दोस्तों, मैंने कई सारी मोरल कहानियां पढी है, आपने भी पढ़ि होगी लेकिन कुछ मोरल कहानियां ऐसी होती है जो बेहद खास होती है क्योंकि वह हमारे खुद के बारे में होती आज यह मोरल कहानी भी आपको वही एहसास दिलाने वाली है इसलिए इसे बहुत ध्यान से पढ़िएगा।
Short Story in Hindi with Moral
एक शहर के पास एक जंगल था जहां दो भिखारी रहा करते थे क्योंकि उनके पास रहने के लिए कोई घर नहीं था इसलिए जंगल को ही उन्होंने अपना घर बना लिया था। किसी इंसानों के घर के पास रहने पर वो उन्हे वहा से हटा देते इसलिए उन्होंने जानवरो के घर यानी की जंगल में ही रहना मुनासिफ समझा।
स्वाभाविक रूप से वे दुश्मन की तरह एक दूसरे को देखते थे क्योंकि वे एक ही पेशे में थे और दोनो में एक दूसरे से ज्यादा भीख के पैसे जुटाने की प्रतिस्पर्धा थी।
दोनों भिखारियों में से एक अंधा था और एक लंगड़ा था और वे हमेशा अपने ग्राहकों( भीख देनेवाले लोग) को लेकर झगड़ते रहते थे।
आप नहीं जानते कि भिखारी आपके बारे में क्या बाते करते है। उनके अपने ग्राहक हैं, उनके अपने क्षेत्र हैं।
वे दोनों भिखारी लगातार लड़ रहते थे,उन्हे एक दूसरे के कारण बड़ा संघर्ष और प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती थी भीख मांगने मे इसलिए वो दोनों भिखारी सालों से दुश्मन थे।
ये दुश्मनी ऐसे ही चलती रहती लेकिन एक दिन जंगल में आग लग गई!
अंधा भिखारी चलने और दौड़ने में पूरी तरह सक्षम था, लेकिन यह उसके लिए खतरनाक था कारण वह देख नही पा रहा था कि वह सही दिशा में जा रहा है या नहीं।
लंगड़ा आदमी सब देख तो सकता था लेकिन अपने आप नहीं चल सकता था। वो आग को तेजी से अपनी तरफ बढ़ते हुए देख रहा था लेकिन बेबस था ,वहा से हिल नहीं पा रहा था।
आग इतनी तेजी से फैल रही थी और हवाएं इतनी तेज थीं, लेकिन वह देख सकता था कि अभी भी बाहर निकलने की संभावना थी।
कुछ स्थान ऐसे थे जहां आग अभी तक नहीं पहुंची थी। लेकिन जल्द ही आग वहां पहुंच सकती थी।
जल्द ही, वे हर तरफ से आग से घिर जाएँगे। वे दोनों अपना सारा विरोध, प्रतिस्पर्धा भूल गए।
यह लड़ने का समय नहीं था, यह एक होने का समय था।
और उस अंधे ने लंगड़े को अपने कन्धे पर उठा लिया, और वे एक शरीर कि तरह काम करने लगे।
अब उनकी आंखें थीं और उनके दोनों पैर थे।
लंगड़ा आदमी देख सकता था, और निर्देशित कर सकता था कि उन्हें कहाँ भागना है? तेज़ या धीमे और किन दिशाओं से बचना है!
और अन्धा लंगड़े को कन्धों पर उठा कर दौड़ने के सामर्थ था। वे बिना घायल हुए जंगल से बाहर आ गए।
यह प्राचीन कहानी आपके दिमाग और आपके दिल के बारे में है। आपका दिल देख सकता है, लेकिन कह नहीं सकता। आपका दिमाग कह सकता है, लेकिन देख नहीं सकता।
यदि आप अपने दिल और दिमाग को, अपने प्रेम और तर्क को करीब लाने में सक्षम हैं, अपने अनुभव और अभिव्यक्ति को करीब लाने में सक्षम हैं, तो शायद मन भी कुछ महत्वपूर्ण कह सकता है।
यह पूर्ण नहीं हो सकता है, यह संपूर्ण अभिव्यक्ति नहीं हो सकता है, लेकिन यह सही दिशा में एक संकेत हो सकता है। मैं ऐसा नही कहता की दोनो के साथ आने से गलतियां नही होगी लेकिन उतनी नहीं होगी जब वे अलग अलग रहते हुए होती है।
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