कहानी : केंडी का स्वाद | Best Hindi kahani
एक बूढ़ा व्यक्ति था जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एक युवक प्रतिदिन उसके पास जाता था, और उसके साथ एक घंटे से अधिक बैठता था। वह उसे अपना खाना खाने और स्नान करने में मदद करता था।
फिर वह उसे अस्पताल के बगीचे में घुमाने ले जाता था।
उसके बाद वह उसे वापस अपने कमरे में ले आता और लेटने में उसकी मदद करता।
वो ये सुनिश्चित करने के बाद ही की बूढ़ा अब ठीक है और उसे किसी चीज की आवश्यकता नहीं है अपने घर लौटता था ।
हर दिन की तरह एक दिन नर्स उसके कमरे में उसे दवा देने और उसकी स्थिति का निरीक्षण करने के लिए आई और उससे बातो ही बातो में कहा:
"भगवान हमेशा आपके दयालु और देखभाल करने वाले बेटे पर कृपा बनाए रखे। हर दिन वह आपके पास आता है और बहुत ध्यान रखता है। ऐसी ओलाद बड़े नसीबवालो को ही मिलती है।"
बूढ़े ने उसकी ओर देखा और आँखें बंद करके उससे कहा:
"काश वह मेरे बच्चों में से एक होता। हम जिस मोहल्ले में रहा करते थे ये प्यारा बच्चा वहीं का एक अनाथ है। मैं एक दिन उनसे मिला था, उसके पिता की मृत्यु के बाद एक मस्जिद के दरवाजे पर रोते हुए मैंने इसे देखा था।
मैंने उसे दिलासा दिया और उसके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए उसके लिए कुछ कैंडी खरीदी। उसके बाद मैंने बहुत देर तक न तो उसे देखा और न ही उससे बात की।
जब वह बड़ा हुआ तो उसे पता चला कि मैं और मेरी पत्नी कहाँ रह रहे हैं। वह हमारी स्थितियों का निरीक्षण करने के लिए प्रतिदिन हमारे पास आता था।
जब मैं बाद में बीमार पड़ा तो वह मेरी बूढ़ी पत्नी को अपने घर ले गया। अब वह रोज मेरा इलाज देखने अस्पताल आता है।
एक दिन मैंने उससे पूछा: "बेटे, तुम हमारे साथ इतना अच्छा व्यवहार और हमारी इतनी परवाह क्यों करते हो?" वह बस मुस्कुराया और बोला था: "उस कैंडी का स्वाद अभी भी मेरे मुंह में है।"
Moral: एक बोया गया अच्छा बीज एक दिन जरूर उसको फल देता है जिसने उसे बोया हो, चाहे इसमें कितना भी समय लगे।
मीडिया दुनिया के खराब होने के बारे में चाहे जितनी भी बात करे, बुरे लोगों की तुलना में हमेशा अच्छे लोग होंगे।
इसलिए एक अच्छा इंसान बनने और दूसरों के लिए अच्छे काम करने की उम्मीद कभी न छोड़ें।
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