एक छोटी सी कहानी दोस्ती की | friendship story

 एक छोटी सी कहानी दोस्ती की  | friendship story


एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में आदित्य और विजय नामक दो दोस्त रहते थे। वे साथ में खेलते-कूदते थे, कोई भी काम हो साथ में करते या कही आते जाते तो साथ में ही। वे एक-दूसरे के सहारे रहते थे। दिन भर साथ में कठिनाइयों का सामना करते थे और खुशियों का अनुभव करते थे।


एक छोटी सी कहानी दोस्ती की  | friendship story


एक दिन, जब वे घूमने निकले तब उन्होंने गांव के पास के जंगल में एक पुराना छोड़ा हुआ कुआं देखा। वे उसके पास गए और उसे सुका हुआ पाया। उन्होंने देखा कि उस कुवे में एक छोटा पौधा जीने की कोशिश कर रहा है।


दोनों दोस्तों को पौधे के प्रति दया हुई और उन्होंने तय किया कि वे इसे अपने गांव में ले जाएंगे और इसकी देखभाल करेंगे। उन्होंने पौधे को नीचे से खुदाई की और उसे धीरे-धीरे कुआं से निकाल लिया।


वापस गांव में, उन्होंने पौधे के लिए एक ठीक स्थान ढूंढ़ा, और उसे वहाँ रखा। उन्होंने उसे "आशा" नाम दिया क्योंकि उन्होंने सोचा कि वो आशा और सफलता का संकेत है।


समय के साथ, आदित्य और विजय अलग-अलग दिशाओं में चले गए। वे अपने अपने काम में व्यस्त हो गए और उनकी दोस्ती में कमी गई। दूसरी तरफ आशा जिसकी वे दोनों मिलकर देखभाल करते वो भी अकेली हो गई और कमजोर हो गई।


एक दिन, जब विजय गांव के पास से गुजर रहा था, उसने देखा कि आशा बहुत कमजोर हो गई है। उसकी पत्तियाँ सूख रहीं थीं और उसका रंग-बिरंगा चमक खत्म हो गया था। विजय को दुख हुआ और वह जल्दी से अदित्य को ढूंढ़ने निकल पड़ा। उन्होंने बातचीत की और मिलकर समस्या को हल करने का निर्णय लिया।


उन्होंने पौधे को पानी दिया, उसे संरक्षित स्थान में रखा, और उसकी सुरक्षा के लिए सारे उपाय किए, उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया। उन्होंने काफी वक्त बाद मिलकर बातचीत की और अपने खुशियों और दुःखों को साझा किया।


उनके प्रयास से, आशा को फिर से जीने की शक्ति मिली। उसकी पत्तियाँ फिर से उज्ज्वल हुईं और वह फिर से विकसित होने लगी। वह एक सुंदर वृक्ष बन गई और उसकी छाया और फूल लोगों को सुख और आनंद देते थे। इस वृक्ष ने समुदाय की एकजुटता और दोस्ती की महत्वपूर्णता को याद दिलाया।


आदित्य और विजय ने उस दिन एक महत्वपूर्ण सबक सीखा। उन्होंने जान लिया कि सच्ची दोस्ती विश्वास और सहयोग की जड़ों से जुड़ी होती है। उन्होंने वचनदिया की वे एक-दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ेंगे और उनकी दोस्ती को हमेशा महत्व देंगे। जब वे आशा की छांव में खड़े होते , तो उन्हें यह यकीन होता है कि उनकी दोस्ती और उनका संघर्ष सबकुछ बहोत सुंदर और अनमोल है।


 दोस्तों मैं जानता हूं इस छोटी सी दोस्ती की कहानी को पढ़कर आपको अपना वह दोस्त याद आया होगा जिससे आप काफी समय से नहीं मिले। किसी वजह से उसके टच में नहीं रह पा रहे हैं। तो चलो उससे मिलने की आज ही कोशिश शुरू करो। इस कहानी को उसके साथ शेयर करो ताकि उसके मन में भी यही ख्याल आए और आपकी दोस्ती को एक नया रूप एक नई ताकत मिल जाए।

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