गौतम बुद्ध के जीवन और उनकी ज्ञान और मोक्ष को पाने कि यात्रा काफी इंस्पायरिंग हैं। उनके इसी जीवन यात्रा और प्रसंगों से कई ऐसी लघु कथाएं प्रचलित है जिन में से एक बुद्ध की लघु कथा (Buddha short inspirational story) आज आप यहां पढ़ेंगे।
बुद्ध की लघु कथा | Buddha short inspirational story
एक दिन, एक व्यक्ति गौतम बुद्ध को मिलने आया। बुद्ध एक छोटे से बाड़े में अकेले बैठे थे, और वह आदमी दो मुट्ठी फूल लेकर आया था क्योंकि भारत में, अपने गुरु को नमस्कार करने,उनके प्रति अपना आदर दिखने का यह एक सामान्य तरीका है।
जैसे ही वह व्यक्ति बुद्ध की ओर आया, उन्होंने उसकी ओर देखा और कहा, "इसे फेक दो।" बुद्ध के ऐसा कहने पर वह व्यक्ति सोच में पड़ गया क्योंकि वह इन फूलों को प्रसाद के रूप में लाया था।
बुद्ध उसे इन्हे छोड़ने के लिए कह रहे थे। फिर उसने सोचा, "शायद मेरी ही गलती हुई है क्योंकि मैं इन्हें अपने बाएं हाथ में ला रहा हूं।" यह भी पुरानी संस्कृति का एक हिस्सा है कि अगर आप अपने बाएं हाथ से किसी को कुछ देते हैं तो इसे अशुभ माना जाता है।
इसलिए उसने अपने बाएं हाथ के फूल गिराए और फिर उचित तरीके से आगे बढ़ा। बुद्ध ने एक बार फिर उसकी ओर देखा और कहा, "इसे फेक दो।" अब उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। फूलों में क्या खराबी थी? उसने अब सभी फूल गिरा दिए।
तब बुद्ध ने फिर से कहा, "मैंने कहा, इसे फेक दो, फूलों को नहीं।" जो तुम अपने साथ पुराने विचारो के फूल लाए हो, तुम्हें उन्हें फेकना होगा, नहीं तो तुम बुद्ध को नहीं जान पाओगे। तुम आओगे, तुम झुकोगे, तुम सुनोगे और तुम जाओगे, लेकिन तुम नहीं जानोगे कि एक प्रबुद्ध व्यक्ति के साथ होने का क्या मतलब है।
अगर आप अपने जीवन में एक बिल्कुल नया आयाम जोड़ना चाहते हैं, तो आपको पुराने विचार छोड़ने होंगे, कुछ और नहीं। आपको अपना काम, परिवार, या बाकी कुछ भी छोड़ने कि जरूरत नहीं है।
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