कहानियां जो जीवन में भ्रम को समझाए | Hindi Kahaniya

कहानियां जो जीवन में भ्रम को समझाए |  Hindi Kahaniya 



कहानियां जो जीवन में भ्रम को समझाए |  Hindi Kahaniya




कहानी : बूढ़ी और जवान लड़का


एक बूढ़ी औरत स्टेशन पर आती है और वेंडिंग मशीन में पैसे डालकर कुकीज खरीदती है।


फिर वो एक बेंच के पास आती है जहा पर बैठ कर वो अपना कुकीज का पैकेट खोलकर कुकीज खाने लगती है।


तभी वहा पहले से बैठा जवान लड़का उसकी कुकीज खाने लगता है वो भी बिना उससे पूछे।


बूढ़ी औरत जब उसको देखती है तो वो कानो में इयरफोन लगाकर बड़ी मस्ती में म्यूजिक सुन रहा होता है।


 बूढ़ी को वो देखने मे ही बदत्तमीज लगता है, इसलिए वो उसे काफी डाटती है लेकिन ऊंची आवाज में म्युजीक सुन रहा वो लड़का उसकी बातो पर ध्यान नहीं देता और आखरी बची कुकी भी खाने लगता है तब बूढ़ी उसे ऐसा करने से मना करती है। तब वो लड़का उसके दो हिस्से कर के एक खा लेता है और दूसरा बूढ़ी को दे देता है।


बूढ़ी को काफी गुस्सा आता है इसलिए वो उस कुकी को उसी के सामने चुरचूर कर फेक देती है और उठकर गाड़ी में बैठ जाती है। वो लड़का उस  कुकी के टुकड़े को भी खा लेता है।


टी.सी. के टिकट मांगने पर बूढ़ी जब अपना पर्स टिकट निकलने के लिए खोलती है तो पाती हैं की उसने जो  कुकीज खरीदी थी वो पैकेट तो उसकी  पर्स में रख्खा है और जिसे वो अपनी कुकीज समझकर उस लड़के पर गुस्सा हो रही थी वो दरअसल  उसी लड़के की कुकीज थी जो उसने उसी बेंच पर रख्खी थी जहा ये दोनो बैठे थे।


वो गाड़ी की बारी से बेंच पर बैठे लड़के की ओर देखती है जो अब कुकीज का खाली पैकेट दस्त बीन में डालकर और उस बूढ़ी औरत की तरफ देखकर उसे बाय करते हुए वहा से चला जाता है।


 अंत में बूढ़ी को ये एहसास होता है की उसने उस लड़के को बाहर से देखकर गतल जज कर लिया था। 


कहानी की सिख


दोस्तों लोग कहते हैं आंखों देखा और कानो सुनि  बातों पर  ही विश्वास करना चाहिए लेकिन कभी-कभी ये बातें भी सच नहीं होती। हमें नहीं पता होता है कि हम सिक्के की कौन सी बाजू देख रहे हैं और कौन सी बाजू अभी भी हमारे लिए अनदेखी है इसलिए किसी भी सिचुएशन में गलत तरीके से रिएक्ट करना नहीं चाहिए।



कहानी : अजीब शर्त


एक आदमी बार में आता है और वह बारटेंडर के पास जाकर उसे कहता है मेरे पास पैसे नहीं है मुझे एक बियर दे दो मैं पैसे बाद में चुका दूंगा।


बारटेंडर उधार देने से मना कर देता है। आदमी फिर भी नहीं मानता और उसे बार-बार बियर देने के लिए बोलता रहता है। बारटेंडर भी अब काफी परेशान हो जाता है।


 लेकिन आदमी को बियर पीने ही थी इसलिए वो कहता है - चलो एक शर्त लगाते है अगर मैंने अपनी आंख को अपने दांतों से छू लिया तो तुम मुझे बीयर दे दोगे और अगर में ऐसा नही कर पाया तो मैं चुपचाप यहा से चला जाऊंगा।


बारटेंडर सोचता है की ये अच्छा मौका है इस आदमी को यहां से भगाने का क्योंकि कैसे कोई अपनी आंख को अपने दांत से छू सकता है?  वह इस शर्त के लिए मान जाता है।


आदमी अपनी एक आंख जो कि नकली थी उसे अपने हाथों से निकालता है,अपने दांतों पर टच करता है और वापस अपनी जगह सेट कर लेता है।


क्योंकि बारटेंडर अब अपनी शर्त हार चुका था तो वह उसे एक बीयर दे देता है। उस बियर को पीने के बाद आदमी फिर से एक बीयर उससे मांगने लगता है।


बारटेंडर कहता है चलो कोई नई शर्त लगा अगर तुम जीतते हो तो मैं तुम्हें बीयर दे दूंगा।


आदमी कहता है चलो ठीक है अगर मैं अपने दूसरी आंख को भी अपने दांतो से टच करा दूं तो तुम मुझे बीयर दे देना।


बारटेंडर सोचता है यह तो असंभव है क्योंकि अगर इसकी दोनों आंखें नकली होती तो यह कभी भी ठीक से चलकर इस बार तक नहीं पहुंच पाता। इसीलिए कॉन्फिडेंस में आकर बारटेंडर उसे कहता है अगर ऐसा तुमने कर दिया तो मैं एक नहीं तुम्हें 5 बीयर दे दूंगा।


आदमी खुश हो जाता है और बोलता है ठीक है मुझे ध्यान से देखो।

आदमी इस बार अपने नकली दांत निकलता है और अपनी दूसरी आंख को टच करा कर फिर से अपने मुंह में वह नकली दांत सेट कर लेता है।


इस तरह से बारटेंडर फिर से शर्त हार जाता है और उसे उस आदमी को पांच बीयर देनी पड़ती है।


कहानी की सिख


दोस्तों हम उन्हीं चीजों पर भरोसा करते हैं जितना हमारा दिमाग सोच पाता है। कई चीजें जो हमारी सोच से बाहर होती है हमारे लिए वह असंभव सी लगती है लेकिन जब हम उन चीजों को समझ लेते हैं तब हमें अपने संकुचित सोच और अपने अविकसित दिमाग के बारे में पता चलता है।


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