मजेदार पौराणिक कहानी | Nice story in hindi
कई सैकड़ों सालों पहले की ये कहानी है, एक आश्रम में अपने कई से शीष्यो के साथ एक बड़े विद्वान गुरु रहा करते थे। उनका अपने बच्चों को पढ़ाने का तरीका बहुत ही अलग था, किसी भी बात को समझाने के लिए कुछ ऐसे उदाहरण प्रैक्टिकली करके दिखाते थे जिससे बात बड़ी आसानी से समझ में आ जाए।
वैसे तो उनके गुरुकुल में उनके सारे शिष्य बहुत खुश और सुखी दिखाई देते थे सिवाय एक के!1 दिन गुरु ने अपने उसी शिष्य को अपने पास बुलाया और उसके दुखी रहने का कारण पूछा। शिष्य ने बड़े दुखी मन से अपनी व्यथा सुना नी चालू की...उसने कहा मेरी और मेरे माता-पिता की आर्थिक परिस्थिति अच्छी नहीं है, मेरे परिवार में हमेशा कोई ना कोई बीमार रहता है, मेरा पढ़ाई में भी कभी मन नहीं लगता हैं...ऐसी और कई समस्याएं शिष्य ने गुरु को बताइ
गुरु ने शिष्य की सारी बात सुनी, थोड़ी देर मौन रहने के बाद शिष्य को एक गिलास में पानी और मुठ्ठी भर कर नमक लाने के लिए कहा। गुरु के कहे अनुसार जब शिष्य दोनों चीजें लेकर आया तो गुरुने नमक को गिलास में डालने के लिए कहा और फिर उसे पीने के लिए कहा।
जैसे ही शिष्य ने उस नमक वाले पानी का एक घूंट लिया तो उसने तुरंत उल्टी कर दी। गुरूने उसे पूछा कि इसका स्वाद कैसा लगा ? शिष्य ने कहा, "भयानक"
अब गुरु उसको पास के एक तालाब के पास लेकर गया और उस तालाब में भी एक मुट्ठी नमक डालने के लिए कहा। शिष्य ने तालाब के पानी में एक मुट्ठी नमक डाला तब गुरु ने कहा कि अब इसका स्वाद बताओ कैसा है? शिष्यने तालाब का थोड़ा सा पानी चखा और कहां की बहुत अच्छा, मीठा है।
अब गुरु ने उसको कहां," बेटा तुमने अपने आप को उस छोटे से प्याले की तरह बना लिया है जिसमें मुट्ठीभर नमक यानी कि थोड़े से दुख भी तुम्हारी परिस्थिति को भयानक बना देते हैं, तुम्हारे दिल दिमाग को दूषित कर देते हैं। तुम्हें गिलास नहीं तालाब बनना होगा जिससे मुठ्टी भर तो क्या कई किलो नमक भी कोई फर्क ना ला सके।"
पौराणिक कहानी का सार
दोस्तों यह प्राचीन कहानी हमें सिखाती है की दुख दर्द हर किसी के जीवन में होते हैं लेकिन हर किसी का नजरिया उनको देखने का उनको सहन करने का एक समान नहीं होता है इसलिए किसी को तो दुख बहुत बड़ा लगता है किसी और के लिए वह कुछ भी ना हो। इसलिए हमें अपना नजरिया बदलना होगा ताकि हम हर दुख दर्द का सामना डटकर कर सके। दिन अपने पास

इस कहानी को युट्यूबपर डाल सकते क्या सर जी कोई copyright नही आयेगा क्या
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