Story telling time - inspirational stories
Inspirational story 1
एक बार एक राजा ने अपने राज्य के एक मार्ग पर अपने सेवकों को कहकर एक बड़ा सा पत्थर रास्ते के बीचो बीच रखवाया! उस रास्ते से हर दिन कई लोग गुजरते मगर वह लोग रास्ते में पड़े उस बड़े पत्थर के साइड से निकल जाते.
कुछ दिन गुजर गए. उस रास्ते से न जाने कितने व्यापारी, राजा के सभापति, कई बड़े-बड़े सैनीक और राजा के राज्य के प्रधान सब लोग गुजरे. सब ने उस पत्थर को हटाने के लिए कुछ नहीं किया और राजा राज्य के रास्ते ठीक नहीं रखता ऐसा मन ही मन राजा को कोसते हुए अपना मार्ग बदल कर चले गए.
अब उस रास्ते से एक चरवाहा गुजरता है वह देखता है कि रास्ते में बड़ा सा पत्थर हर किसी के मार्ग में रुकावट बना हुआ है. वह तुरंत अपना सामान जो वह अपने साथ लाया था उसे साइड में रख कर उस पत्थर को हटाने की जद्दोजहद में लग जाता है और काफी मेहनत के बाद उसे हटाने में कामयाब हो जाता है.
जब वह उस बड़े से पत्थर को रास्ते से हटा कर दूर छोड़ आता है और अपना सामान उठा के जाने लगता है तब उसकी नजर उस जगह पड़ती है जहां पर रास्ते में यह पत्थर पड़ा हुआ था. वहां पर एक पोटली रखी होती है. चरवाहा उस पोटली को उठाता है और खोल कर देखता है तो उसमें कई सारे सोने के सिक्के और एक चिठ्ठी होती है. यह चिट्ठी राजा की तरफ से लिखी गई होती है. चिट्ठी में लिखा था-" यह सोने के सिक्के उस आदमी के लिए है जो मुझे कोसने के बजाय रास्ते में बाधा बन रहे इस बड़े पत्थर को हटाएगा!"
Moral of story
दोस्तों, इस कहानी को अगर हम अपने जीवन के साथ तुलना करके देखते हैं तो रास्ते का वह पत्थर हमारी जिंदगी में आने वाली बड़ी-बड़ी समस्याएं है और अगर हम उन समस्याओं से डर जाते हैं या पीछे हट जाते हैं तो हम कभी भी कामयाब नही हो सकते. उसकी बजाय अगर हम उन समस्याओं के सामने डटकर खड़े होते हैं, और उन को हराकर हम आगे बढ़ते हैं तो सोने की पोटली की तरह ही हमें जिंदगी में सफलता के रूप में इनाम मिलता है. इसीलिए हमारे रास्ते में आ रही बाधाओं और मुसीबतों को हमें हमेशा एक नई अपॉर्चुनिटी के तौर पर देखना चाहिए.
Inspirational Story 2
दोस्तों, अगर मैं आपको एक सवाल पूछूं क्या कागज में आग होती है? तो आप मुझे कहेंगे की यह क्या सवाल है!
कागज में भला कैसी आग?
लेकिन जब माचिस की एक छोटी सी तिल्ली उसी कागज को थोड़ी सी आग दे देती है तो कागज के अंदर की आग कैसे देहक उठती है यह तो आप सब ने देखा ही होगा. इसि तरहा हर चीज, हर एक व्यक्ति के अंदर भी आग होती है, बस उसे जरूरत होती है उस लकड़ी की छोटी सी आग देने वाली तिल्ली की जो उसके अंदर की आग को दहला सके. आज की यह कहानी शायद आपके अंदर की आग को दहला देगी ध्यान से पढ़िए गा.
छोटा सा 7 - 8 साल का बच्चा अपने हाथों स्कूल के प्रिंसिपल द्वारा यह कह कर दी गई चिठ्ठी की कल से तुम्हें स्कूल में आने की कोई जरूरत नहीं है,लेकर अपने घर आता है और अपनी मां को देता है. मां देखती है कि उसका बच्चा उदास है. चेहरे को देखकर मां को एक क्षण भी नहीं लगा यह पहचानने में कि वह काफी रोया भी होगा. अपने बच्चे के हाथ से वो चिठ्ठी लेती है और उसे खोल के पढ़ने लगती है. मां बच्चे को चिट्ठी पढ़कर सुनाती है..
"आपका बेटा बहुत ही ज्यादा बुद्धिमान और विद्वान् है. मगर हमारी कम नसिबी है कि हमारे स्कूल में आपके बच्चे को पढ़ा सके इतना काबिल कोई भी शिक्षक नहीं है. कृपया आप अपने बच्चे के लिए उसके लेवल का शिक्षक ढूंढिए ताकि उसका टैलेंट व्यर्थ ना हो."
इस घटना के बाद उस छोटे लड़के को उसकी मां घर पर ही पढ़ाने लगी, कई साल बीत गए लड़का बड़ा महान वैज्ञानिक बन गया. उसका देश और दुनिया में बहुत नाम हुआ. और कुछ सालों बाद उसकी मां का देहांत हो गया. वह बेटा एक दिन अपनी मां की कबर पर उसे मिलने के लिए गया तो वह बहुत दुःखी हो गया . उसे मा कि ज्यादा याद सताने लगी तो वह अपने मां के पुराने वाले घर में गया जहां वो पहले रहा करते थे.
वहां पर जब वो बेटा अपने पुराने घर और उसमें रखी चीजों को और उनके साथ जुड़ी हुई यादों को याद कर रहा था तब उसे एक पुराने बक्से में वो चिट्ठी मिली जो उसे स्कूल के प्रिंसिपल ने सालों पहले दी थी. जब उसने वो चिठ्ठी खोली तो उसमें लिखा था," आपका बेटा बहुत बुद्धू है. हमारा पूरा स्कूल और सारे टीचर उससे परेशान है. इसलिए अब हम इसे आगे नहीं पढ़ा सकते और हम उसे स्कूल से निकाल रहे हैं." चिट्ठी पढ़ते ही , उस की आंखों से पानी की धार चलने लगी.
दोस्तों, यह कहानी कोई काल्पनिक नहीं है यह बिल्कुल सच्ची कहानी है और वह बेटा जो एक बड़ा वैज्ञानिक बना वह और कोई नहीं बल्कि थॉमस अल्वा एडिसन थे, जीन्हे स्कूल ने बुद्धू कह कर निकाल दिया था मगर उनकी मां उनके लिए माचिस की वो तीली बनी जिसने उनके अंदर की आग को जलाए रखा और दुनिया को इतना बड़ा साइंटिस्ट दिया!
Moral of story
दोस्तों, अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी आपके अंदर की आग भी थोड़ी सी बढ़ी तो आप अपने लिए उस माचिस की तीली की तलाश कीजिए जो आपके अंदर की आग को देहला दे या फिर खुद किसी के लिए माचिस की तीली बन कर उसके जीवन को रोशन कीजिए.
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