SHORT INSPIRATIONAL HINDI STORY

   हिंदी कहानियाँ #4 


  दोस्तों जिंदगी में हमें एक छोटी सी स्टोरी , छोटी सी बात बहुत बड़ी सीख दे  जाती है । स्टोरी भले ही छोटी हो लेकिन उससे मिलने वाला मैसेज बहुत बड़ा होता है ऐसी ही एक छोटी सी मगर बड़ा पाठ सिखाने वाली कहानी मैं आज आपके लिए लाया हूं।


SHORT INSPIRATIONAL HINDI STORY




 एक बार एक बहुत परेशान आदमी अपने गुरु के पास गया उसने गुरु से कहा कि गुरु जी मैं बहुत परेशान हूं मुझे अलग-अलग तरह के लोग अलग-अलग की बातें करते हैं । कुछ लोग डराते हैं कुछ लोग रोकते हैं ठोकते हैं कुछ बोलता ही मत करो कुछ लोग बोलते हैं वह मत करो कुछ भी बढ़ाते हैं अब आप ही बताइए मैं किस की बात मानू ?

गुरुजी उसे एक चमकता हुआ पत्थर देते हैं औरकहते हैं कि इस पत्थर की बस कीमत पता करके आप इसे बेचना मत । वह आदमी सोचता है गुरुजी जैसा बोल रहे हैं वैसा करके देखता हूं वह उस पत्थर को लेकर निकल पड़ता है उसकी कीमत पता करने मार्केट में जाता है वहां उसे एक पल वाला दिखता है तो वह उस फल वाले को दिखा कर के कहता है कि आप मुझे इसके बदले में क्या दोगे फलवाला उस पत्थर को देखता है और सोचता है कि पत्थर तो बढ़िया चमकीला दिख रहा है तो वह कहता है कि मैं इस पत्थर के बदले में आपको 2 किलो सेब (apple) दूंगा।तो आदमी मुझे नहीं बेचना ऐसा कह कर आगे निकल जाता है आगे उसे एक सब्जी वाला दिखाई देता है उससे भी पूछता है कि आप इसके बदले ना मुझे क्या दोगे सब्जी वाला कहता है इसके बदले में आपको 10 किलो आलू दूंगा आदमी पत्थर उसको भी नहीं भेजता और आगे बढ़ जाता है थोड़ी दूर आगे उसको एक सुनार की दुकान दिखाई देती है वह वहां पर सुनार के पास जाता है और सुनार से पत्थर दिखा कर उसकी कीमत पूछता है सुनार उस चमकीले पत्थर का निरीक्षण करके भौचक्का रह जाता है और पूछता है कि इतना कीमती रूबी तुम्हें कहां से मिला मैं तुम्हें इसके बदले ₹50000 दूंगा लेकिन आदमी गुरु जी की बात याद करता है कि इस पत्थर को बेचना नहीं है इसलिए वह वहां से भी आगे बढ़ जाता है आगे चलकर उसको शहर के सबसे मशहूर जोहरी का ऑफिस दिखाई देता है ऑफिस में चला जाता है और जोड़ी को उस पत्थर के बारे में पूछता है कि इसकी क्या कीमत हो सकती है वह उस पत्थर को देखकर बहुत ही रह जाता है उस पत्थर को बढ़िया लाल कपड़े पर रखकर उस आदमी से कहता है कि यह पत्थर के पत्थर तो बहुत ही अनमोल है मैं इसके तुम्हें कई करोडो रुपए दे सकता हूं।

वह आदमी उस पत्थर को जोहरी को भी नहीं बेचता है और गुरु के  वापस लौट आता है मगर साथ कई सवाल है तब साधु उसे समझाता है कि तुम अपनेेेेेेे साथ एक बेशकीमती हीरा लेकर चल रहे हो लेकिन लोग अपने हिसाब से उसकी कीमत लगाते हैं । 2 किलो सेब कोई 10 किलो आलूूू , कोई ₹50000 तो कोई करोड़ों रुपयों की कीमत लगाएगा ऐसे ही लोग भी तुम्हें अलग-अलग तरीकों से आंंकेगे अब यह तुम्हारे ऊपर है कि तुम किस का साथ हो और तुम्हारा नजरिया भी वैसा ही बन जाएगा होते ।

Story Conclusion / कहानी का सारांश


 हम भी ऐसे कई लोगों को मिलते हैं ऐसेही कई लोग हमारे आसपास भी मौजूद हैं जो हमें कहते हैं कि तू कुछ कर नहीं सकता, तुझ में टैलेंट नहीं है ,तू असफल हो जाएगा और हम उनकी बातें सुनकर अपनी जिंदगी उनके हिसाब से जीते हैं। हमारी सोच उनके सोच के हिसाब से काम करती है लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि यह उनकी सोच है हमारी नहीं। हममें टैलेंट है ,पोटेंशियल है काबिलियत है, हम हर काम करने के लिए सक्षम है और हमारी जिंदगी हमारे हिसाब से चलनी चाहिए किसी और को पता हो ना हो हमें अपनी कीमत पता होनी चाहिए यह मत भूलिए हम अपने आप में चमकते हुए हीरेे हे ।


    ये भी पढिए। 

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने