baccho ki kahani : Hindi story for children

    कहानी : लालची दोस्त
बच्चों की कहानी : ये कहानी  उस समय की है जब देश में राजा महाराजाओं का दौर था। जब भी लोगों को किसी भी तरह की समस्या होती थी या झगड़ों का हल निकालना होता था तो सब लोग राजा के दरबार में जाकर राजा से न्याय करने की अपील किया करते थे।
Baccho ki kahani
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एक गांव में राजू और शाम नाम के दो दोस्त रहा करते थे। राजू और श्याम बचपन से ही हर काम साथ में किया करते थे जहां और राजू का स्वभाव थोड़ा लालची था वहीं शाम बहुत भोला और सच्चा था। जब वे दोनों युवा हुए तब तक उन के पास गांव में कोई अच्छा काम धंधा नहीं था इसलिए उन्हें हमेशा पैसों की किल्लत रहा करती थी। baccho ki kahani

1 दिन दोनों ने शहर जाकर कोई उद्योग करके अपने भविष्य को सुधारने के लिए पैसा कमाने की सोची। और उन्होंने किया भी ऐसा, वे दोनों शहर गए वहां एक लघु उद्योग शुरू किया और खुशनसीबी से उनका यह उद्योग अच्छे से चल निकला थोड़े ही वर्षों में उन्होंने ढेर सारा पैसा कमा लिया।

जब उन्हें लगा कि अब आगे की जिंदगी गुजारने के लिए इतना पैसा काफी है तो उन्होंने अपने गांव वापस लौटने का विचार किया। वे जब गांव लौटे तब उनके हाथ में एक बड़ा सा बक्सा था जो धन से पूरा भरा हुआ था। गांव में चलते चलते वह दोनों जब अपने घर की ओर जाने लगे तब गांव के लोग उन्हें और उस बक्से को गुरूर रहे थे। घर पहुंचते ही राजू और शाम ने इन पैसों को संभाल कर कैसे रखा जाए इस बारे में विचार किया। baccho ki kahaniya

राजू बोला... हम इतना सारा धन अपने अपने घरों में नहीं रख सकते जिस तरह गांव वाले हमें देख रहे थे यह हमारे घरों में सुरक्षित नहीं रहेगा। शाम भी राजू की बात से सहमत था तो उसने पूछा... फिर कहां रखेंगे? राजू नेट थोड़ा सोचा और कहा... चलो इसे हमारे खेतों के पास एक पेड़ की जड़ के पास गाड़ देते हैं जब जब जरूरत होगी तब तब दोनों साथ में जाकर धन निकल लिया करेंगे। शाम भी इस बात से सहमत हो गया।

दोनों ने रात होने का इंतजार किया और जैसे ही अंधेरा हो गया तो दोनों अपने तय की हुई जगह पर गए और एक पेड़ के जड़ों के पास बड़ा सा गड्ढा कर कर उसमें साथ में लाया धन का बच्चा गाड़ दिया, और अपने अपने घर चले गए। baccho ki kahani

शाम जो कि बहुत भोला था और सच्चा भी वह अपने दोस्त पर भरोसा करके आराम से सो गया मगर लालची राजू उस रात नहीं सोया और रात भर सोचता रहा कि कैसे वह सारा धन अपने हिस्से मे लाया जाए! उसने मन ही मन एक प्लान बनाया और अगले दिन रात को अकेले जहां पर धन गाढ़ा गया था वहां पर जाकर चुपके से सारा धन निकाल लिया।

कुछ दिन ऐसे ही बीत गए। एक दिन राजू शाम के पास गया और उससे कहने लगा कि चलो मुझे थोड़े पैसों की जरूरत है हम दोनों जाकर उस जगह से थोड़ा सा धन निकाल कर लेकर आते हैं। राजू और शाम दोनों उस जगह पहुंच गए जब पेड़ के नीचे खोदा और धन का बक्सा नजर नहीं आया तब शाम बहुत दुखी हो गया लालची राजू ने तुरंत श्याम पर आरोप लगाते हुए कहा ... जरूर यहां से धन तूने ही निकाला होगा क्योंकि हम दोनों के अलावा और किसे पता था कि यहां धन छुपा के रखा है। बच्चो की कहानी

सच्चा शाम बार-बार उसे कहता रहा उसने नहीं चुराया है मगर राजू उसे भला-बुरा सुनाता रहा जब हद पार हो गई तो श्याम ने भी राजू का विरोध करना शुरू कर दिया और दोनों में बहुत बड़ा झगड़ा हो गया।

झगड़े की यह बात धीरे-धीरे पूरे गांव में और आखिरकार राजा के पास पहुंच गई। गांव वाले इस झगड़े का निराकरण करने के लिए दोनों को राजा के दरबार में लेकर गए। जब राजा को पूरा किस्सा पता चला तो राजा ने कहा कि पेड़ की गवाही के हिसाब से अगले दिन निर्णय लिया जायेगा। श्याम ने सोचा यह भी ठीक है रेड थोड़ी झूठ बोलेगा। मगर लालची राजू के दिमाग में कुछ और ही खुराफाती आइडिया चल रहा था। Bachcho ki kahani in Hindi

अगले दिन राजा, कुछ सिपाही ,राजू, श्याम और कुछ गांव वाले उस जगह पहुंचे जहां पर धन का बक्सा गाड़ा गया था। और आज आने पेड़ से पूछा... बताओ वृक्ष महाराज इस जगह से धन का बक्सा किसने निकाला है?
जैसे ही यह सवाल पूछा गया पेड़ ने उत्तर दिया... श्याम ने निकाला है।

राजा की यह तरकीब काम कर गई ! राजा ने अपने सिपाहियों को तुरंत आदेश दिया के पेड़ के चारों तरफ देखो कि कौन बोल रहा है। जब सिपाहियों ने अच्छे से छान बिन की तो वहां एक बुजुर्ग मिला जो पेड़ बनकर उसकी  आवाज निकाल रहा था।

जब गांव वालों ने इस बुजुर्ग को देखा तो तुरंत कहने लगे... अरे यह तो राजू के  पिताजी है! राजा को,श्याम को और बाकी लोगों  को ये समझ में आ गया कि जरूर राजू ने अपनी चोरी छुपाने और श्याम को फसाने के लिए ये चाल चली होगी। राजा ने  तुरंत फैसला लेते हुए राजू और उसके पिता को कैद करवा दिया और सारा धन राजू से लेकर श्याम को से दीया।

Moral of the story

दोस्तों इस कहानी की तरह ही असल जीवन में भी हमेशा सच्चे और साफ दिल वाले लोगों की ही आखिर में जीत होती है इसीलिए हमेशा सच का साथ देना चाहिए और हां लालच बहुत बुरी चीज है यह हमारे पूर्वज हमें हजारों सालों से सिखाते आ रहे हैं।

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