कहानी : राजा और उसकी दो पत्नियां | Short Bedtime Stories

             कहानी :  राजा और उसकी  दो पत्नियां | Short Bedtime Stories


       एक राजा था और उसकी दो पत्नियां थी। एक बहुत काली थी और एक बहुत गोरी थी। जो गोरी थी उसको अपने गोरेपन का बहुत घमंड था और जो काली थी वह बहुत  भोली थी। उन दोनों में एक समानता थी की उन दोनों को कोई संतान नहीं थी। राजा बहुत दुखी रहता था क्योकि उसको लगता था कि मेरी भी कोई संतान होनी चाहिए। राजा अपनी  दोनो पत्नियों से बहुत प्यार करता था। पर राजा की फेवरेट पत्नी गोरी वाली थी ।लेकिन उसने कभी भी दोनों  पत्नियों में भेदभाव नहीं किया।


Short Bedtime Stories |  story time



        राजा की जो गोरी पत्नी थी वह बहुत घमंडी और झगड़ालू थी। घर के सब काम राजा की काली पत्नी से करवाती थी।और वह बेचारी सब काम कर लेती थी पर राजा को कुछ नहीं बताती थी। 1 दिन राजा की दोनों पत्नियों का बहुत बड़ा झगड़ा हुआ और राजा की गोरी पत्नी ने काली पत्नी को मेहल से निकाल दिया। काली रानी ने राजा को सारी बातें बताई और राजा उसे कहने लगा कि मैं तुम्हारे लिएअलग महल बना दूंगा तुम उस महल  में रहना फिर राजा ने महल के सामने छोटा महल  बनाया और उस घर में काली रानी को रहने बोला।


         1 दिन राजा दूसरे राज्य में घूमने के लिए जा रहा था तो उसने अपनी  दोनों पत्नियों से कहा कि तुम दोनों को क्या-क्या सामान चाहिए? मुझे बता दो मैं तुम दोनों के लिए लेकर आऊंगा। तब राजा गोरी पत्नी के पास गया और उसे कहने लगा कि तुम्हें बाजार से क्या चाहिए? तो वह बोली मुझे मेकअप का सारा सामान चाहिए। फिर वह काली पत्नी के पास गया और उसे कहने लगा कि तुम्हें बाजार से क्या चाहिए फिर? वह राजा से बोली कि मुझे एक छोटा बंदर चाहिए। वह बोला कि ठीक है मैं लेकर आऊंगा कहकर राजा वहां से चला गया। 


               अगले दिन राजा दुसरे राज्य गया और उसने वहां से सारा सामान ले लिया और अपनी दोनों पत्नियों को उनका  सामान दे दिया। राजा की काली पत्नी उस बंदर को देखकर बहुत खुश हो गई। वह बंदर उस रानी का सारा काम करता था।  उसके साथ खेलता भी था! वह काली रानी उस बंदर को अपने बच्चे जैसा प्यार करती थी। एक दिन अचानक काली रानी बहुत बीमार  हुई। पर उसे देखने राजा नहीं आया। बंदर को बहुत गुस्सा आया और वह राजा के महल चला गया। राजा से कहने लगा कि मेरी मां जैसी रानी को देखने आप क्यों नहीं आए। बंदर के डाटने के बाद अगले दिन राजा रानी को देखने के लिए घर आता है। दवाई और खाने पीने की चीजें दे कर चला जाता है। वह रानी उस बंदर को बताती है कि मुझे संतान होनी चाहिए थी । वह बंदर उस रानी को बोलता है कि आप टेंशन मत लो आपको संतान जरूर होगी। मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा।


                 अगले दिन वह बंदर घर से गेहूं का आटा लेकर मंदिर जाता है और  गेहूं के आटे को  गुदता है और उसमें दो आंखें एक नाक दो हाथ दो पैर ऐसे बनाता है और भगवान से प्रार्थना करता है । भगवान उस बंदर की प्रार्थना सुनकर उस आटे के गोले को एक छोटा बच्चा बना देते हैं। और वह बंदर उस बच्चे को देखकर बहुत खुश हो जाता है। 


  बच्चे लेकर काली रानी के गोद में दे देता है। काली रानी उस बच्चे को देखकर बहुत खुश हो जाती है। बंदर का शुक्रिया करती है। राजा को खबर मिलती है कि काली रानी को बच्चा हो गया। राजा बहुत खुश हो जाता है । उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहता। ढोल नगाड़े लेकर रानी के घर जाता है। उसे महल आने के लिए कहता है। काली रानी खुशी से अपने बच्चे को लेकर महल जाती है। और राजा उस गोरी रानी को घर से निकाल देता है और काली रानी को अपने पास रख लेता है।


   इस कहानी से हमें यही सीख मिलती है कि कभी भी किसी बात का घमंड नहीं करना चाहिए।

          

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