कहानी : हमेशा जो दिखता है वैसा नही होता
दिल्ली से चेन्नई के लिए फ्लाइट उड़ान भर चुकी थी। किसी कारण से फ्लाइट मुंबई में 1 घंटे के लिए लेय ओवर (रुकने) करने वाली थी। फ्लाइट अटेंडर ने सभी पैसेंजर्स को इस बारे में बताया। साथ में सुझाव दिया कि अगर किसी को फ्लाइट से बाहर जाकर अपने पैर स्ट्रेच करने हो तो वह बाहर जा सकता है लेकिन 1 घंटे बाद फ्लाइट उड़ान भरेगी तब तक वापस आ जाए।
फ्लाइट मुंबई में लैंड करते ही प्लेन में बैठे सभी पैसेंजर ट्रेन से बाहर निकल गए सिवा एक के!
यह एक पैसेंजर अंधे थे। एक गाइड डॉग उनके सीट के बाजू में ही बैठा हुआ था। यह पैसेंजर पहले भी इस फ्लाइट में कई बार उड़ान भर चुके थे इसलिए फ्लाइट के पायलट उन्हे अच्छी तरह से जानते थे।
पायलट ने जब देखा कि वह अकेले बैठे हुए हैं तो उनके पास गए और उन्हें कहां की अगर आप चाहो तो मैं आपको बाहर लेकर चलता हूं..पायलट ने कहा। आदमी ने कहां.. धन्यवाद लेकिन मैं यही बैठना पसंद करूंगा। हां अगर आपको बुरा ना लगे तो मेरे कुत्ते को थोड़ा घुमा लाइए। हां बिल्कुल, मुझे खुशी होगी पायलट ने कहा।
अब अगला सीन अच्छे से कल्पना कीजिए।
प्लेन से नीचे उतर चुके सभी पैसेंजर देखते हैं कि प्लेन का पायलट एक गाइड डॉग के साथ प्लेन से बाहर उतार रहा है और उसने चश्मा भी पहन रक्खा हैं।
सच मानिए सभी पैसेंजर्स ने न सिर्फ उस प्लेन को बदलना चाहा बल्कि उसे एयरलाइन को भी बदल दिया?
दोस्तों, बड़े बुजुर्ग लोग ऐसे ही नहीं कहते हैं कि जो दिखता है वह हमेशा सच नहीं होता। हमारा मानना है की जो दिखता है उसी पर हमें यकीन करना चाहिए लेकिन हमेशा नहीं।
