कोन बड़ा मूर्ख ? नैतिक कहानी | Moral Story
कहते है होशियार लोगो से दुश्मनी कर लो लेकिन मूर्खो के साथ दोस्ती कभी मत करना। यह भले ही एक कहावत सही लेकिन काफी गहरी बात है जो हम सभी को जीवन में लागू करनी चाहिए। इसी बात कोनार भी ज्यादा अच्छे से समझने केबलिये जानते है एक रोचक कहानी। तो चलिए पढ़ते है कहानी...
एक जंगल में काफी ज्यादा ठंड का मौसम था। किसी दूसरे जंगल से 3 बंदर इस जंगल में आ गए थे। उनके लिए यहां की ठंड उनके पुराने ठिकाने से कई ज्यादा थी इसलिए वे ठंड से बचने के लिए उपाय सोचने लगे। वो एक पेड़ के पास आ पहुंचे जिसकी आड़ में उन्हे ठंडी हवाओं से थोड़ी राहत मिली। इस पेड़ पर एक तोता रहता था। तोता बंदरो की हर हरकत पर नजर रखे हुए था।
थोड़ी देर बाद जब ठंड और ज्यादा बढ़ गई तो बंदरो ने गर्मी पाने के लिए आग जलाने का निश्चय किया । आग जलाके ठंड से राहत पाते हुए बंदरो ने मनुष्यो को देखा हुआ था। उन्होंने उनकी ही तरह नकल करते हुए सुकी लकड़ियां और सुके पत्ते इकठ्ठा कर के पेड़ के पास ढेर लगाया। अब सवाल यह था कि आग जलाए कैसे?
बंदरों ने देखा था कि इंसान किसी चमकती हुई चीज को फूंक मारकर लकड़ियों को जलाते थे। एक बंदर की नजर चमकते हुए जुगनू पर पड़ी। उसने बाकी दो बंदरों का ध्यान भी उस झुकने की तरफ खींचा। तीनों ने मिलकर बड़ी मेहनत से उस जुगनू को पकड़ लिया। उन्होंने जुगनू को लकड़ियों के ढेर के बीच रखा और तीनों मिलकर फूंक मारने लगे!
तोता जो पेड़ पर बैठकर यह सब देख रहा था उससे रहा नहीं गया तो उसने वहीं से बंदरों को आवाज लगाते हुए कहा,"आगे ऐसे नहीं जलती। वह जुगनू है कोई चिंगारी नहीं है!"
तीनों बंदरों ने उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया और वह फूंक मारते रहे। जब काफी देर तक बंदर फूंक मारते ही रहे तब तोता बंदरों के पास नीचे आया और बोलने लगा," क्या तुम्हें समझ में नहीं आता? क्या तुम लोग मूर्ख हो? आग चिंगारी से जलती है और यह जुगनू कोई चिंगारी नहीं है।"
तोते की ऐसी बातें सुनकर एक बंदर को काफी गुस्सा आया। उसने उस तोते को पकड़ लिया और जोर से जमीन पर पटक दिया। थोड़ी ही देर में तोते की उसी जगह पर मृत्यु हो गई।
दोस्तों देखा आपने कैसे मूर्खों को समझाने की कोशिश में तोते को अपनी जान गंवानी पड़ी! इसीलिए अपने आसपास हमेशा होशियार लोग रहे इसका ध्यान रखना चाहिए ज्यादा नुकसान होता है।
