2 Short Hindi stories


कहानी - ज्ञानी साधु


एक बार एक गांव के पास जंगल में एक साधुबाबा रहते थे। लोग उनके पास अपनी समस्या लेकर जाते थे और वो उन्हें उसका हल बताते थे। मगर कुछ लोग उनके पास हमेशा एक जैसी ही समस्या लेकर पहुंच जाते थे। ऐसे ही एक बार फिर वे लोग वही समस्या साधु को सुनाने लगे ! 


इस बार साधु ने उन लोगो को एक बहोत फनी चुटकुला सुनाया जिसे सुनकर सब लोग। जोर से ठहाके लगाकर हसने लगे।


साधु ने फिर से दोबारा वहीं चुटकुला सुनाया तो इस बार दो ही लोग थोड़ा सा मुस्कराए। जब तीसरी बार भी साधु ने वही चुटकुला दोहराया तो उनमें से कुछ लोग बोल पड़े ,। अरे बाबाजी , बार बार एक ही चुटकुला सुनके कोई कैसे हस सकता हैं? तब साधुने उन लोगो से कहा कि जब एक चुटकुला आपको दो बार भी नहीं हसा सकता तो एक ही समस्या आपको सालो तक कैसे रुला (परेशान) सकती है!


कहानी का नैतिक:


 चिंता करने से आपकी समस्याओं का समाधान नहीं होगा, यह सिर्फ आपका समय और ऊर्जा बर्बाद करेगा।


कहानी - गधे की चालाकी

एक नमक का व्यापारी हर दिन अपने गधे पर नमक की थैली को लाद कर बाज़ार तक ले जाता था।

 रास्ते में उन्हें एक नाला पार करना पड़ता था।  एक दिन गधा अचानक नाले की धारा में गिर गया और नमक की थैली भी पानी में डूब गई।  नमक पानी में घुल गया और इसलिए बैग ले जाने के लिए बहुत हल्का हो गया।  गधा इस घटना से बहुत खुश था।


फिर गधे ने हर दिन जानबूझ कर वही घटना दोहराना शुरू कर दिया।


 नमक बेचने वाले को गधे की चाल समझ में आ गई और उसने गधे को सबक सिखाने का फैसला किया।  अगले दिन व्यापारी ने गधे पर एक कपास की थैली लाद दी।


नासमझ गधेने फिर से वही चालाकी की इस उम्मीद में की कॉटन बैग भी हल्की हो जाएगी। मगर इससे विपरीत भीगा हुआ कपास  कई गुना भारी हो गया जिसे अपनी मंजिल तक ले जाने के लिए गधे को बहोत ज्यादा परिश्रम करना पड़ा। इस घटना से गधे ने नया पाठ सीखा और  अपना काम बिना चालाकी अपना काम ईमानदारी से करने लगा। नमक व्यापारी भी खुश हुआ।


कहानी की सीख:

किस्मत हमेशा साथ नहीं देती इसलिए बेहतर है अपना काम प्रामाणिकता से करते रहे।


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