कहानी - मुसीबत का सामना समझदारी से करो
इस कहानी में एक जंगल में किसी पेड़ के ऊपर एक कौवे का जोड़ा रहता था. दोनों पति-पत्नी में बहुत प्यार था. वह दोनों अपना जीवन खुशी-खुशी उस पेड़ पर बिता रहे थे कि एक दिन उनकी इस खुशी को सांप की नजर लग गई!
पेड़ पर कव्वो का घोंसला था उसी पेड़ के नीचे सांप ने अपना बिल बना लिया और वहां रहने लगा. जब भी कव्वो का जोड़ा खाना या दाना चुगने जाता , सांप ऊपर चढ़ जाता और उनके अंडे खा जाता .जब वे वापस आते उनको घोंसला खाली दिखता लेकिन उनको पता ही नहीं चल पाता था कि अंडे कहां चले जाते थे!
जब ऐसा कई बार हुआ तो वे बहुत ही दुखी रहने लगे .वो इसी सोच में डूबे रहते की ना जाने आज कल क्या होने लगा है? हमारे अंडे आजकल कहां गायब हो जाते हैं? कैसे टूट जाते हैं?
कुछ और दिन बीत गए, एक दिन कौवे का जोड़ा दाना चुग कर जल्दी घर आ गए तब उन्होंने देखा कि उनके अंडों को बिल में रहने वाला सांप खा रहा था! यह देख कर उनको बहुत ही गुस्सा आया. लेकिन वो सांप का क्या बिगड़ सकते थे? सांप तो खतरनाक होता है, उसके पास ज़हर होता है .फिर उन्होंने बहोत सोच विचार के बाद किसी दूसरी जगह पर ऊंचे स्थान पर अपना घोंसला बनाया.
जब अगले दिन सांप ने देखा कि कव्वों का घोसला अपने स्थान पर नहीं है तो उसे बहोत गुस्सा आया और उसने उनके नए ठिकाने की तलाश शुरू कर दी.
इधर अपने नए घोस्ले में कव्वो का जोड़ा बहुत खुश था क्योंकि अब वह बिना चिंता के दाना चुगने जाते और शाम को अपने घोसले में आ जाते और उनके अंडे भी सुरक्षित थे जिनसे अब बच्चे निकलने लगे और धीरे-धीरे बड़े भी होने लगे.
एक दिन सांप को कौवे के नए घोसले का पता चल गया . अब फिर से सांप कौवे के नए घोसलें के पास पहुंच गया और उनके जाने का इंतजार करने लगा और सोचने लगा कि कब यह जोड़ा अपना घोंसला छोड़कर जाए और कब मैं उनके बच्चों को खा जाऊं!
जैसे ही जोड़ा घोसला छोड़ कर गया सांप धीरे-धीरे घोसले की ओर बढ़ने लगा लेकिन किसी कारण से जोड़ा वापस घोसले की ओर आने लगा तभी उन्होंने दूर से ही देखा कि सांप घोंसले की ओर बढ़ रहा था वह समझ गए कि क्या होने वाला है. उन्होंने जल्दी से आकर अपने बच्चों को घोसलें से निकाल के कहीं और छुपा दिया. जब सांप वहां पर पहुंचा तो देखा कि घोंसला तो खाली है तो फिर बच्चे कहां गए? सांप कौवा की चाल समझ गया और वापस अपने बिल में जाकर छुप गया और सही मौके का इंतजार करने लग गया. उसने सोचा अच्छा तो ये मेरे साथ चालाकी करने की कोशिश कर रहे हैं? इनको तो मैं छोडूंगा नहीं .
इसी बीच कव्वे ने सांप से पीछा छुड़ाने के लिए की योजना बनाई ! कौवा उड़ कर जंगल के बाहर एक बड़े राज्य में चला गया. वहां एक सुंदर महल था महल में एक सुंदर सी राजकुमारी अपने सहेली के साथ खेल खेल रही थी, तभी कौवा उसके गले में से मोतियों का हार लेकर उड़ गया. सभी ने जोर-जोर से शोर मचाया अरे उस कव्वे को पकड़ो देखो वह कौवा राजकुमारी का हार लेकर जा रहा है. अरे देखो- देखो पकड़ो -पकड़ो पहरेदार उसके पीछे भागने लगे वे कव्वे का पीछा तो कर रहे थे लेकिन उसको कोई भी पकड़ नहीं पा रहा था. कव्वा सिपाहियों को अपने पीछे भागते हुए उसी जगह लेकर आया जहां पर सांप बिल बनाकर रहता था.
उसने जो राजकुमारी का हार लेकर भागा था वह साप के ऊपर फेंक दिया. जब सैनिकों ने देखा कि यह तो राजकुमारि का ही हार है जो इस साप के पास पड़ा है. फिर क्या था सैनिकों ने ना आव देखा ना ताव वो उस सांप पर जोर जोर से डंडे बरसाने लगे. जैसे ही डंडे बरसने शुरू हो गए सांप की तो जान ही निकलने लग गई, बाप रे बाप! तभी साफ वहां से भागने के लिए सोचने लग गया लेकिन सैनिकों ने पीछा नहीं छोड़ा वह उसके पीछे पीछे भागे वह अपने बिल में घुस गया तभी एक सैनिक ने अपना हाथ बिल के अंदर डाला और उसको पूछ से खींच कर बाहर निकाल लिया. कौवा यह देखकर बहुत मजे ले रहा था! कौवे का परिवार यह देखकर बहुत खुश था कि सांप को तो अपने कर्मों की सजा मिल गई.
तो मेरे प्यारे दोस्तों, बताइए इस कहानी से हमें क्या सीख मिलती है?
हमें यह सीख मिलती है कि
1) निर्बल का हमें कभी भी फायदा नहीं उठाना चाहिए.
2) साथ ही मुसीबत के समय समझदारी से काम लेना चाहिए .
3) मुसीबत से मुंह मोड़ने से या मुसीबत से भागने से मुसीबत कभी भी खत्म नहीं होती वह खत्म होती है उसका डटकर सामना करने से.
