दिवाली की सजावट : हिंदी कहानी | Hindi Kahani
दीपावली की रोशनी से आसमान चमक उठा था। गलियों में जगमगाती दीपकों की रौशनी ने सबको ख़ुशी और उत्साह से भर दिया। गांव के एक छोटे से घर में रहने वाले राजू ने भी अपने घर की रौनक बदलने का फ़ैसला किया था।
राजू के परिवार में उसके पिता, माता और एक छोटे भाई थे। वे सभी मिलकर मिलजुलकर जीने की कोशिश करते थे, लेकिन आर्थिक समस्याएँ हमेशा सिर पर सवार रहती थीं। राजू का पिता एक छोटे से दुकान में काम करते थे और माता घर के काम करती थीं।
दीपावली के मौके पर, गांव के हर घर में उत्सव की तैयारियाँ थीं। राजू भी अपने घर को सजाने का इरादा कर रहा था। लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे बड़ी ख़ास सजावट कर सकें। फिर भी, उसने जो कुछ भी उनके पास था, उसीसे दीपावली की की सजावट में इस्तेमाल कारने का तय किया।
राजू ने घर के आसपास सबसे अच्छे तरीके से दीपक और रंगों की रौशनी से अपने घर को सजाया। वह सुबह से ही उत्साहित थे और खुशी-खुशी दीपक सजाने में जुट गए। उसके छोटे भाई ने भी उसकी मदद की और सबकुछ अच्छे तरीके से तैयार किया।
शाम को, जब सूर्य ढलकर अपने संगी नींद में चला गया, गांव की राहें दीपों की रौशनी से जगमगाने लगी। राजू के घर की दीपावली की सजावट अद्भुत दिख रही थी। दीपकों की रौशनी ने उनके घर की छत को छू लिया था।
गांव के लोग राजू के घर की सजीव दीपावली को देखकर हैरान रह गए। वे सोचने लगे कि अगर राजू जैसे संकल्प से कोई भी अपने दिल से चाहे तो वो किसी भी समस्या को पार कर सकता है।
राजू के घर की दीपावली की रौशनी ने न सिर्फ़ उनके परिवार के चेहरों पर हंसी लाई, बल्कि उन गांव के लोगों के दिलों में भी एक नयी उम्मीद की किरन डाल दी। राजू ने साबित किया कि छोटे पैमाने पर भी हम बड़ी ख़ुशियों को मना सकते हैं और अपने सपनों को साकार करने के लिए किसी भी समस्या का सामना कर सकते हैं।
यह छोटी दीपावली कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए आवश्यक है कि हमारे दिल में सच्चा संकल्प हो और हम अपने मकसदों को पूरा करने के लिए हर मुश्किल को मात दे सकें। चाहे छोटा कदम हो या बड़ा, यदि हम अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होते हैं, तो हम किसी भी परिस्थिति को पार कर सकते हैं और खुद को सफलता की ऊँचाइयों तक पहुँचा सकते हैं।
इस दीपावली, राजू ने सबको यह सिखाया कि अपने दिल की आवाज़ सुनकर हम सफलता की ओर बढ़ सकते हैं और जीवन को नई राह दे सकते हैं। कहानी हमें यह सिखाती है कि दीपावली के त्योहार को न सिर्फ़ रंगों और दीपकों की रौशनी से सजाना चाहिए, बल्कि हमें उम्मीद, समर्पण और संकल्प की दीपावली भी मनानी चाहिए। ताकि हम सफलता की मिसाल बन सकें और अपने और दूसरों के जीवन को रौशन कर सकें।

kya me iss kahani ko youtube pe video bna ke dal skta hu copyright to nhi aayega iske liye kya krna prega
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