मजेदार हिंदी कहानी बूढ़ा और बिल्ली | Hindi Story
एक दिन एक बूढ़ा आदमी जंगल में घूम रहा था तब अचानक उसने देखा कि एक छोटी सी बिल्ली एक छेद(hole) में फंस गई है.
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बेचारी बिल्ली बाहर निकलने के लिए जी तोड़ संघर्ष कर रही थी. बूढ़े आदमी को उसपे बहोत दया आई तो उसने उसे बाहर निकालने के लिए अपना हाथ दिया, लेकिन बिल्ली ने उसका हाथ अपने नाखून से खरोंच दिया.
उस बूढ़े आदमी ने डर कर अपना हाथ पीछे खींच लिया लेकिन उसका हाथ खून और दर्द से भर चुका था उसके मुंह से चिख निकल गई. लेकिन वह नहीं रुका उसने बार-बार बिल्ली की मदद करने की कोशिश की,हर बार बिल्ली उसको खरोंचती या गुर्राती फिर भी वो बूढ़ा आदमी अपनी कोशिश में लगा रहा.
ये सारी घटना होते हुए एक और आदमी दूर से देख रहा था और काफी आश्चर्य में था,काफी देर ये देखने के बाद उससे रहा नहीं गया तब वो अपनी जगह से चिल्लाते हुए बोला, "अरे मूर्ख आदमी उस जानवर की सहायता करना बंद कर वह अपने आप वहां से किसी तरह निकल जाएगी.क्यों अपने आप को हानि पहुंचाने में तुले हुए हो?"
बूढ़े आदमी ने इन बातों की परवाह नहीं की और वह उस जानवर को तब तक बचाता रहा जब तक कि वह आखिरकार सफल नहीं हो गया! और फिर उस आदमी के पास गया और कहा कि, "बेटा यह बिल्ली की प्रवृत्ति है जिसकी वजह से वो मुझे खरोंचती है चोट पहुंचाती है. लेकिन मेरी प्रवृत्ति एक इंसान होने के नाते ये है कि सबको प्यार करना और सबकी देखभाल करना हमेशा सभी के साथ सम्मान और दया का व्यवहार करना.
कहानी का सारांश
ये सब करना है लेकिन अन्य लोगों से ये अपेक्षा ना करें कि वे आपके साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा आप चाहते हैं क्योंकि हम यह नियंत्रित(control) नहीं कर सकते कि दूसरे लोग या जीव कुछ स्थितियों में कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, लेकिन आप अपने आप को नियंत्रित कर अपने अपने व्यवहार में प्रेम,दया और परोपकार की भावना ला सकते हैं।
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