आज इस लेख में आप पढ़ेंगे एक प्रेरक हिंदी कहानी। अगर आप इंटरनेट पर motivational story in hindi सर्च कर रहे है तो आपकी खोज यही खत्म होती है क्योंकि ये कहानी सच मे आपको Motivate कर देगी बस आपको इसे ध्यान से पूरा पढ़ना है
![]() |
| Motivational story |
' आत्मविश्वास ' एक प्रेरक कहानी | short Motivational Story in hindi
दक्षिण भारत में एक राज्य था। ये राज्य सेना, विस्तार और धन के मामले में बाकी बाकी राज्यों से थोड़ा छोटा था। यहां का राजा अपनी प्रजा का काफी अच्छे से ध्यान रखता था। वो ये सुनिश्चित करता की उसकी प्रजा हमेशा खुश और सुखी रहे।
सैन्य बल कम होने की वजह से अक्सर इस राज्य पर पड़ोसी राजा हमला कर इस राज्य को हथियाने की कोशिश करते लेकिन राजा और राज्य को चाहनेवाले सैनिक जी जान से उनका सामना करते और अपने राज्य को बचाते।
एक बार इस राज्य पर 10 गुना बड़े सैन्य बल वाले राज्य ने हमला करने का ऐलान किया! इस वजह से इस राज्य के हिम्मती सैनिकों की हिम्मत जवाब देगई। राजा को अपने सैनिकों को यू डरा हुआ देखकर चिंता होने लगीं।
राजा ने अपने सेनापति के साथ एक बैठक कर इस बारे में काफी सोच विचार किया। राजा ने इस समस्या के लिए सेनापति से उपाय चाहा। राजा ये देखकर दंग और निराश हो गया की उसकी सेना का सेनापति भी इस घटना से डर कर हार मानने की और आत्मसमर्पण करने की बात कर रहा था। उसके हिसाब से इतनी बड़ी सेना का सामना करके सैनिकों की जान गवाने से अच्छा है सामने वाले राजा से हार स्वीकार कर समझौता कर लिया जाए!
अपने सैनिको और सेनापति के ऐसे रवैये से निराश राजा अपने सन्यासी गुरु के पास जाता है और सारी परिस्थिति से उन्हें अवगत कराता हैं। राजा की बात और परेशानी समझने के बाद गुरु उसे कहता है की सबसे पहले उस सेनापति को कारागार में डाल दो जो बिना लड़े ही हार मान गया!
राजा ने कहां अगर वो ऐसा करता है तो उसकी सेना का नेतृत्व कोन करेगा? गुरु ने कहां मैं भी इसी राज्य में रहता हु और अब मुझे भी अपनी राज्य का ऋण चुकाने का अवसर मिला है इसलिए मैं सेना का नेतृत्व करने के लिए तैयार हुं!
हालाकी राजा को ये समझ नही आ रहा था की एक संन्यासी गुरु जिसने कभी कोई युद्ध नही लड़ा कैसे सेना का नेतृत्व कर सकता है? लेकिन और कोई मार्ग न होंने से राजा मान गया।
गुरु अपनी हताश सेना को लेकर युद्ध के लिए कुच कर गया। चलते चलते सेना एक मंदिर के पास पहुंची। गुरु ने सेना को वही रोका और बोला आप सभी यही ठहरो मैं इस मंदिर में जाकर भगवान से पूछकर आता हूं की इस युद्ध में हम जीत पाएंगे या नहीं?
अपने नए सेनापति की बात सुनकर सभी सैनिकों को अजीब लगा कुछ सैनिकों ने उन्हें पूछा इस मंदिर में पत्थर को मूर्ति कैसे आपको हमारी हार या जीत के बारे में बताएगी?
गुरु ने कहां मैने सन्यासी जीवन के दौरान तपस्या कर कुछ दिव्य शक्तियां पाई हैं जिनकी मदद से मैं भगवान से बात कर सकता हूं! इतना कहकर वो मंदिर के अंदर चले गए।
कुछ मिनटों बाद जब गुरु लौटा तब सैनिकों ने उनसे पूछा की भगवान ने उनसे कया कहां?
गुरु ने कहां भगवान ने कहां है अगर आपको मंदिर में कोई रोशनी दिखाई दे तो आपकी जीत पक्की है।
अब सभी सैनिक उसकी मंदिर के पास रूक कर मंदिर की तरफ देखने लगे इस आशा में को उन्हे वहां पर कोई रोशनी दिखाई दे। वे सभी पूरा दिन वही पर बैठे रहें और आखिरकार शाम होते होते उन्हे मंदिर के अंदर एक रोशनी दिखाई दी!
सभी सैनिक खुशी से झूम उठे और एक नए आत्मविश्वास के साथ युद्ध के लिए रवाना हुए। ये युद्ध आसान नहीं था लेकिन सभी सैनिक इतने आत्मविश्वास से भरे हुए थे की कोई भी हार मानने के लिए तैयार ही नहीं था!21 दिन चले लंबे युद्ध के बाद इस छोटे से राज्य के बहादुर सैनिकों ने अपने से कई गुना बड़ी सेना को हरा दिया।
जीत के बाद अपने राज्य वापिस लौटते समय रस्ते में में फिर वही मंदिर आया तो सैनिकों ने गुरु से कहां की वो मंदिर जाकर भगवान को इस जीत के लिए धन्यवाद कहकर आए क्योंकि भगवान ने हो तो उन्हें रोशनी दिखाकर इस जीत का भरोसा दिलाया था!
गुरु ने अपने सैनिकों से कहां इसकी कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वो रोशनी एक दीपक की थी जिसे उन्होंने ही दिन में वहा जलाया था । दिन में सूरज की रोशनी के कारण दिए की रोशनी किसी को नजर नहीं आई लेकिन जैसे ही सूरज ढला तो दिए की रोशनी सबको दिखाई देने लगीं!
गुरु की समझदारी और बुद्धि के कारण एक असंभव काम भी संभव हो गया। सभी सैनिकों और राजा ने गुरु के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
दोस्तों, यह प्रेरक कहानी एक राजा, सैनिक या गुरु की जरूर है, लेकिन इसमें सबसे बड़ा हीरो है आत्मविश्वास। अगर आपमें आत्मविश्वास है तो आपके लिए हर मुश्किल काम आसान हो जाता है। इसलिए दोस्तो हमेशा खुद पर विश्वास बनाये रखे।
खास आपके लिए 👇
