कहानी:- मा की आखरी इच्छा | Heart touching Hindi story


 एक बार एक बूढ़ी मां को उसके बेटे ने एक वृद्ध आश्रम में ले जा कर छोड़ा। इस मां का ये वही इकलौता बेटा था जिसके लिए इस मा ने जीवन भर संघर्ष किया। इस बेटे के लिए वो सब कुछ किया जो एक मा को करना चाहिए या मा कर सकती हैं। और आज भी अपने बेटे को किसी भी तरह की परेशानी ना हो इसलिए आश्रम में रहने के लिए भी तैयार हो गई।

वृद्ध आश्रम में रह रही मा हमेशा अपने बेटे को याद करती मगर बेटा केवल साल में एक बार उसको मिलने जाता या फिर फोन पर बात कर लेता। कई साल बीत गए।

वृद्ध आश्रम से बेटे को एक दिन फोन आया उन्होंने कहा बेटा जल्दी से आश्रम आ के अपनी मां से मिल लो वो बहुत सीरियस है।

बेटा जब अपनी बीमार मां के पास पहुंचा तब वह अपनी आखिरी सांसें गिन रही थी।
बेटे ने अपनी मां से उसकी आखिरी इच्छा पूछते हुए कहा, "मा मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूं बताओ"
मां ने कहा,"बेटा इस आश्रम में गर्मी और मच्छर बहुत ज्यादा है यहां पर कुछ पंखे लगवा देना। फ्रीज ना होने की वजह से यहां पर हम बूढ़ों को कई बार भूखे पेट ही सोना पड़ता है। क्योंकि किसीने दिया हुआ  खाना खराब होने से नहीं बचा पाते। तो इस आश्रम के लिए एक-दो फ्रिज भी खरीद कर दे देना।"

बेटे ने अपनी मां की सारी बात सुनी और अपनी मां से पूछा, "आपने इतने साल यहां पर निकाल दिए पर आपने कभी भी यह बातें मुझसे नहीं कहीं और अब जब आपके पास टाइम नहीं बचा है तब आप यह सब कह रही है ऐसा क्यों?" मां ने बेटे को जवाब देते हुए कहा, " बेटा मैंने गर्मी, भूख और पीड़ा सहन कर ली लेकिन मुझे पता है जब तेरे बच्चे  तुझे यहां पर छोड़कर जाएंगे तब तू यह सब सहन नहीं कर पाएगा इसीलिए तेरी सुविधा के लिए मैं तुझे यह सब लगाने के लिए कह रही हूं!"

दोस्तों,मा कि ये आखरी लाईने किसी बी बेटा या बेटी की आंखे खोलने के लिए सक्षम है। इतिहास हमेशा अपने आप को दोहराता है अगर आप चाहते हैं कि आपके साथ अच्छा व्यवहार हो तो आपको भी दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना पड़ेगा


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