छोटी इंस्पिरेशनल कहानी | short inspirational story

  Contents

1) छोटी इंस्पिरेशनल कहानी(short inspirational story)

2)कहनिका मुख्य संदेश

3) सारांश (conclusion)

4) अन्य कहानियों के सुझाव (suggestions for some good stories)


छोटी प्रेरणादायक कहानी|short inspirational story


बहुत समय पहले एक मुर्गी पालन करने वाला किसान किसी एक गांव में रहता था। उसे अपना काम बेहद पसंद था और वो बड़े प्यार से सारी मुर्गियों की देखभाल किया करता था। उसकी सारी मुर्गियां सेहतमंद और  खुश नजर आती इसलिए उसे अपनी सभी मुर्गियों पर गर्व था।



छोटी प्रेरणादायक कहानी


 एक दिन जब ए किसान सुबह सुबह  टहलने निकला तब उसने देखा कि फुटपाथ के एक किनारे एक पक्षी का अंडा पड़ा हुआ है। जिस तरह की जगह पर वो अंडा पड़ा हुआ था उसे लगा कोई पक्षी इसे यहां गलती से छोड़कर गया होगा।


 बिना किसी हिचकिचाहट के उसने इसे लेने और घर वापस अपने खेत में ले जाने का फैसला किया।  उसने खुद से वादा किया कि वह इस छोटे अंडे को भी दूसरे अंडो की तरह ही देखभाल करने की कोशिश करेगा।


किसान ने सभी अंडों की तरह इस अंडे की भी अच्छे से देखभाल की। कुछ दिनों के बाद अंडा फूटा और उसमें से एक नन्हा मोर निकला।


इस नन्हे मोर को देख किसान को काफी खुशी हुई। किसान ने अपनी अन्य मुर्गियों की तरह ही मोर को भी पालने और देखभाल करने का फैसला किया और इसलिए उसने इसे भी अन्य सभी मुर्गियों के साथ रखा।


 मोर के बच्चे ने भी सभी मुर्गियों के साथ जल्दी से दोस्ती कर ली और अपने जीवन का भरपूर आनंद लेने लगा।  वह खुश था और अपने सभी दोस्तों के साथ खेलकर संतुष्ट था।  उसे नहीं पता था कि वह इन मुर्गियों से अलग है और उसे विश्वास था कि वह अपने सभी दोस्तों की तरह एक मुर्गी है।


 अपनेआप को मुर्गी समझनेवाला ये मोर हमेशा मुर्गियों कि तरह आचरण करता। किसान द्वारा दिए किए गए अनाज और कीड़ों को खाता। हर एक चीज जो मुर्गियां करती वो भी करने की कोशिश करता।


 लेकिन ऐसा कितने दिन चलने वाला था? आखिरकार एक दिन ऐसा आया जिस दिन भारी बारिश हुई। बारिश में भीग रहे सभी मुर्गियां पानी से बचने के लिए ईधर उधर छत ढूंढने लगी। लेकिन मोर को ना जाने क्यों? बारिश में मजा आने लगा। उसे इस बारिश से बचने का नहीं बल्कि इसमें खुल कर नाचने का मन हुआ। उसने खुद को किसी तरह कंट्रोल किया और बाकी मुर्गियों की तरह  छत के नीचे छुप गया।


जैसे ही सूरज एक बार फिर चमकने लगा, मोर और अन्य मुर्गियां खलिहान को छोड़कर फिर से खेलने लगीं।  जैसे ही मोर बारिश के कारण भर चुके पोखरों में से एक में पानी पीने के लिए गया, उसने पहली बार अपना प्रतिबिंब देखा।


बेचारे मोर को अब एहसास हुआ कि वह वास्तव में कौन था? 


 कहनिका मुख्य संदेश


 हम वर्तमान में वही हैं जो हम सोचते हैं कि हम हैं। जीवन में हमारे साथ कई भ्रम होते जो हमारी समस्याओं को वास्तविक महसूस कराते है।  ऐसे भ्रम जो हमें अपने ही मन में कैदी बना सकते है।


सारांश (conclusion)


 हम परिस्थितियों को उत्पन्न होने से नियंत्रित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं, लेकिन हम निश्चित रूप से इस पर नियंत्रण रख सकते हैं कि हम उनके बारे में कैसे सोचते हैं। 


अन्य कहानियों के सुझाव (suggestions for some good stories)


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