अच्छा करोगे तो अच्छा ही होगा
शहर में एक भिखारी रहता था. वह रोज भीख मांग कर अपना गुजारा करता था.वह काफी बूढ़ा हो गया था इस वजह से वह काम नहीं कर पाता, पेट भरने के लिए वह एक जगह पर बैठकर भीख मांगता.
एक बार दो-तीन दिन से उसे किसी ने पैसे नहीं दिए, ना ही कुछ खाने के लिए दिया! वह भूख से तड़प रहा था ऐसे में उसने देखा कि सामने से एक लड़की आ रही थी, उस लड़की ने उस भिखारी बाबा के कटोरे में ₹500 का नोट डाल दिया!
बाबा ने पूछा बेटा तुम मुझे इतना पैसे क्यों दे रही हो ? तब लड़की बोली "बाबा मेरी मां कहती है कि अच्छा करोगे तो अच्छा ही होगा." भिखारी बाबा ने उसे आशीर्वाद देते हुए पूछा की बेटा तुम्हारा नाम क्या है? और तुम कहां रहती हो? लड़की बोली कि मेरा नाम पूजा है और मैं यही पास के ऑफिस में काम करती हूं. इतना बोल लड़की वहां से चली गई.
थोड़ी देर के बाद जब बाबा ने अपने कटोरे में हाथ डाला पैसा निकालने के लिए तब उसने देखा कि पैसों के साथ एक हीरो के अंगूठी भी गिरी थी! भिखारी बाबा समझ गया कि जरूर ये अंगूठी उस लड़की पूजा की होगी. जब वह मेरे कटोरे में पैसे डाल रही थी तभी शायद यह अंगूठी भी गिर गई.
भिखारी बाबा उठा और आजू-बाजू सब जगह उसे ढूंढने लगा. काफी देर इधर-उधर ढूंढने के बाद उसे वह लड़की नहीं मिली. बेचारा थक हार कर के एक पेड़ के नीचे बैठ गया .बैठे-बैठे उसकी नजर सामने वाली सुनार की दुकान पर गई, उसने सोचा कि इस अंगूठी को बेच देता हूं.
वह डरते हुए दुकान के अंदर गया और दुकान के मालिक को अंगूठी दिखा कर बोला कि यह अंगूठी कितने की होगी सुनार ने अंगूठी को बहुत अच्छे से देखने के बाद बोला कि यह अंगूठी तो बहुत महंगी है कम से कम 7 से ₹8 लाख की होगी! मैं तुम्हें इसके 6 लाख दे सकता हूं .सुनार ने पैसे निकालकर टेबल पर रख दिए भिखारी बाबा ने कभी इतने पैसे एक साथ नहीं देखे थे.
कुछ देर भिखारी बाबा उन पैसों को देखता रहा फिर उसे उस लड़की की कही बात याद आ गई कि अच्छा करोगे तो अच्छा ही होगा .बाबा वहां से अंगूठी लेकर वापस चला आया और फिर उस लड़की को खोजने लगा तब उसे उसकी कहीं बात फिर याद आ गई कि मैं यही पास के ऑफिस में काम करती हूं .वहां पर वो आजू-बाजू के ऑफिस में जाकर पूछने लगा.
सुबह से शाम हो गई लेकिन भिखारी बाबा ने अपनी तलाश जारी रखी अंतः एक ऑफिस में गया जहां एक काउंटर पर एक लड़की बैठी थी. बाबा ने पूछा कि यहां कोई पूजा नाम की लड़की काम करती हैं? वह लड़की बोली हां उसने पूजा को आवाज लगाई तब पूजा बाहर आई और बोली बाबा आप यहां क्या कर रहे हो?
भिखारी बाबा बोला बेटा मैं तुम्हें तुम्हारी अमानत लौटाने आया हूं. बाबा ने अंगूठी उसके हाथ में दे दी. पूजा उस अंगूठी को देख कर बहुत खुश हो गई और बोली बाबा आपको पता है इसको मैं सुबह से ढूंढ रही थी यह आपको कहां मिली? बाबा ने बताया कि बेटा जब तुम सुबह मुझे पैसे दे रही थी तभी शायद तुम्हारी उंगली से यह मेरे कटोरे में गिर गई. लेकिन बाबा आप इस अंगूठी को बेचकर काफी पैसे कमा सकते थे आपने ऐसा क्यों नहीं किया? क्योंकि बेटा मुझे एक प्यारी सी बच्ची ने कहा था कि अच्छा करोगे तो अच्छा ही होगा इसलिए मैंने अंगूठी नहीं बेची इतना बोल कर बाबा वहां से चला गया.
यह देखकर पूजा की फ्रेंड जो काउंटर पर बैठी थी वह बोली इतना ईमानदार भिकारी मैंने पहली बार देखा इस बाबा भिखारी की स्टोरी हमें सोशल मीडिया पर डालनी चाहिए पूजा बोली हां तुम्हारी बात सच है नहीं तो स्टोरी को शेयर करना ही चाहिए तब पूजा ने एक स्टोरी लिखी जो उनके साथ हुआ और सोशल मीडिया पर डाल दी वह स्टोरी इतनी वायरल हो गई कि सब लोगों ने भिखारी बाबा को डोनेशन देने का इरादा किया और वह डोनेशन से काफी अच्छी खासी रकम जमा हुए और पूजा वह रकम लेकर उसी जगह गई जहां भिखारी बाबा बैठा करता वह उस दिन भी वहीं बैठा था और भीख मांग रहा था.
पूजा को देख बाबा बोला अरे बेटा इतने दिनों बाद तुम यहां? पूजा बोली हां बाबा मैं आपको कुछ लौटाने आई हूं , ऐसा कहकर उसने पैसों से भरा बैग बाबा के हाथ में रख दिया. बाबा ने बैग की चैन खोली और देखा उसमें ढेर सारे पैसे थे! वह पैसे देख कर खुशी से रोने लगा तब पूजा ने बोला कि बाबा अच्छा करोगे तो अच्छा ही होगा!
तो बताइए दोस्तों कैसी लगी यह सुंदर सी कहानी?
अब हम जानते हैं इस कहानी से हमें क्या क्या सीखने को मिलता है?
1) अच्छे कर्म कभी जाया नहीं होते.
2) हमें भले लोगों के साथ हमेशा भलाई करनी चाहिए.
3) ईमानदार लोगों के साथ भगवान होता है.
4) लालच में आकर कभी भी गलत काम नहीं करना चाहिए.
