लाचार बाप की कहानी | poor father story
एक छोटी सी ये कहानी है। किसी एक गांव में एक किसान इतना बूढ़ा हो गया कि वह अब खेतों में काम नहीं कर पा रहा था।
इसलिए मजबूरी में वह बैठे-बैठे ही घर के आंगन में दिन गुजार देता।उसका बेटा अभी भी खेत में काम कर करता था।
आंगन में समय-समय पर निष्क्रिय पड़े अपने बाप को बेटा देखता था।
और उसके पिता को वहां बैठे देख सोचता था की बाप अब किसी काम का नहीं है। स्वयं तो वह कुछ नहीं करता बल्कि उसका काफी काम (दिनचर्या) में उसे हाथ बटाना पड़ता है।
एक दिन बेटा बाप को लेकर बहुत निराश हो गया। उसने एक लकड़ी का ताबूत बनाया
लाचार बाप की कहानी | poor father story
उसे वह घर के आंगन में ले आया और अपने पिता को उसके अंदर आने के लिए कहा। पिता बिना कुछ कहे अंदर आ गया!
ढक्कन बंद कर के बेटा ने ताबूत को पहाड़ के किनारे तक खींच लाया जिसके नीचे एक मजबूत चट्टान भी थी।
जैसे ही वह मंजिल के पास पहुंचा उसने ढक्कन पर हल्की थपथपाहट की आवाज़ सुनी ताबूत के अंदर से बाप ढक्कन खोलने के लिए कह रहा था।
बेटे ने ढक्कन खोला
तो बाप अभी भी शांति से वहीं लेटे हुए था। पिता ने अपने बेटे की ओर देखा और बोला : मैं जानता हूं कि तुम मुझे यहा से चट्टान पर फेंक दोगे।
लेकिन जाते जाते तुम्हारे फायदे की बात बताता हु! इससे पहले कि तुम ऐसा करो की मेरे साथ इस अच्छी लकड़ी के ताबूत को भी चट्टान पर फेक कर बर्बाद मत करो।
मुझे इसके बिना ही नीचे फेंको ताकि भविष्य में तुम्हारे लिए जब तुम्हारे बच्चे नया ताबूत बनाने के लिए परेशान ना हो।
दोस्तों अन्य लोगो द्वारा आपका मूल्यांकन इस बात से किया जाएगा कि आप कैसा व्यवहार करते हैं? लोग जिनसे आपको अब कुछ भी हासिल नहीं होगा वैसे लोगो के साथ भी कैसा व्यवहार करते हैं? क्या आप उनके साथ समान सम्मान से व्यवहार करते हैं?
जैसा कि आप किसी लाभकारी व्यक्ति के साथ करते हैं। आप इसके बारे में सोचेंऔर सभी के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करें।

shandar kahani
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