जादूई पेड़ : नैतिक कहानी | moral Hindi story

 जादूई कहानियां या फैरी टेल्स वैसे तो काल्पनिक होती है लेकिन इन्हें पढ़नेका मजा ही कुछ और होता है।आज आप ऐसी ही जादूई पेड़ की कहानी पढ़ेंगे जिसमें आपको कुछ नैतिक पाठ भी बताए जाएंगे।


जादूई पेड़ : नैतिक कहानी | moral Hindi story


जादूई पेड़ : नैतिक कहानी | moral Hindi story


  एक बार दो भाई एक जंगल के पास रहते थे। छोटा भाई सरल,दयालु और मेहनती था वहीं बड़ा भाई बहुत मतलबी था।


 वह छोटे भाई का सारा खाना खा लेता था और उसके सारे कपड़े भी उससे छीन कर खुद पहनता था।


 एक दिन बड़ा भाई लकड़ी लेने जंगल में गया। उसने वहां पर कई पेड़ काटे वो एक और पेड़ काटने के लिए जब आगे बढ़ा तब उसे पता चला कि वो पेड़ जादुई पेड़ है।  


 जैसे ही वह इस पेड़ को काटने ही वाला था, पेड़ ने कहा, कृपया मुझे मत काटो।  अगर तुमने मुझे नहीं काटा तो मैं तुम्हें एक सोनेका फल दूंगा। बड़ा भाई मान गया, लेकिन जब उसको पेड़ ने सोने का फल दिया वो सोचने लगा इस पेड़ के पास तो ऐसे ढेर सारे सोने के फल होंगे और ये मुझे सिर्फ एक ही फल दे रहा है!


 लालच ने उसे जकड़ लिया था।  उसने पेड़ को धमकी दी कि अगर उसने उसे और सोने के फल नहीं दिए तो वह उसे जड़ से काट देगा।


 जादूई पेड़ को बहुत गुस्सा आया और उसने उस पर सैकड़ों छोटी छोटी सुइयां फेंक दीं। इतनी सारी सुइयां जब उसके शरीर में घुसी तो बड़ा भाई दर्द से कराहते हुए जमीन पर गिर पड़ा।


कुछ घंटे बीत गए, सूरज डूबने लगा और छोटा भाई चिंतित हो गया। छोटा भाई अपने बड़े भाई की तलाश में जंगल की ओर निकल गया।


 काफी तलाश करने के बाद उसे अपना बड़ा भाई जादूई पेड़ के पास दर्द में पड़ा हुआ मिला जिसकी  त्वचा में सैकड़ों सुइयों फसी हुई थी।


 वह दौड़ा अपने बड़े भाई की तरफ दौड़ा उस इस हालत में देख कर उसकी आंखो में से पानी निकल आया, उसने धीरे-धीरे सावधानी से प्रत्येक सुई को हटा दिया।  


 सारी सुइयां निकल जाने के बाद बड़े भाई को दर्द से बड़ी राहत मिली। बड़े भाई ने अपने छोटे भाई और जादूई पेड़ के साथ दुर्व्यवहार करने के लिए माफी मांगी और आगे से सभी के साथ अच्छा व्यवहार करने का वादा किया।


छोटा भाई तो था ही दयालु तो वो अपने बड़े भाई को पहले ही माफ कर चुका था और जादूई पेड़ ने भी बड़े भाई के हृदय में परिवर्तन देखा।


 पेड़ ने उन दोनों भाइयों को ढेर सारे फल दिए।


 कहानी का नैतिक 


 दयालुता और अनुग्रह हमेशा पुरस्कृत किये जाते है। बुराई का परिणाम बुरा और अच्छाई का परिणाम अच्छा ही होता है।


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