आज की कहानी छोटी और बड़ी प्यारी है । इस कहानी को पढ़कर जितना मजा आएगा उतना ही इससे मिलनेवाला सबक जीवन में काम आएगा इसलिए इस कहानी को एक बार पूरी जरूर पढ़िएगा..
दो दोस्तो का झगड़ा : शिक्षाप्रद कहानी | Leassonable Hindi story
एक बार दो दोस्त एक गांव में से दूसरे शहर में जा रहे थे। और चलते चलते दोपहर हो गई। एक दोस्त बोला हम खाना खा लेते हैं। फिर वह दोनों खाना खाने की लिए एक जगह रुके।
खाना खाते समय उनके बीच किसी विषय पर झगड़ा हुआ। झगडा इतना बढ़ गया कि एक दोस्त ने दूसरे दोस्त को जोर से थप्पड़ मारा। थप्पड खाने के बाद ही दूसरा दोस्त चुप रहा और उसे कुछ नहीं बोला।
पेड़ की डाली टूट कर नीचे गिरी और उसे उठाकर उस डाली से मिट्टी में लिखा कि आज मेरे जिगरी दोस्त ने मेरे पर हाथ उठाया।
फिर कुछ देर बाद वह दोनों फिर से शहर जाने के लिए चलने लगे पर वह दोनों आपस में बात नहीं कर रहे थे।
थोड़े आगे जाके नदी के पास चलते हुए जिस दोस्त ने थप्पड़ खाई थी उसका पैर फिसला और वह नदी में गिर गया। उसको तेहरना नहीं आता था वह जोर-जोर से चिल्लाने लगा। फिर उसका पहला दोस्त भाग के आया और उसने उसकी जान बचा ली।
थप्पड़ खाने वाले दोस्त ने एक नुकीला पत्थर उठाया और पेड़ के थड़ पर लिखा लिखा कि आज मेरे जिगरी दोस्त ने मेरी जान बचाई!
यह लिखावट देखकर उसका पहला दोस्त उसे पूछने लगा कि मैंने जब तुझे थप्पड़ मारा तब तूने उस मिट्टी पर लिखा और जब मैंने तेरी जान बचाई तो तूने पेड़ पर लिखा, ऐसा क्यों?
दूसरे दोस्त ने उत्तर दिया कि जब कोई हमारा मन दुखाता है तब हमे उसे मन से नहीं लगाना चाहिए। तुमने भी देखा होगा मेरे मिट्टीपर लिखे शब्दों को हवाने मिटा दीया और कोई जब हमारी मदत करते हैं और हमारे साथ अच्छा व्यवहार करते हैं तो वह कभी भी भूलना नहीं चाहिए।
मैने जो पेड़ के थड़ पर लिखा है वह कभी भी मिट नहीं सकता। यह सब बातें मेरे मन की गहराई तक जाके बस गई है।
अपने दोस्त की बाते सुन थप्पड़ मारने वाले दोस्त ने उसे गले से लगा लिया और उसे थप्पड़ मारने और झगड़ा करने के लिए माफी भी मांगी।
हमें इस कहानी से यही सीख मिलती हैं कि इंसान का अपना पन मन की गहराई तक रखना चाहिए। सकारात्मक बातो को हमेशा याद रखना चाहिए और नकारात्मक बातो को जितनी जल्दी हो सके मन से निकाल फेकनी चाहिए।
