बुद्धिमान व्यापारी की कहानी | hindi kahani
एक बार गरीबी की देवी जेष्ठा देवी और धन की देवी लक्ष्मी देवी में बहस हो रही थी।
दोनों इस बात पर एक दूसरे से बहस कर रहे थे कि दोनों में से कौन ज्यादा सुंदर दिखती है?
दोनों ही देवियां अप्रतिम सुंदरता की मालकिन है मगर दोनो में जब तुलना की जाए तो तो कोन श्रेष्ठ है ये तय कर पाना देव लोक या पाताल लोक में कोई भी नही कर पाया!
इस बहस का कोई अंत होता नहीं दिख रहा था तभी दोनो देवियों ने अब इस मुद्दे को धरतीलोक पर जाकर सुलझाने का मन बनाया।
जब दोनो धरती पर जिस स्थान पर पहुंचे तब वहां से एक व्यापारी गुजर रहा था।
दोनों देवियों ने तय किया कि इस बात का फैसला इस व्यापारी को पूछ कर किया जाए।
दोनों देवियों ने उस व्यापारी को अपने पास बुला कर अपनी अपनी बातें बताई और कहा कि अब तुम ही बताओ कि हम दोनों में से कौन ज्यादा सुंदर है।
व्यापारी को ये समझते देर नहीं लगी की दो शक्तिशाली देवियां खुद उसको दर्शन दे रही है। व्यापारी ये भी जानता था की लक्ष्मी देवी खुश हो जाए तो जीवन में धन की कभी कमी नहीं लेकिन अगर नाराज हो गई तो वो चाहे कुछ भी करले उसके पास धन कभी नहीं आएगा। दूसरी तरफ जेष्टा देवी खुश रहेगी तो गरीबी उससे दूर रहेगी और उनके नाराज होने पर गरीबी उसका मरते दम तक पीछा नहीं छोड़ेगी।
व्यापारी दुविधा में पड़ गया। नाहीं वह धन की देवी को नाराज कर सकता था और ना ही वह गरीबी की देवी को। दोनों से ही दुश्मनी लेना उसको बर्बाद कर सकता था।
फिर व्यापारी थोड़ा सोचने के बाद बोला देवी लक्ष्मी आपकी सुंदरता के आगे तब विश्व की सारी स्त्रियां फेल है जब आप घर के अंदर प्रवेश कर रही होती हो।
देवी जेष्टा आपकी सुंदरता के बखान के लिए तब कोई शब्द नहीं मिलता जब आप घर से बाहर जा रही होती है।
इस तरह चतुराई से व्यापारी ने बिना किसी को नाराज किए दोनो को ही खुश कर दिया। दोनों ही देवीया उस व्यापारी को आशीर्वाद देकर चली गई।
दोस्तो चतुर और समझदार व्यापारी की कहानी हमें सिखाती है कि किस तरह से किसी मुसीबत से बाहर निकला जा सकता है और उस मुसीबत से भी लाभ उठाया जा सकता है।
