हिंदी में छोटी सी कहानी : स्वर्ग की व्यवस्था

 हिंदी में छोटी सी कहानी : स्वर्ग की व्यवस्था


हिंदी में छोटी सी कहानी : स्वर्ग की व्यवस्था



एक पुजारी मर जाता है और स्वर्ग के दरवाजे पर लाइन में इंतजार कर रहा है।  उसके आगे एक आदमी है जिसने धूप का चश्मा, एक लाउड शर्ट, लेदर जैकेट और जींस पहन रखी है।


 स्वर्ग के गेट का इंचार्ज  इस आदमी को संबोधित करते हुए कहता हैं,


 "तुम कौन हो जल्दी से बताओ, ताकि मैं जान सकूं कि तुम्हें स्वर्ग के राज्य में प्रवेश देना है या नहीं?"


 आदमी जवाब देता है,


 "मेरा नाम अमित है, मै एक सेवानिवृत्त एयरलाइन पायलट हूं।"


 इंचार्ज ने अपनी सूची की में देखा।


 वह मुस्कुराता है और पायलट से कहता है,


 "इस रेशमी वस्त्र और सोने के  रथ में बैठो और राज्य में प्रवेश करो।"


 पायलट अपने वस्त्र लेता है और कर्मचारियों के साथ स्वर्ग में जाता है।


अब पुजारी की बारी आती है। 

गेट का इंचार्ज उनसे भी उनके बारे में पूछता है।


 "मैं श्यामलाल हूं, पिछले 43 वर्षों से में एक मंदिर में भगवान की पूजा अर्चना का काम किया करता था।"


 इंचार्ज ने अपनी सूची को देखा ।


 वह पुजारी से कहता है,


 "इस सूती वस्त्र और लकड़ी के रथ को लो और राज्य में प्रवेश करो।"


 "रुको, एक मिनट मुझे पहले कुछ पूछना है।," पुजारी कहता  हैं।


 "वह आदमी एक पायलट था और उसे एक रेशमी वस्त्र और सुनहरा रथ मिलता है और मुझे केवल कपास और लकड़ी मिलती है।  यह कैसा न्याय है?"


 "यहाँ ऊपर - हम परिणामों (results) से फैसला करते हैं," इंचार्ज  कहते हैं।


 "जब आप प्रार्थना या पाठ करते  तब लोग उबासियां लेते थे, वो शरीर से आपके पास लेकिन मन और आत्मा से  कहीं और हुआ करते थे।


 जब उन्होंने उड़ान भरी, तो लोग प्रार्थना कीया करते थे और सच्चे मन से भगवान को याद किया करते थे।"


अगली कहानी..

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने