नमस्कार दोस्तों,आज के इस लेख में आप को एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हु जो आपको भावुक कर देगी। इस कहानी का शीर्षक है ' घमंडी डॉक्टर की कहानी | Emotional Hindi Kahani' इस इमोशनल कहानी को एक बार जरूर पढ़िए।
घमंडी डॉक्टर की कहानी | Emotional Hindi Kahani
एक डॉक्टर बहुत हड़बड़ी में हॉस्पिटल के अंदर दाखिल हुआ। जितनी जल्दी हो सके केस (मरीज) के बारे में जानकारी ली और अपने कपड़े बदल कर सीधा ऑपरेशन ब्लॉक की तरफ जाने लगा।
वही पर मरीज (जो की एक छोटा 9 साल का बच्चा था) का पिता बड़ी बैचेनी से बिना एक जगह बैठे डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहा था।
पिता ने जैसे ही डॉक्टर को आते हुए देखा वो अपने काबू में न रहा और उनपर चिल्लाते हुए बोला - कैसे डॉक्टर हो तुम? तुम्हे अपनी जिम्मेदारी का कोई एहसास भी है या नही? क्या तुम नहीं जानते मेरा बेटा मौत से लड़ रहा है।
डॉक्टर शांत और थोड़ी सी स्माइल वाले चेहरे के साथ बोला - देरी के लिए माफी चाहता हु लेकिन मैं अस्पताल से काफी दूरी पर था और कॉल मिलते ही मैं जितना जल्दी आ सकता था उतनी जल्दी आया हु। अब आप थोड़ा शांत रहिए और मुझे अंदर जाने दीजिए ताकि मैं अपना काम कर सकू।
पिता डॉक्टर की बातो से और चीड़ गया और बोला - शांत रहूं? कैसे शांत रह सकता हू? क्या तुम्हारा बेटा मरने वाला होता तब तुम शांत रह पाते? तुम अगर मेरी जगह होते तब तुम्हे पता चलता की जब अपने कलेजे का टुकड़ा मौत से लड़ रहा होता है तब कैसा महसूस होता है।
डॉक्टर बोला - मै आपकी भावनाओं को समझ सकता हु आप भगवान से प्रार्थना कीजिए अपने बेटे के लिए क्योंकि जीवन और मृत्यु तो उसके हाथो में है हम डॉक्टर बस ईमानदारी से कोशिश भर कर सकते है। इतना कहकर डॉक्टर ऑपरेशन ब्लॉक में चला जाता है।
दो घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर मुस्कराते हुए बाहर आता है और पिता को बधाई देते हुए कहता है - आपकी प्रार्थना सुन लो गई है आपका बेटा खतरे से बाहर है,आपको जो कुछ पूछना है नर्स से पूछ लीजिएगा। और इतना कहकर जितनी तेजी से वो अस्पताल आया था उतनी तेजी से वहा से चला जाता है।
बच्चें का पिता अपने बच्चे की खबर सुन खुश हो जाता है लेकिन डॉक्टर का ऐसा घमंड देखकर उसे अंदर ही अंदर कोस रहा होता है।
पिता जब नर्स से अपने बच्चे के बारे में बात कर रहा होता है तब वो नर्स से कहता है - बड़ा अजीब और घमंडी आदमी है ये डॉक्टर, डॉक्टर को इतना लापरवाह नही होना चाहिए, 2 मिनट रूकरकर मेरे बेटे की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी देना भी जरूरी नहीं समझा, पता नही किस बात की जल्दी थी!
इतना कहकर जब उसने नर्स की तरफ देखा तो नर्स की आंखों में आंसू थे। वो बोली - परसो एक एक्सिडेंट में उनका बेटा मारा गया है और आज उसका अंतिम संस्कार है। वो वही थे जब उनको हमने ऑपरेशन के लिए कॉल किया था। अब जाकर वो उसका अंतिम संस्कार पूरा करेंगे।
सारी बात समझ में आने के बाद उस आदमी के आंखों से भी पछतावे के आंसू निकल आए।
कुछ समय का बर्ताव देखकर कभी भी किसी को जज नहीं करना चाहिए क्योंकि वो किस कठिन दौर से गुजर रहा है हम नही जानते।
