काम की खुशी : मोटिवेशनल कहानी

 काम की खुशी : मोटिवेटिनल कहानी


उदयपुर में एक बुजुर्ग व्यक्ति कोर्ट सर्कल पर ट्रैफिक सिग्नल के पास अपनी एक छोटी सी दुकान(ठेला)पर 'समोसा और पोहा' बेचता है।


Motivational Hind story


 एक दिन की बातभई उस दिन भारी बारिश हो रही थी जब एक आदमी ने अपनी मोटरसाइकिल उनके स्टॉल के पास खड़ी की और कुछ गर्म समोसो का ऑर्डर दिया। 


 उस व्यक्ति ने जिज्ञासावश उससे पूछा:अंकल आज आपने आराम क्यों नहीं किया?  इतनी तेज़ बारिश हो रही है और आपकी उम्र को देखते हुए आपको एक दिन की छुट्टी लेनी चाहिए थी।


 बुजुर्ग आदमी (विक्रेता) ने उत्तर दिया: "बेटा, इस उम्र में मैं पैसे के लिए काम नहीं करता। मैं अपने दिल की खुशी  के लिए काम करता हूँ।"

 घर पर अकेले बैठने से तो यहीं रहना बेहतर है।  जब मैं देखता हूँ

 की लोग मेरे बनाए भोजन का स्वाद लेकर खुश होते है तो उनके खुश चेहरे मेरे दिल खुशी से भर जाते है," 



 इस बुजुर्ग की कहानी ने मुझे भावुक कर दिया। हमारी पीढ़ी एक आसान जीवन का सपना देखती है, जहां किसी काल्पनिक स्रोत से पैसा आता रहता है और हमें उसे अपनी इच्छानुसार खर्च करने के लिए छोड़ दिया जाता है।  ज्यादातर लोग पैसे के लिए काम करते हैं।  वे पैसे के लिए अपना जीवन बर्बाद कर देते हैं।  बहुत कम लोग काम करते हैं क्योंकि यह उनके जीवन को एक उद्देश्य देता है।


 यह एक अद्भुत भावना है।  यार इस कहानी ने मेरे दिल में काम करने की दृढ़ इच्छाशक्ति भर दी। इस कहानी का क्रेडिट रोहित विरमानी को जाता है।

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