दोस्तों, कहानी क्या होती है ? किसी की आपबीती, किसी की कल्पना (imagination), कोई सत्य घटना या किसिके विचारों को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने का जरिया.चाहे जो भी हो कहानियाँ (stories) हमें हमेशा से कुछ-
ना कुछ सिखाते आई है. हमारी समझ को बढ़ाते आई है और हमें जीवन के वैल्यूस बताते आई है.
दोस्तों ऐसी ही एक रोचक कहानी (interesting story in hindi) मैं आपके लिए लेकर आया हूं कृपया इसे पूरी पढ़ना.
ये कहानी है एक ऐसी माँ की जो अपनी बेटी को बहुत ही नफरत करती थी ;जब तक उसे एक बहुत ही बड़ी सच्चाई का पता नहीं चल गया. इससे पहले कि आप किसी नतीजे पर पहुंचे इस माँ के बारे में गलत सोच बना ले इस कहानी को हम आगे बढ़ाते है.
दो कॉलेज फ्रेंड्स एक लड़का मुकुल और एक लड़की नेहा वो एक दूसरे से प्यार करते थे.और दोनों गरीब थे.दोनों ने ग्रेजुएशन खत्म करके अपने अपने प्यार का इजहार कर दिया था और शादी भी कर ली थी. पढ़े लिखे होने के बावजूद भी कोई अच्छी नौकरी ना मिलने के कारण आगे की जिंदगी बिताने के लिए छोटे-मोटे काम करने लगे थे.अच्छी नौकरी ना होने की वजह से दोनों की जिंदगी बड़ी ही बदहाल गुजर रही थी बल्कि कभी-कभी तो दोनों को आधे पेट या फिर भूखे पेट भी सोना पड़ता था.
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| neha & mukul |
ऐसे में वह लड़की कभी-कभी जिस होटल में काम करती थी वहां से कुछ खाने की चीजें चुराया करती थी मगर एक दिन पकड़ी गई और उसे वार्निंग देकर छोड़ दिया गया कि आगे से ऐसा ना करें. दोनों की जिंदगी ऐसे ही गरीबी में कट रही थी लेकिन भगवान मानो उनकी परीक्षा लेने पर तुला हुआ था; लड़की प्रेग्नेंट हो गई अब उन दोनों को समझ में नहीं आ रहा था कि वह खुश हो या फिर दुखी.
खैर, उनकी जिंदगी में खास कोई बदलाव नहीं हुआ और 9 महीने बाद उनके यहां एक बहुत सुंदर बेटी ने जन्म लिया. बेटी का नाम उन्होंने पीहू रखा.बेटी के जन्म के बाद दोनों माँ-बाप खुश भी थे और उसके भविष्य के बारे में चिंतित भी! थोडे महीने ऐसे ही बीते; उनकी जिंदगी ऐसे ही चलती जा रही थीं मगर एकाएक मुकुल का स्वभाव बदलने लगा!
मुकुल नेहा को इग्नोर करने लगा . वह हर ऐसी चीज जो नेहा को बुरी लगती, बेधड़क करता था.इतना ही नहीं जब भी उसकी छोटी बच्ची रोती तो उसे चुप कराने के बजाय वह उस पर चीड़ जाया करता था! नेहा ने यह भी नोटिस किया कि उसे आजकल बहुत दूसरी औरत के फोन आने लगे थे. उन दोनों में आए दिन झगड़े होते रहते थे और वह बढ़ते ही रहे और एक दिन ऐसा भी आया जब मुकुल ने माँ और बेटी दोनों को छोड़ दिया.नेहा मुकुल को अपने घर के दरवाजे पर खड़ी दूर जाते हुए लिए देखती रही, उसकी आंखों में पानी था.
अब नेहा पर दोहरी जिम्मेदारी आ गई थी, उसे उसकी बच्ची को अकेले ही पाल पोस कर बड़ा करना था, माँ और बाप दोनों का प्यार देना था. वह अब पहले से भी ज्यादा मेहनत करने लगी,अपनी बेटी की सभी आवश्यकताओं को हमेशा पूरी करने की कोशिश करती. कभी-कभी वह खुद भूखे पेट सो जाती मगर अपनी बेटी को भरपेट खिलाती थी. जहां भी माँ-बाप की जरूरत होती है स्कूल में ,पिकनिक पर या से किसी भी मौके पर वह हमेशा उसके लिए मौजूद रहती.
ऐसे ही कई साल बीत गए, बच्ची भी थोड़ी बड़ी हो गई. नेहा अपनी मेहनत में कोई कमी नहीं करती थी मगर फिर भी उनकी आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं थी. मगर एक दिन नेहा की किस्मत चमकी , उसे लॉटरी लग गई. उसने बड़ी ही समझदारी से उन पैसों को अपने नए बिजनेस में लगाए.बिजनेस भी चल पड़ा अब नेहा हर महीने बहुत ही अच्छी रकम कमाने लगी थी.
पीहू अब 10 साल की हो गई थी. पीहू को एक दिन अपने घर में खेलते-खेलते एक तस्वीर मिली जिसमें नेहा और मुकुल अपने नवजात बच्ची (पीहू ) को गोद में पकड़े हुए थे. उसे पता चल गया कि यह जरूर उसके पापा है.
पीहू ने अपने पापा के बारे में अब नेहा से पूछना चालू कर दिया लेकिन नेहा उसे टाल दिया करती थी. लेकिन उसके बहुत पूछने के बाद नेहाने उसे कह दिया कि उसके पापा मर गए हैं, देखा जाये तो नेहा के लिए मुकुल जीते जी मर ही चुका था.
पीहू बड़ी होशियार थी उसने अपने दोस्तों को साथ में लिया और उस फोटो की मदद से जांच पड़ताल करते करते बड़ी ही मशक्कत के बाद आख़िरकार अपने बाप तक पहुंच ही गई!
तीन-चार महीनों बाद नेहा को यह पता चला कि पीहू अपने पापा से बातें (communication) करती है और वह उसके टच में है. नेहा को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं आई उसने पीहू को बताया की उसके पापा ने उनके साथ क्या किया था.
कुछ महीने बीत गए, गर्मियों की छुट्टियां चल रही थी. तब पीहूने छुट्टियां अपने बाप के साथ बिताई.
यह बात पता चलने पर नेहा को बहुत बड़ा धक्का लगा उसे लगा जैसे मुकुल की तरह ही पीहूने भी उसे धोखा दिया है. जब पीहू घर लौट कर आई तो नेहा ने पीहू से बहुत बड़ा झगड़ा किया उसने कहा कि "तुम भी तुम्हारे बाप की तरह ही धोखेबाज निकली ! मैंने तुम्हारे लिए क्या कुछ नहीं किया और तुमने मुझे यह सिला दिया. मैं तुमसे और तुम्हारे पापा से नफरत करती हूं."
इस बड़े झगड़े के बाद नेहा ने पीहू से दूरी बना ली, इतना ही नहीं वो पिहुसे बात भी नहीं करती थी. एक महीना बीत गया नेहा को पता चला कि मुकुल कैंसर की वजह से मर चुका है. नेहा को इस बात का थोड़ा भी अफसोस या दुख नहीं हुआ . मगर वह जानती थी कि पीहू दुख में डूबी हुई थी यहां तक कि रो-रो कर उसकी आंखें भी सूजी हुई थी. नेहाने सोचा कि काश पीहू मेरे मरने के बाद भी इतनी ही दुखी हो.
एक दिन नेहा सोफे पर बैठे शांति से टीवी देख रही थी कि अचानक पीहू वहां पर आई उसके हाथ में एक चिट्ठी थी उसने वह चिट्ठी नेहा के मुंह पर फेंकी,नेहा गुस्से से बोली "ये क्या बदतमीजी है ?और ये क्या है?" पीहू ने कहा "तुम्हारे लिए पापा की चिठ्ठी है." नेहा ने कहा "इसे यहां से ले जाओ और कहीं पर फेंक दो." पीहू रो पड़ी और बोली "भगवान के लिए इसे एक बार पढ़ लो." और रोते हुए अपने कमरे में चली गई.
पीहू के जाने के बाद नेहा उस चिट्ठी को कई देर तक देखती रही फिर उसने उस चिट्ठी को धीरे से उठाया जैसे ही उसने उस चिट्ठी को खोला उसमें जो पहली लाइन लिखी थी उसकी उम्मीद के बाहर थी!
चिट्ठी में लिखा था" मेरी प्यारी नेहा,मेरी पूरी जिंदगी में मैंने जीस से सच्चा प्यार किया वह तुम एकमात्र स्त्री हो. हां ,मैं जानता हूं मैंने तुम्हारे साथ बहुत ही गलत किया है. मगर मैं क्या करता जब तुमने मुझे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी यानी कि पीहू के आने की न्यूज़ दी थी तब सच मानो दुनिया मे मुझसे ज्यादा खुश और कोई भी नहीं था. मगर मेरी बदनसीबी थी की इस खुशी के कुछ दिनों बाद ही मुझे पता चला कि मुझे बहुत ही खतरनाक और लाइलाज कैंसर है! हमारी जिंदगी में पहले ही इतनी सारी परेशानियां थी, सिर्फ एक ही बड़ी खुशी हमारी जिंदगी में आने वाली थी "पीहू". भला मैं उस खुशी को भी अपनी इस मनहूस बीमारी के बारे में बता कर कैसे खराब कर देता? मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया तो मैंने तुम दोनों से दूर जाने का निर्णय लिया. मैं नहीं चाहता था कि इस खतरनाक बीमारी से मेरा पूरा परिवार लड़े, मेरे साथ साथ मेरा परिवार भी धीरे-धीरे दम तोड़ दे? मुझे कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने ना चाहते हुए भी तुमसे दूर होने का नाटक किया, मैंने जताया जैसे मेरी जिंदगी में कोई और लड़की आ गई है. मैं खुद ही खुद को कॉल किया करता था किसी लड़की के नाम से. मैं तुम्हें यह बात कभी भी नहीं बताना चाहता था मगर जब मेरा आखरी समय चल रहा था हमारी बेटीने मुझे ढूंढ निकाला! मैं फिर एक बार अपनी बेटी को अपने आप से दूर नहीं कर पाया उसने मेरे आखरी समय में मेरे साथ समय बिताया सच मानो हमारी बेटी बहुत समझदार और दयालु है. इसी ने यह चिट्ठी मेरे आखिरी समय में मुझसे जबरदस्ती लिखवाई है ताकि कम से कम मेरे मरने के बाद तुम मुझसे नफरत ना करो.
चिट्ठी में लिखा था" मेरी प्यारी नेहा,मेरी पूरी जिंदगी में मैंने जीस से सच्चा प्यार किया वह तुम एकमात्र स्त्री हो. हां ,मैं जानता हूं मैंने तुम्हारे साथ बहुत ही गलत किया है. मगर मैं क्या करता जब तुमने मुझे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी यानी कि पीहू के आने की न्यूज़ दी थी तब सच मानो दुनिया मे मुझसे ज्यादा खुश और कोई भी नहीं था. मगर मेरी बदनसीबी थी की इस खुशी के कुछ दिनों बाद ही मुझे पता चला कि मुझे बहुत ही खतरनाक और लाइलाज कैंसर है! हमारी जिंदगी में पहले ही इतनी सारी परेशानियां थी, सिर्फ एक ही बड़ी खुशी हमारी जिंदगी में आने वाली थी "पीहू". भला मैं उस खुशी को भी अपनी इस मनहूस बीमारी के बारे में बता कर कैसे खराब कर देता? मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया तो मैंने तुम दोनों से दूर जाने का निर्णय लिया. मैं नहीं चाहता था कि इस खतरनाक बीमारी से मेरा पूरा परिवार लड़े, मेरे साथ साथ मेरा परिवार भी धीरे-धीरे दम तोड़ दे? मुझे कुछ समझ में नहीं आया तो मैंने ना चाहते हुए भी तुमसे दूर होने का नाटक किया, मैंने जताया जैसे मेरी जिंदगी में कोई और लड़की आ गई है. मैं खुद ही खुद को कॉल किया करता था किसी लड़की के नाम से. मैं तुम्हें यह बात कभी भी नहीं बताना चाहता था मगर जब मेरा आखरी समय चल रहा था हमारी बेटीने मुझे ढूंढ निकाला! मैं फिर एक बार अपनी बेटी को अपने आप से दूर नहीं कर पाया उसने मेरे आखरी समय में मेरे साथ समय बिताया सच मानो हमारी बेटी बहुत समझदार और दयालु है. इसी ने यह चिट्ठी मेरे आखिरी समय में मुझसे जबरदस्ती लिखवाई है ताकि कम से कम मेरे मरने के बाद तुम मुझसे नफरत ना करो.
तुम्हारा गुनहगार
मुकुल "
चिट्ठी पूरी पढ़ते ही नेहा के आंखों में जैसे सैलाब आ गया उसे बहुत पछतावा हो रहा था उसे लग रहा था कि काश मुझे यह पहले पता चल जाता तो मैं मुकुल से बातें कर पाती , उसे गले लगा पाती उसके दर्द को बांट पाती .मगर अब यह संभव नहीं था. उस दिन माँ और बेटी दोनों फूट-फूटकर रोये, उस दिन माँ और बेटी दोनों फिर से करीब आ गई. नेहा मुकुल से तो दूर रही मगर मुकुल के प्यार की निशानी पीहू को हमेशा अपने पलको पर रखने लगी पहले से भी कई गुना ज्यादा प्यार करने लगी.
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