कहानी : गरीबी | Moral Story
पुराने,साधारण कपड़े पहने एक महिला ने एक फैंसी रेस्तरां में प्रवेश किया। सभी ग्राहक जो पहले से वहां बैठे थे उसे तिरस्कारभरी दृष्टि से देखते है। वह महिला फटी-पुरानी ड्रेस पहने हुए थी और देखने में गरीब लग रही थी।
परिचारिका (hostess) तुरंत उसके पास दौड़ी, उसने यहां तक कि अपनी घृणा को छिपाने की कोशिश भी नहीं की वो बोली, "मैडम आप शायद गलत जगह चली आई है।" वह बस इतना चाहती थी कि जल्दी से इस बिन बुलाए मेहमान से छुटकारा मिल जाए।
महिला ने घबराते हुए उसकी ओर देखा और पूछा कि क्या यह ताज भोजनालय है?
डाइनिंग हॉल में मौजूद लोग कानाफूसी करने लगे और उनमें से कुछ ठहाके लगाने लगे!
परिचारिका ने दयनीय दृष्टि से महिला की ओर देखा और बोली," आप सही कह रही हो। यह है तो। पर आप क्या चाहती हो मैडम?"
"तुरंत व्यवस्थापक को बुलाओ!" असंतुष्ट ग्राहकों में से एक चिल्लाया, "मैंने यहां पहले से एक टेबल इसलिए नही बुक करवाई है कि कोई भिखारी मुझे खाते हुए देखे!"
महिला ने अपना सिर नीचे कर लिया और धीरे से बोली मैं तुम्हारा ज्यादा समय नहीं लूंगी बेटा।
"मेरा केवल एक अनुरोध है कि आप इस तरफ आइए परिचारिका ने अनिच्छा से बुजुर्ग महिला को अंदर आमंत्रित किया। वो बस किसी तरह उसे बाकी ग्राहकों की नजरो से दूर ले जाना चाहती थी।
अगर मैं तुम्हारी जगह होती तो मैं सिक्योरिटी को बुलाकर उसे बाहर का रास्ता दिखाती ! आपने देखा कि कैसे उससे बदबू आ रही है? वह एक बुरा सपना है! ये सब बोलकर वहां बैठे लोगो ने अपनी भावनाओं को बिल्कुल छुपाया नहीं।
महिला मिठाइयों के शोकेस में गई और काफी देर तक उसे देखती रही।
वेटर उसे देखकर हस रहे है वे केह रहे थे अगर वह यहाँ मुफ्त में खाने की उम्मीद करती है तो उसे कुछ नहीं मिलने वाला है! ऐसा लगता था कि महिला ने उनकी बातो पर ध्यान नहीं दिया।
महिला बोली मुझे बताओ बेटा क्या लेमन केक को केवल आधा खरीदना संभव है? इसकी लागत क्या है? मेरे पास 10 - 10 की 17 नोट हैं, उसने हाथ में कुछ मुड़े-तुड़े पुराने नोट दिखाते हुए पूछा।
वेटर्स ने बमुश्किल हँसी रोकी। "मैडम मुझे नहीं लगता कि आपके पास इस केक के एक टुकड़े के लिए भी पर्याप्त पैसा है!"
यह केवल केक नही है बल्कि हमारे महाराज(शेफ) द्वारा किया गया कला का काम है! इसके अलावा हम इसे आधे में नहीं बेचते हैं।
गरीब महिला शर्मसार हो गई, उसे ऐसा लगा कि उसके अंदर कुछ टूट गया हो। धीरे-धीरे वह निराश कदमों से चलते हुए बाहर निकलने लगी।
अचानक उसे रेस्तरां के कोने में अपनी पत्नी के बगल में बैठे सैन्य वर्दी पहने एक व्यक्ति ने बुलाया। "मैडम कृपया यहाँ आओ! आप बहुत निराश लग रही हैं! कुछ हुआ है?” उसने चेहरे पर मुस्कान के साथ पूछा।
"मेरी बेटी। वह बहुत बीमार थी। जब वह बच्ची थी तो हम इस रेस्टोरेंट के पास से गुजरते थे और वह काफी देर तक दुकान की खिड़कियों को देखती रहती थी। हमने एक दिन यहां लेमन केक खाने का सपना देखा लेकिन फिर वह बीमार हो गई।
मेरे पति चले गए और हम दोनो का पेट पालने के लिए मुझे नोकरी करनी पड़ी। मेरे पास इलाज जारी रखने के लिए पैसे नहीं हैं इसलिए अब में उसके लिए कुछ भी नहीं कर पा रही हु तो मैने सोचा कम से कम उसे ये केक ही दिला दूं , लेकिन मेरे पास केवल 10 की ये 17 नोट हैं। “इतना कहते हुए उसके आंखो से आंसू बह निकले।
बिना किसी हिचकिचाहट के उस फौजीने वेटर को बुलाया और उसे अपने खर्च पर महिला के लिए एक पूरा लेमन केक पैक करने को कहा।
उन्होंने महिला से कहा," आज 17 साल हो गए हैं जब हमने अपने बेटे लक्ष को खोया था। एक कार दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गई थी। मैं और मेरी पत्नी कुछ नहीं कर पाए हालाकी वह एक डॉक्टर हैं। आपके पास में 17 नोट है और मेरा बेटा 17 साल का था, ये ऊपर वाले का इशारा नही है तो क्या है?"
फौजी की पत्नी ने गरीब महिला को अपना बिजनेस कार्ड दिया और बेटी के इलाज में मदद करने का वादा किया।
जब वेटर महिला के लिए लेमन केक लेकर आया तो महिला के चेहरे पर एक कृतज्ञ मुस्कान आ गई। उसने फौजी और उसकी पत्नी को धन्यवाद दिया और वहां से चली गई।
इस घटना के बाद रेस्टारोंट में सब खामोश थे,सभी को उस फौजी ने एहसास दिला दिया था की पैसों से भले ही वो महिला गरीब थी लेकिन वहां बैठे सभी लोग विचारों से और दिल के गरीब थे सिवा उस फौजी दंपती के ! अब वहां किसी को भी हँसने का मन नहीं कर रहा था।

धन्यवाद। मैं एक वॉइस ओवर कलाकार हूं। क्या अनुमति मिल सकती है। मैं इस कहानी को रिकॉर्ड करना चाहता हूं। आपका विवरण भी होगा। My contact: 9725466546
जवाब देंहटाएंVery emotional and beautiful story 😍
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