आज की कहानी एक शिक्षाप्रद कहानी हैं। इस कहानी में बताया गया है की कैसे हर शेर को एक सवाशेर मिलता है और एक दिन हर घमंडी का घमंड टूटता हैं।
घमंडी बुद्धिवान...शिक्षाप्रद कहानी | Hindi story with lesson
एक बिजनेसमैन था। वह बहुत बुद्धिवान था। उसका आइक्यू लेवल किसी बड़े वैज्ञानिक जितना था।
लेकिन यह बिजनेसमैन अपनी बुद्धि पर, अपनी होशियारी पर बहुत घमंड करता था। इतना घमंड कि वह सामने वालों को अपने आगे कुछ समझता ही नहीं था।
जब भी वो किसी व्यक्ति से बात करता तो उसके शब्दों में, उसके व्यवहार में, उसकी बॉडी लैंग्वेज में घमंड साफ साफ दिखाई देता था। उसके ऐसे बातों और आचरण से सामने वाले लोग दुखी हो जाते थे लेकिन उसे इस बात का कोई फर्क नहीं पड़ता था।
उसका बिजनेस अच्छा चलता था फिर भी वो हमेशा दिमाग लगाकर इस बात की फिराक में रहता था कि कैसे वह कम से कम समय में बेशुमार दौलत कमा पाए। एक ब्राह्मण इस बिजनेसमैन का स्कूल टाइम से मित्र था। ब्राह्मण भी समझदारी मैं कुछ कम ना था लेकिन इस ब्राह्मण ने अपनी बुद्धि को भगवान की भक्ति और धर्म ग्रंथों को पढ़ने में लगा दिया था।
बिजनेसमैन अपने ब्राह्मण मित्र का भी कई बार अपमान कर दिया करता था। लेकिन आध्यात्मिता को पा चुका ब्राह्मण कभी उसकी बातों का या व्यवहार का बुरा नहीं मानता। ब्राह्मण ने अपनी सच्ची भक्ति और समर्पण से भगवान का दर्शन कर लिया था इसलिए वो अब किसी भी बाहरी वस्तुओ या दुनियां से विचलित नहीं होता था।
भगवान का साक्षात्कार कर चुके इस ब्राह्मण के पास कुछ अद्भुत शक्तियां भी आ गई थी जिससे वह अपनी कल्पना शक्ति से कई सारी चीजों का सर्जन या विनाश कर सकता था।
जब बिजनेसमैन को इस बात की खबर हुई तो उसने अपने ब्राह्मण दोस्त की शक्तियों का फायदा उठाने का सोचा।
बिजनेसमैन तुरंत अपने मित्र ब्राह्मण के पास पहुंचा और किसी तरह से अपने दोस्त से अपने लिए कई सारे पैसे सर्जन करवा सके इसके लिए युक्ति करने लगा। बिजनेसमैन ने अपने दोस्त से कहा," मुझे भगवान की सीमाओं के बारे बताओ और वो क्या-क्या कर सकते हैं? इसके बारे में जानकारी दो।"
ब्राह्मण बोला," मेरे भगवान की कोई सीमा ही नहीं है। वह जो कर सकते हैं वह कोई नहीं कर सकता। उनके लिए पूरा समुंदर एक बूंद समान है! पूरा हिमालय एक कण समान है! हजारों वर्ष 1 मिनट के समान है और करोड़ों रुपए ₹1 के समान है!
बिजनेसमैन इसी मौके की तलाश में था। जैसे ही ब्राह्मण ने पैसों की बात की तो बिजनेसमैन तुरंत ब्राह्मण से बोला ,"अगर ऐसी ही बात है तो मुझे अपने भगवान से बोलकर सिर्फ ₹1 दिला दो।"
बिजनेसमैन इनडायरेक्टली ब्राह्मण से बोल रहा था कि उसे करोड़ों रुपया चाहिए जो उसके भगवान के लिए एक रुपए के सामान है।
ब्राह्मण ने अपनी आंखें बंद की और ध्यान में बैठ गया। कुछ सेकंड बाद ब्राह्मण ने आंखें खोली और अपने बिजनेसमैन मित्र से बोला," भगवान तुम्हें एक रुपया देने के लिए तैयार है, बस उन्होंने तुम्हें सिर्फ 1 मिनट इंतजार करने के लिए कहा है!"
इस तरह से अपने आप को बहुत बड़ा तीस मारखान समझ रहे बिजनेसमैन को उसके मित्र ब्राह्मण ने उसी के तरीके से मात दे दी! क्योंकि भगवान के लिए करोड़ों रुपयों का मूल्य ₹1 है तो हजारों सालों का मूल्य भी 1 मिनट की है इस तरह से अगर बिजनेसमैन को करोड़ों रुपए चाहिए तो उसे हजारों साल इंतजार करना पड़ेगा!
दोस्तों, हमारे आसपास आपको ऐसे कई लोग मिल जाएंगे जिन्हें अपने बुद्धि पर, अपनी कला पर अपनी सुन्दरता पर या फिर भगवान द्वारा मिली किसी भी वस्तु पर बहुत घमंड हो जाता है ,लेकिन वह लोग यह भूल जाते हैं कि घमंड तो रावण का भी नहीं ज्यादा चला था उनका कैसे चलेगा?
आपने पूरी कहानी अंत तक पढ़ी इसके लिए धन्यवाद। आपको कहानी पसंद आई हो तो आप व्हाट्सएप पर या सोशल मीडिया पर इसे शेयर जरूर कीजिएगा क्योंकि हमारे आसपास भी तो कई सारे घमंडी लोग हैं जिन्हें इस कहानी को पढ़ने की जरूरत है।
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