कहानियां एक अद्भुत माध्यम है किसी भी नए पाठ को सीखने और याद रखने के लिए। आज की इस हिंदी कहानी हम सीखेंगे की कैसे आपसी मतभेद खत्म किए जा सकत है।
हिंदी कहानी : 4 झगड़ालू भाई
एक बार की बात है एक व्यापारी था जिसके चार जवान बेटे थे। उन चारो के विचार कभी आपस में नहीं मिलते थे हर दिन किसी ना किसी मुद्दे पर उन चारो में बहस हो जाती और कभी कभी झगड़ा भी।
अपने चारो बेटों को आपस में ही लड़ता देख व्यापारी को खूब दुख होता। इन सब से परेशान व्यापारी ने अब खुद ही इसका उपाय निकालने कि सोची।
एक दिन व्यापारी ने उनमें से प्रत्येक को एक के बाद एक दूर के नाशपाती के पेड़ की यात्रा पर भेजने का फैसला किया। प्रत्येक बेटा अलग अलग मौसम में उस पेड़ के पास गया और उसका निरीक्षण कर के आया।
पहला बेटा वसंत ऋतु में, दूसरा ग्रीष्म में और इसी तरह तीसरा वर्षा और आखरी शरद ऋतु में इस पेड़ के पास गए।
वर्ष के अंत में पिता अपने बच्चों को एक साथ लाया और उनसे पूछा कि उन्होंने क्या देखा है वो एक एक करके सबके सामने बताए।
जिस बेटे ने सर्दियों में यात्रा की थी, उसने भूमि के सामने कठोर और बदसूरत खड़े मुड़ और बंजर पेड़ के बारे में बताया।
पुत्र जो वसंत में गया था, वो उससे असहमत हुआ, उसने कहा कि पेड़ मोहरों से भरा हुआ था और उसकी शाखाओं नई कालिया खिलने को थी।
तीसरा बेटा जो गर्मियों में यात्रा कर चुका था, वो उन दोनों से असहमत हुआ। उसने जो नाशपाती का पेड़ देखा था वह सुंदर फूलों से ढका हुआ था जो दिव्य दिखता था और महकता था।
अंत में अंतिम पुत्र, जिसने पतझड़ में यात्रा की थी, फिर से उन तीनों से पूरी तरह से असहमत हो गया, उसने मीठे और स्वादिष्ट नाशपाती से लदे एक पेड़ का वर्णन किया, जो पहले खाए गए किसी भी स्वाद से बेहतर था।
पिता ने ध्यान से सुना। उसने अपने चारों पुत्रों की सब बातें सुनीं। उन सभी ने नाशपाती के पेड़ का अलग-अलग वर्णन किया और अंत में पिता ने कहा कि वे सभी सही थे क्योंकि उन्होंने नाशपाती के पेड़ के जीवन का केवल एक ही मौसम देखा था।
उसने उन्हें समझाया कि किसी चीज़ का सार इस तरह से आंकना मूर्खता और असंभव है, चाहे वह पेड़ हो या उनके साथी।
जिस तरह पेड़ को केवल वर्ष के अंत में एक पूरी तरह से मापा जा सकता है, हर मौसम में अडिग खड़े रहने के बाद जिस तरह अंत में पेड़ को फल नसीब होते है वैसा ही मनुष्यो के साथ भी होता है।
बेटों ने सुना और समझा।उस दिन के बाद वे किसी भी विषय या मुद्दे पर अपनी अपनी राय देते बजाय एक दूसरे के साथ झगड़ा या एक दूसरे को जज करने के वे सब एक दूसरे का प्वाइं ऑफ व्यू भी समझने की कोशिश करते।
Moral of story
हम अपने जीवन में देखते हैं कि हम कोई एक पहलू के आधार पर खुद को या दूसरों को बहुत जल्दी आंकने लगते है। इसलिए आज ही कसम लीजिए कि किसी को भी एक गलती या खराब समय के चलते जज करना छोड़ देंगे। ऐसा करने से आप ऊंचा महसूस करेंगे।
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