बच्चो को अच्छे संस्कार देनेवाली कहानियां
कहानी : दादाजी की सिख | kahani dadaji ki sikh
अपूर्व नाम का 5 साल का बच्चा दिल्ली में अपने दादाजी के साथ घूमने निकला था।
टहलते टहलते एक जगह पर उन्होंने देखा कि एक ग्राहक ने एक मोची का अपमान कर रहा था। वो दावा कर रहा था कि मोची ने उसके जूते में कुछ गड़बड़ की है।
मोची ने शांति से उसकी शिकायतें सुनीं, माफी मांगी और गलती को सुधारने का वादा किया।
अपूर्व और उसके दादा वहा से आगे बढ़े और थोड़ा चलने के बाद कॉफी पीने के लिए रुके।
जहा वे बैठे थे उसकी अगली टेबल पर, वेटर ने एक आदमी से रिक्वेस्ट कि की वह अपनी कुर्सी को थोड़ा साइड पर ले लें ताकि वह उस जगह से आ - जा सके।
गाली-गलौज और ऊंचे आवाज में वह आदमी भड़क गया और उसने हिलने से मना कर दिया।
'तुमने जो देखा है उसे कभी मत भूलना,' अपूर्व के दादाजी ने कहा।
'चमार ने ग्राहक की शिकायत स्वीकार कर ली, जबकि हमारे बगल में यह आदमी हिलना नहीं चाहता था।
दादाजी की सिख
'जो लोग कुछ उपयोगी कार्य करते हैं, वे अपने काम के लिए कुछ आलोचना सुनने से परेशान नहीं होते हैं, लेकिन जो लोग कोई उपयोगी काम नहीं करते हैं, वे हमेशा खुद को बहुत महत्वपूर्ण समझते हैं और अपनी अक्षमता को अपने अधिकार के पीछे छिपाते हैं।'
कहानी : बकरा और उसका बच्चा
एक बकरा अपने बच्चे को रास्ते में आनेवाली बाधाओं को कैसे कूद कर पार करते है ये सीखा रहा होता है।
बच्चा काफी शरारती होता है बकरा उसे बार बार सामने देखकर चलने के लिए कहता लेकिन वो ऊपर देखकर ही चल रहा होता है और ठोकर खाकर बार बार गिरता है।
बकरे के काफी समझाने के बाद आखिरकार बच्चा बधाओ को पार करना सिख जाता है। लेकिन आगे चलकर एक जगह खाई को देखकर बकरा उसे पार करने से डर जाता है तब उसका बच्चा उसे हौसला देता है और मोटिवेट करता है जिससे बकरा भी अपने डर पर काबू पा कर खाई को पार करना सिख जाता है।
कहानी की सिख
दोस्तो छोटी सी ये कहानी हमे बताती है कि बाप बेटे का रिश्ता कैसा होना चाहिए। बेशक हर बाप अपने बच्चो को तो संभालते है ही मगर जब बाप को जरूरत होती है तब उसे संभाले वही सच्ची संतान ।

kya main apki in story ko apne you tube channel me use kar sakta hun agar main description me apko credit dun to ? please reply me
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