समझदार मंत्री कि कहानी | Majedaar Hindi Kahani
आज की इस कहानी में हम बात करेंगे एक समझदार मंत्री के सूझबूझ और समझदारी की ।हम ये भी जानेंगे की कैसे इस मजेदार कहनी में मंत्री अपनी बुद्धि से राजा का मन जीत लेता है।
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यूरोप के किसी एक देश में एक बहुत ही नेक दिल राजा शासन करता था। इस राजा के शासनकाल में उसके राज्य का हर एक व्यक्ति बहुत खुश था क्योंकि सभी धन-धान्य से समृद्ध थे।
एक बार राजा को अपने देश के तीर्थ स्थानों और ऐतिहासिक जगहों पर जाने की इच्छा हुई। राजा यह सोच कर की इन सारी अच्छी अच्छी जगहों के साथ अपनी प्रजा से भी आमने सामने बात कर लूंगा, पैदल ही यात्रा पर निकल पड़े।
राजा कई खूबसूरत तीर्थ स्थानों और ऐतिहासिक स्थलों पर गए और अपने राज्य के बहुत सारे लोगों के साथ वार्तालाप किया।
राजा को यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि उसके राज्य में सभी लोग सुखी है। दूसरी तरफ राज्य के सभी लोग भी राजा से बात कर बहुत खुश हुए उन्हें लगा कि राजा का दिल भी राजा जितना ही बड़ा है।
कुछ दिनों बाद यात्रा खत्म होने पर राजा अपने राजमहल लौट आए। राजा ने अपने दरबार में सभी मंत्रियों को अपने प्रवास के बारे में बताया और उन्होंने बताया कि वह कितने खुश है इस यात्रा के बाद।
लेकिन उनके पैरों में असहनीय तकलीफ हो रही है। क्योंकि उनके राज्य में जितने भी रास्ते हैं सब पथरीले हैं और जो चुभ चुभ कर पैरों को काफी तकलीफ देते हैं। राजा ने सभी मंत्रियों को यह भी कहा कि उन्हें अपनी प्रजा की चिंता है इसलिए उन्होंने सभी मंत्रियों को आदेश दिया कि राज्य के जितने भी रास्ते हैं उन सब पर चमड़े बिछा दिया जाए जिससे किसी को भी चलने में परेशानी ना हो।
राजा का आदेश सुनकर सभी मंत्री आपस में चर्चा विचारणा करने लगे। सभी को पता था कि राज्य के इतने सारे रास्तों पर अगर चमड़ा बिछाना होगा तो उसके लिए कई लाखों मासूम जानवरों को मरना पड़ेगा और साथ ही साथ इसके लिए बहुत ज्यादा पैसे भी खर्च हो जाएंगे।
राजा के कुछ पुराने मंत्रियों में से एक मंत्री काफी समझदार था। इस मंत्री ने राजा के आगे प्रस्ताव रखते हुए कहा," महाराज, मेरे पास एक सुझाव है, क्यों ना हम हर एक व्यक्ति को उसके पैर के हिसाब से छोटा सा चमड़े का टुकड़ा पहनाए जिससे चमड़ा हमेशा उसके साथ किसी भी रास्ते पर चलने पर उसके पैरों को बचाएगा। और ऐसा करने से हम लाखों प्राणियों को मारने से और राज्य का खजाना खाली होने से भी बचा पाएंगे।"
राजा को इस समझदार मंत्री की समझदारी पर आश्चर्य हुआ और साथ ही साथ बहुत खुशी भी हुई। राजा ने इस मंत्री को अच्छा इनाम दिया और तुरंत अपने लिए चमड़े के दो पैरों में पहनने वाले टुकड़ों का इंतजाम करने के लिए कहा जिसे बाद में इन्होंने जूते(shoe) का नाम दिया।
राजा इन जूतों को इस्तेमाल करके काफी खुश हुआ। राजा ने अपने राज्य के सभी प्रजा को भी ऐसे जूते पहनने के लिए सुझाव दिया और सभी के लिए एक एक जोड़ी जूते बनवा कर दिए।
कहानी की सीख
दोस्तों किसी भी समस्या को हल करना हो तो उसके कई अलग-अलग सॉल्यूशंस के बारे में सोचना चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि पूरी दुनिया को बदलने से बेहतर है खुद में छोटा सा बदलाव करें तब भी परिस्थितियां बदल जाती है।
उम्मीद करता हूं आज की समजदारी की कहानी पढ़कर आपको मजा आया होगा! आपऔर भि हिंदी कहानियां मजेदार कहानी पर क्लिक करे।

समझदार मंत्री - यह एक सुंदर कहानी है...
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