किसी पाठक ने एक बार मुझसे पूछा था कि क्या kahaniyan हमारे जीवन में कुछ परिवर्तन ला भी सकती है या नहीं? मैंने उनसे कहा - अगर motivational kahani या Inspirational kahaniya पढ़ी जाए और उनसे मिलने वाली सीख को जीवन में अप्लाई किया जाए तो बेशक जीवन में काफी positive बदलाव ला सकती हैं।
कहानियाँ जो आपको सफल बना सकती है | 5 Best Motivational Story Hindi
एक बार जर्मनी में वार्षिक लंबरजैक(लकड़े काटना) प्रतियोगिता आयोजित की गई थी ।
कई प्रतियोगियों के बीच घमासान स्पर्धा के बाद
फाइनल एक बूढ़े अनुभवी लकड़हारे और जवान ताकतवर लकड़हारे के बीच था।
प्रतियोगिता का नियम काफी सरल था जो एक दिन में सबसे अधिक पेड़ काट के गिरा सकता है वह विजेता बनेगा ।
जवान लकड़हारा काफी जोशीला था,वो तुरंत जंगल में चला गया और सीधे काम पर लग गया। उसने दिन भर काम किया और रात को भी काम करता रहा।
वह जंगल के दूसरे हिस्से में काम कर रहे बूढ़े लकड़हारे को उसके द्वारा काटे जा रहे पेड़ों की गिरने कि आवाज़ सुन सकता था।
ये आवाजे उसका आत्मविश्वास और बढ़ाती क्योंकि वो बिना किसी ब्रेक के लगातार पेड़ काटता जा रहा था वहीं बूढ़े की साइड से बीच बीच में पेड़ों की गिरने कि आवाजे एकदम से बंद हो जाया करती!
युवा लकड़हारे को ये सोच कर कि बूढ़ा लकड़हारा अपने बुढ़ापे के कारण जल्द ही थक जाता है और फिर बेचारे को फिर से रिकवर करने के लिए आराम करना पड़ता है मन ही मन बड़ा आनंद आ रहा था। बात थी भी सहि वो युवावस्था में था उसमे जोश,ताकत और सहनशक्ति बूढ़े लकड़हारे से कई ज्यादा मात्रा में थी।
प्रतियोगिता के अंत में युवा लकड़हारे ने अपनी काटी हुई लकड़ो के ढेर को देख कल्पना कि, की ये उसके अविरत परिश्रम का परिणाम है जो निश्चित उसे इनाम के रुपए और ट्रॉफी उसके नाम लिख देगा।
वह थका हुआ मगर आत्मविश्वास से स्टेज पर खड़ा था और चैंपियन लंबरजैक के पुरस्कार से सम्मानित होने की उम्मीद कर रहा था। बूढ़ा लकड़हारा पास ही खड़ा था, जो आश्चर्यजनक रूप से कम थका हुआ लग रहा था!
जब परिणाम पढ़े गए तो युवा लकड़हारे की हालत खराब हो गई ये सुनकर की बूढ़े लकड़हारे ने उस की तुलना में काफी अधिक पेड़ों को काट दिया था!
युवा लकड़हारा बूढ़े लककडहारे से बोला - यह कैसे हो संभव है? मैंने सुना था आप हर घंटे आराम करते थे, मैंने रात भर लगातार काम किया है, मैं आपसे ज्यादा मजबूत और फिट हूं।
बूढ़ा आदमी मुस्कुराया और उसकी ओर मुड़ा और बस इतना ही बोला - कि हर घंटे मैंने आराम करने के लिए एक ब्रेक लिया और अपनी आरी (axe) की धार तेज कि!
इस कहानी कि तुलना अपने जीवन में करके देखते हैं, हम इस समय कितने भी युवा और मजबूत क्यों न हों , एक दिन हम बूढ़े हो जाएंगे इसलिए एक बार आराम करें अपने आरी को तेज करें अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें।नए कौशल सीखना और कभी भी खुद को शिक्षित करना बंद न करें। जीवन एक t- २० मैच नहीं है यह टेस्ट मैच है।
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