वही भोजन कक्ष है,वही भोजन है वही ड्रिंक्स है मगर फर्क इतना है कि यहां के लोग खुश दिख रहे हैं, ऐसा क्यों है? ऐसा क्यों है? क्या इन लोगों के कोहनी से चम्मच नहीं बंधी है?
फरिश्तों ने उस औरत से कहा ध्यान से देखो इन लोगों के हाथों से भी कोहनियों तक चम्मच बंधी हुई है फर्क सिर्फ इतना है कि इन लोगों ने एक दूसरे को खाना खिलाना सीख लिया है!
दोस्तों, इस छोटी कहानी की तरह ही हम चाहे तो हमारे जीवन में इसी पृथ्वी पर ही स्वर्ग या नरक दोनों का अनुभव कर सकते हैं। अगर हमें स्वर्ग का अनुभव करना है तो हमें पहले दूसरों के बारे में सोचना होगा। दूसरों को खिलाना होगा दूसरों की मदद करनी होगी। चॉइस हमारी है हम चाहे तो हमारी जिंदगी को स्वर्ग जैसा या नर्क जैसा बना सकते हैं।
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Very Nice Story Please keep writing
जवाब देंहटाएंThe moral of the story was good. Please make this type of stories. So that kids understand what needs to be done.
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