कहानी अच्छाई की | Hindi Kahani
एक बार की बात है, एक आदमी था जो जीवन भर दया,प्रेम और लोगो की सेवा करते हुए अपना पूरा जीवन जिया था।
जब उसकी मृत्यु हुई, तो सभी को यही लगता था कि वह सीधे स्वर्ग जाएगा, क्योंकि उसके जैसे अच्छे व्यक्ति के लिए एकमात्र संभव स्थान स्वर्ग ही होना चाहिए।
उस आदमी को स्वर्ग जाने के लिए विशेष रूप इतनी खुशी नहीं थी, लेकिन वह वहीं गया था।
अब उन दिनों, स्वर्ग में सेवाएं वैसी नहीं रह गई थी जैसा लोगो को स्वर्ग की सेवाओं के बारे में लगता था या वे कल्पना करते थे।
वहा का रिसेप्शन डेस्क बेहद अक्षम था, वहा पर बैठे देवदूत ने उसके सामने इंडेक्स कार्ड पर केवल एक क्षणिक नज़र डाली और जब उसे इंडेक्स में उस आदमी का नाम नहीं मिला, तो उसने उसे सीधे नर्क में भेज दिया।
और नर्क में कोई भी रिसेप्शन डेस्क नहीं था यानी वहा आपके बैज या आपके निमंत्रण की जांच करने के लिए कोई नहीं था। क्योंकि वहां जो कोई भी जाता है उसे नर्क में आने दिया जाता।
वह आदमी अंदर गया और वहीं रुक गया। कुछ दिनों बाद, नर्क का संचालक स्वर्ग के संचालक से स्पष्टीकरण मांगने के लिए स्वर्ग के द्वार पर चढ़ गया।
"आप जो कर रहे हैं वह किसी आतंकवाद से कम नहीं है!" उन्होंने कहा।
"आपने उस आदमी को नीचे नर्क में भेज दिया, और वह मुझे पूरी तरह से कमजोर कर रहा है!
वह शुरू से ही वहाँ लोगों की बातें सुन रहा है, उनकी आँखों में देख रहा है, उनसे बातें कर रहा है।
"और अब हर कोई अपनी भावनाओं को साझा कर रहा है और गले लगा रहा है और अब सब मिलझुल कर रहने लगे है और इससे भी बुरा तो ये है कि अब वहा लोग खुश रहने लगे है।
मैं नर्क में उस तरह की चीज़ नहीं चाहता! कृपया, उसे स्वर्ग में जाने दो!'
कहानी का मोरल
अपने जीवन को, अपने दिल को इतना प्यार से भर दो कि अगर गलती से आपको नर्क में भेज दिया जाए, तो शैतान खुद आपको जन्नत तक पहुंचने को मजबूर हो जाए।'
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