HINDI KAHANIYA #1 (चींटिया और झींगुर )
एक बार शरद ऋतु के एक उज्वल दिन के समय कुछ चींटियां जो एक ही परिवार की थी बहोत ही जोशोल्लास के साथ अपने काम में मग्न थी। वे पुरी गर्मियों के दौरान बड़ी ही मेहनत से जमा किया हुआ भोजन (अनाज) धूप में सुखा रही थी। तभी वहा भूक से बेहाल एक झींगुर (grasshopper) आया जिसके बगल में एक सारंगी थी, वो आया और अपने दयनीय चेहरे से चींटियों से खाने के लिए कुछ मांगने लगा।
"क्या!" चींटिया अचंभित हुई और पुछा "क्या आपने सर्दियों के लिए कुछ भी संग्रहीत नहीं किया है? तो फ़िर आप गर्मियों के समय क्या कर रहे थे?"
"मैंने भोजन को जमा करने पर ध्यान नहीं दिया था," झींगुर ने कहा; "मैं संगीत में इतना डूब चूका था कि इससे पहले कि मुझे एहसास हुआ गर्मियां बीत गई थी।"
चींटियों को उसकी बात सुनकर बहुत घृणा हुईं ।
"आप संगीत बना रहे थे?" चींटियां बोली। "बहुत अच्छा, अब नाचो!" और उन्होंने झींगुर से मुंह फेर लिया और अपने काम पर लग गइ।
इस कहानी से क्या सीख मिलती है?
इस कहानी से क्या सीख मिलती है?
हर काम का अपना सही वक्त होता है , हर काम को अपने सही वक्त पर करने वाले ही खुश रह सकते हैं। इसीलिए दोस्तों खेल के समय खेल,मनोरंजन के समय मनोरंजन और पढ़ाई के समय पढ़ाई करना ही बुद्धिमानी है।

Mast hai
जवाब देंहटाएंTHANKS
जवाब देंहटाएंHi
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