कहानी : मां की सीख │NEW HINDI STORY
एक गांव में एक मां और बेटा रहता था बेटे का नाम अक्षय का था मां और बेटे बहुत ही बढ़िया घर में रहते थे बेटा 6 साल का था । मां उसे हर दिन कुछ ना कुछ नया सिखाती थी। और हर दिन नए-नए स्वादिष्ट भोजन और पकवान बना कर खिलाती थी ।
1 दिन माने बहुत ही टेस्टी कुकीज़ (बिस्कुट) बनाई और मैं एक संकरे मुंह वाले कांच के जार में भरकर किचन के ऊपर रख दिया । माने अक्षय को कहा कि मैं बाजार जा रही हूं और तुम अपना होमवर्क कर लो जब तुम अपना होमवर्क पूरा कर लोगे तो मैं तुम्हें जार से निकालकर कुकीज़ खाने के लिए दूंगी । यह सुनकर अक्षय खूब खुश हुआ और झट से अपना होमवर्क करने के लिए बैठ गया ।मां बाजार चली गई अक्षय कुकीज़ खाने के लिए इतना बेकरार था कि उसने जल्दी जल्दी से अपना होमवर्क खत्म कर लिया और स्टूल के सहारे किचन पर चढ़कर जार में हाथ डालकर ढेर सारी कुकीज़ पकड़ के उन्हें निकालने लगा लेकिन उसका हाथ निकल नहीं रहा था उतने में उसकी मां बाजार से घर लौट आई और उसे देख कर हंसने लगी। फिर माने अक्षय से कहा कि अपना हाथ मे जो कुकीज़ है उन्हें छोड़ दो और एक या दो ही बाहर निकालने की कोशिश करो अक्षय ने मां की बात सुनी और दो ही कुकीज़ निकालने की कोशिश की तो बड़े आसानी से हाथ जार से बाहर निकल आया।
Moral of the story/ सारांश
फिर मा ने उससे पूछा कि तुम्हें इससे क्या सीखने को मिला अक्षर बोला "मा मुझे यह सीखने को मिला कि किसी भी चीज को जरूरत से ज्यादा नहीं लेना चाहिए और लालच बहुत बुरी चीज होती है।"
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