हिंदी कहानी : थप्पड़ | Hindi Kahani

 दोस्तों नारी जब अपने हक के लिए अपने साथ जो रहे अन्याय के लिए स्टैंड लेती है तो वो किसी भी मुसीबत को धूल चटा सकती है। ये कहानी ऐसी ही एक सशक्त लडकी की है जो कई अन्य महिलाओं को प्रेरणा और हिम्मत देगी।

हिंदी कहानी : थप्पड़ | Hindi Kahani 

हिंदी कहानी : थप्पड़ | Hindi Kahani


जब मैं बहुत छोटी थी तभी मेरी माँ का निधन हो गया और मेरे पिता अब बहुत बूढ़े हो गए हैं। इसलिए मैंने अपने पिता और खुद के लिए कमाने की कोशिश करने के लिए यह छोटा सा व्यवसाय खोला है जो आप फोटो में देख सकते है। यहां कंपीटिशन काफी ज्यादा है और काफी मुश्किल भी और इस दुनिया में एक महिला होना इसे अधिक कठिन बना देता है। लेकिन मैंने अपने अनुभव से सीखा है कि मेरे जीवित रहने का एकमात्र तरीका यह है कि मैं खुद को मजबूत बनाऊं।  


मैने क्यों कहां की औरत होना इसे और भी ज्यादा कठिन बना देता है इस बातको मेरे साथ घटित हुई एक घटना मैं आपको बताती हूं। एक बार, एक अनजान आदमी, जो इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर सका कि मैं स्त्री होते हुए भी काम कर रही हूं और कमा रही हू वो मेरे इलाके में आया और मुझे गाली देना शुरू कर दिया। उसने लोगों को बताना शुरू कर दिया कि, में वो काम करती हु जिसे समाज में गलत समझा जाता है । सिर्फ इसलिए ताकि मैं घर पर बैठ जाऊं और दुकान बंद कर दूं। लेकिन मैं नहीं झुकी, सबके सामने, मैं उसके पास गई और उसे थप्पड़ जड़ दिया। मैंने उससे कहा कि वह मेरे या किसी अन्य लड़की के साथ ऐसा कभी न करे - अन्यथा उसे बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। उसने मुझसे इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं की थी और उस दिन के बाद उसने मुझे कभी परेशान नहीं किया।


  मुझे लगता है कि मेरे थप्पड़ की बात इतनी दूर तक फैल गई कि यहां कोई दूसरा आदमी मुझे कुछ भी कहने की हिम्मत नहीं करता! और अगर वे ऐसा करते हैं, तो मैं लड़ने के लिए तैयार रहूँगी।

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