Student और teacher की दिल छूलेनेवाली कहानी
इस महिला का नाम वलसा हैं, जो केरल के मलप्पुरम के एक स्कूल में गणित की पूर्व शिक्षिका हैं। तीन साल पहले, एक महिला दिव्या सियार (आईएएस) ने उन्हें केरल के एक रेलवे स्टेशन पर भीख मांगते हुए देखा और उसके बाद उसकी जिंदगी बदल गई।
लेकिन उस समय उन्होंने अपनी टीचर को ठीक से नहीं पहचाना लेकिन उन्हें वो चेहरा कुछ जाना पहचाना लगा फिर उन्होंने गौर से देखा तो ही छात्रा ने जाकर देखा तो वह उसकी क्लास टीचर है।
रेलवे स्टेशन के बाहर जब दिव्या की मुलाकात अपनी रिटायर स्कूल टीचर से हुई तो उन्होंने फटे मैले कपड़े पहने हुए थे।
दिव्या ने बताया कि उस दिन क्या हुआ था, उन्होंने कहा
उनके पास कुछ पॉलिथीन बैग थी जिनमें पानी की बोतलें और कपड़ों के पुराने टुकड़े थे। मैंने उन्हें पास के पेड़ से छोटे-छोटे फल तोड़ते और खाते देखा, इतनी सावधानी से मानो वह नहीं चाहती हो कि उसकी वजह से एक भी पत्ता गिरे। टीचर से जब उनके बारे में पूछा गया उन्होंने कहा कि मेरे सेवानिवृत्त होने के बाद मेरे बच्चों ने मुझे छोड़ दिया और उनके रहने के लिए भी मुझे कोई जगह नहीं दी। इसलिए वह रेलवे स्टेशन के सामने भीख मांगने लगी।
तब उनकी छात्रा रोई और उन्हें अपने घर ले गई और उन्हें अच्छी पोशाक दी और खाने को दिया और उनके रहने को भी व्यवस्था कर दी इतना ही नहीं उसके साथ पढ़ने वाले सभी दोस्तों से संपर्क किया और उन्हें रहने के लिए और एक बेहतर जीवन व्यतीत करने के लिए कई व्यवस्थाये की।
खुद के बच्चों ने उनका साथ छोड़ दिया लेकिन जिन बच्चों को उन्होंने पढ़ाया, उन्होंने उनको नहीं छोड़ा! यही गुरु शिष्य परंपरा की महानता है! ऐसे छतरी को सलाम।
