100 प्रतिशत : नैतिक कहानी | Moral Story
एक बच्चा और एक बच्ची दोनों खेल रहे थे। बच्ची के हाथ में एक मिठाई का बॉक्स था। बच्चों के हाथ में कई सारे रंग बिरंगी कांच की गोलियां (कंचे) थे।
बच्चे को मिठाई खाने का मन हो रहा था। बच्ची कंचों के साथ खेलना चाहती थी। बच्चों ने बच्ची से कहा कि अगर तुम मुझे अपने मिठाई का बॉक्स देती हो तो मैं तुम्हें अपने सारे कचे दे दूंगा। बच्ची खुशी से इस शर्त के लिए राजी हो गई।
बच्ची ने तुरंत अपने पास बॉक्स में रखी सारी मिठाई बच्चों को थमा दी। लेकिन बच्चे ने उसके पास रखी गोलियों में से सबसे सुंदर और चमकीली गली अलग कर दी और बाकी की गोलियां बच्चों को दे दी।
दिन बीतने के बाद रात को बच्ची बहुत सुकून की नींद सोई लेकिन बच्चा पूरी रात यही सोचता रहा की क्या बच्ची ने भी उसकी ही तरह सबसे अच्छी मिठाई छुपा के रख दी होगी क्या? क्या बच्चे ने अपना वादा निभाया होगा क्या?
दोस्तों यह कहानी छोटे बच्चों की जरूर है लेकिन यह कहानी हर उसे बड़े की है जो अपने पार्टनरशिप में हंड्रेड परसेंट नहीं देता है। और जब आप खुद अपनी तरफ से हंड्रेड प्रतिशत नहीं देते हो तो फिर आप सामने वाले से कैसे अपेक्षा कर सकते हो कि वह आपको पूरा शत प्रतिशत दें? फिर चाहे वह वफा हो, ईमानदारी हो या प्यार!!

Absouletly right
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