कहानी ' अंखड़ परिवार का राज ' | Rochak kahaniyan

 कहानी ' अंखड़ परिवार का राज ' | Rochak kahaniyan


जापान के सबसे बड़े परिवार की ये कहानी आपको पसंद तो आयेगी ही साथ ही साथ आपको कुछ ऐसा अमूल्य पाठ सीखा जायेगी जिसे अपने जीवन में लागू करने से आप अपने परिवार को बिखरने से हमेशा बचा पाएंगे। चलिए जानते है क्या है कहानी?




जापान में एक सबसे बड़ा परिवार जिसके सदस्यों की संख्या 1000 के आसपास थी अपनी एकता और अंखड़िता के लिए जाना जाता था। लोग उनकी मिसाले दिया करते थे की परिवार हो तो ऐसा।


प्रख्यात इस परिवार के बारे में जान कर उस वक्त के राजा को भी बड़ा आश्चर्य हुवा। राजा को लगा कि इतने ज्यादा लोग वो भी बिना झगड़ो और बिना मनमुटावों के कभी रह ही नहीं सकते जरूर इस परिवार की अखंडता के बारे में सारी अफवाए होंगी।


 फिर भी लोगो से राजा ने उनके बारे में इतनी ज्यादा तारीफे सुनी थी की अब राजा का मन इस बात की सच्चाई जानने के लिए विचलित हो गया। राजा    एक दिन इस परिवार से मिलने उनके घर पहुंच गया!


राजा जब परिवार के सदस्यों से मिला तो सबके  चेहरों पर चमक और खुशी थी। राजा इस परिवार के मुखिया जो काफी ज्यादा बूढ़े हो चुके थे और बोलने में भी असमर्थ थे उनसे बोले...

मैने आपके परिवार की खुशी और एकता तो देख ली अब आप बताइए ये सब इतने बड़े परिवार में कैसे मुमकिन हो पाया? इसका राज क्या है?


बुढा मुखिया जो बोल नही पा रहा था उसने थरथराते हाथों से एक कागज में कुछ लिखा और राजा को दिया।


राजा ने जब उस कागज को पढ़ा तब उसमें सिर्फ एक ही शब्द लिखा हुआ था ' सहनशीलता '! मुखिया के बड़े बेटे ने राजा से कहा उनके पिता ने घर के हर एक सदस्य को सहनशीलता का पाठ पढ़ाया है। उनके हिसाब से सहनशीलता जहां होती है वहां क्रोध नहीं पनपता, जहां क्रोध नहीं होता वहां मनमुटाव नहीं होते और जहां मनमुटाव नहीं होते वहा बिखराव नहीं होता।


तो दोस्तों अपने छोटों को, अपने बच्चों को सहनशीलता का पाठ अवश्य पढ़ाए, और खुद भी जीवन में सहनशीलता लाए। सहनशीलता ही आपके परिवार को बिखरने से रोक सकती है।


एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने