बेटे को सिख : कहानी अच्छे संस्कार देने की | Sanskaro ki Kahani

 रूद्र के स्कूल में गर्मी की छुट्टियां थी। इसलिए रूद्र दिन भर घर पर रहता, टीवी देखता, मोबाइल फोन पर गेम खेलता और घर पर सारा दिन आराम करता। लेकिन गर्मी के दिन होने के कारण वह दिन भर घर में एसी चालू रखता था।


बेटे को सिख : कहानी अच्छे संस्कार देने की | Sanskaro ki Kahani


 उसके माता-पिता ने उसे समझाया कि ज्यादा गर्मी हो तो थोड़ा ऐसी चला लो, बाकी समय पंखा काम कर सकता है लेकिन रूद्र ने उनकी एक नहीं सुनता और पूरे दिन एसी चालू रखता था।


 मम्मी पापा उससे नाराज होते, उस पर गुस्सा होते, इसलिए वह घर में बवाल मचाता था।  इस वजह से उसके माता-पिता बेबस थे। पूरे दिन एसी चलाने से बिजली का बिल अधिक आने वाला था।


 मम्मी और पापा इस बात को समझते हैं और अब वे तय करते हैं कि  रूद्र को अलग तरीके से समझाना होगा! 


1 दिन माता-पिता रूद्र से कहते हैं कि हम नया घर खरीदना चाहते हैं ! चलो तुम हमारे साथ। हम फ्लैट देखने जाते हैं। यह सुनकर रूद्र बहुत खुश हो जाता है और वह अपने माता पिता के साथ नया फ्लैट देखने जाता है।


 उसके माता-पिता उसे अंडर कंस्ट्रक्शन साइट पर लेकर गए। दोपहर का वक्त था बहुत ज्यादा धूप थी। गर्मी ज्यादा हो रही थी। रुद्र आते समय भी उसके पापा को गाड़ी में ऐसी लगाने को कहता है!


 कार से निकलने के बाद वह सभी फ्लैट देखने जाते हैं। फिर पापा रूद्र से कहते हैं रूद्र देखा यह सब लोग कितने दुख में काम करते हैं? उनके पास में ना पंखा है ना कूलर और ना ही एसी लेकिन सभी आदमी मेहनत करते है और पैसे कमाते है। तो पैसे की कीमत होनी चाहिए की नही?


 रुद्र को समझ नहीं आता कि पापा क्या कह रहे हैं? उसके बाद वह सभी फ्लैटों को देखकर आ जाते हैं, कंस्ट्रक्शन साइट पर वॉचमैन के रूप में काम करने वाले अंकल  फ्लैट के बारे बताते हुए कहते हैं की हमारे बिल्डर साहब थोड़ी देर बाद यहां आ जाएंगे तब तक आप नीचे जाइए। वहां पर आपको पीने के लिए ठंडा पानी देता हूं। 


तभी हमेशा फ्रिज का पानी पीने वाला रूद्र को मटके का पानी बहुत पसंद आता है। वो कहता है ज्यादा ही अच्छा है यह पानी! मम्मी पापा हंसने लगे। रूद्र उस वॉचमेन  अंकल   को बोलता है कि आपका यह घर पतरे का  है? आपको तो बहुत बहुत गर्मी होती होगी ना यहां?


 वॉचमेन अंकल  बोले हां बेटा, बहुत गर्मी होती है। सिर्फ घर में की औरतें ही घर में सोती है। हम सभी पुरुष बाहर सोते हैं। पर मच्छर भी बहुत काटते हैं बेटा।


 रूद्र पूछता है फिर आपके  घर  में एसी नहीं हैं क्या? इस वॉचमेन  अंकल  को एसी  का  मतलब पता ही नहीं था। और वे पूछते हैं एसी  क्या होती है बेटा? तभी  रुद्रा उनको कहता है आपको एसी का मतलब पता  नहीं है क्या? फिर कुलर या फैन तो होगा ना आपके घर में? तभी  वॉचमेन अंकल बोले एक फैन है पर वह बहुत धीरे-धीरे घूमता है और ज्यादा फैन एस्तमाल  किया तो बील भी ज्यादा आएगा ना!


 फिर बिल्डर साहब चिल्लाएंगे  हम पर इसलिए ज्यादा नहीं चलाते हम फैन। यह सुनकर रूद्र को बुरा लगा वह बोला मम्मी पापा इनको कितनी गर्मी होती होगी ना? तभी वॉचमेन  अंकल  का पोता वहां पर आ जाता है। उम्र में वो रूद्र जितना था। उसके कपड़े गंदे थे।


 रूद्र पूछता है वॉचमेन  अंकल यह कौन है?वॉचमैन अंकल उसे बताते है यह मेरा पोता है। वैसे तो वह गांव में रहता है पर अब छुट्टी है तो आया है यहां। रुद्र उस लड़के को पूछता है तुम्हे  इस घर में बहुत गर्मी होती होगी ना? तो फिर तुम्हें एसी  में बैठने का मन नहीं होता है क्या?


 तभी वह लड़का उसे बोला घर में गर्मी  होती है पर हमारे पास ज्यादा पैसे नहीं है ना ऐसी लगवाने के लिए, यह सुनकर रूद्र को बहुत बुरा लगा। रूद्र मम्मी-पापा के साथ घर वापस चला जाता है। वह कुछ तो सोच रहा होता है। उसके पापा उसे पूछते है की रूद्र बेटा क्या हुआ इतना शांत क्यों बैठे हो?


 रूद्र बोला पापा उस वॉचमैन अंकल को और उनके घर के लोगों को उस छोटे से मेरे जितने लड़के को घर में कितनी गर्मी होती होगी! हम उनके लिए कुछ कर सकते हैं क्या? पापा बोले हम भला क्या कर सकते हैं?तभी रूद्र बोला हम उन्हें एक नया कूलर ले कर दे और ज्यादा बिल आए तो वह भी पैसे हम दे! पापा उस पर बोले यह कैसे मुमकिन है रूद्र पहले से ही तुम घर में दिनभर ऐसी लगाते हो उसका बिल भरना अफोर्ड   नहीं कर सकते है। फिर उनके लिए कहां से पैसे आएंगे?


रूद्र बोला पापा आज से मैं एसी  ज्यादा वक्त नहीं चलाऊंगा। आप जब कहोगे तभी चालू करूंगा। आप चाहे तो हम सिर्फ फैन ही यूज करेंगे पर जो पैसे बचेंगे उसमें से उस वॉचमैन अंकल के लिए कुलर  लेते हैं। थोड़ा लाइट बिल के पैसे देंगे उनको। इस कड़क धूप से थोड़ा आराम मिलेगा।


 यह सुनकर रूद्र के मम्मी पापा को बहुत खुशी हुई। और वह बोले रुद्र हमें बहुत खुशी हुई की एक इंसान के तौर पर दूसरे इंसान के दर्द और पीड़ा को समझना और उसके लिए कुछ करना ही एक सच्चे इंसान की निशानी है और तुम ऐसा कर रहे हो।हमें तुम पर बहुत ज्यादा गर्व है।


यह सुनकर रुद्रा बहुत खुश होता हैऔर उसी दिन के बाद वह ऐसी का स्विच ऑन नहीं करता और फैन से एडजस्ट करता है और उस वॉचमेन अंकल  के लिए नया कूलर लेकर जाते हैं,जिससे सभी बहुत खुश होते हैं।


बच्चे तो बच्चे होते है। वे बचपना करेंगे, वे शरारत करेंगे वो हर चीज को खेल समझेंगे जबतक उनको अच्छे से समझाया ना जाए। उनकी नादानी को उनकी ज़िद्द न समझे उनको समझाने से या डांटने या पीटने से पहले एक बार खुद को समझाओ की क्या आपने उन्हे अच्छी तरीके से जैसा उनको समझने में आसानी हो वैसे समझाया?

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