चट्टान या पत्थर : प्रेरणादायक कहानी | preranadayak Kahani

चट्टान या पत्थर : प्रेरणादायक कहानी | preranadayak Kahani 


 दोस्तों आज की प्रेरणादायक कहानी पढ़ने से पहले मैं चाहूंगा आप मेरे प्रश्न का उत्तर दें। तो प्रश्न कुछ इस प्रकार है क्या आपने कभी किसी ऐसे व्यक्ति को देखा है? या जाना है जिसके जीवन में कोई भी समस्या ना आई हो?


चट्टान या पत्थर : प्रेरणादायक कहानी | preranadayak Kahani


यकीन मानिए आपके उत्तर को में पहले से ही जानता हूं! आपका उत्तर होगा कि जब भगवान राम, कृष्ण और शिव या किसी भी धर्म के भगवान, इन सभी को ही समस्याओ का सामना करना पड़ा था तो हम तो आम इंसान हैं, हम भला समस्याओं से दूर कैसे रह सकते हैं!


इसका मतलब है जैसे मृत्यु एक अटल सच है वैसे ही जीवन में समस्याओं का आना भी उतना ही सच है। कभी-कभी हम इस सच से दूर भागने की कोशिश करते हैं या इसे झूठलाने की कोशिश करते हैं और समस्याओं में उलझ कर रह जाते हैं। कहीं आप भी तो किसी समस्या से जूझ नहीं रहे है ना? अगर हां तो यह कहानी आपको उस समस्या का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करेगी।


यह कहानी एक किसान की है। इस किसान के पास एक बहुत बड़ा खेत था। इस बहुत बड़े खेत के बीचो बीच एक चट्टान गड़ी हुई थी और उसका एक हिस्सा मिट्टी के ऊपर निकला हुआ था। इस पत्थर से टकराकर किसान के कई औजार टूट जाते थे और उस को काफी नुकसान होता था। अक्सर अपने काम में  खोया यह किसान भी उस पत्थर से ठोकर खाकर कई बार गिर चुका था। लेकिन हर बार गुस्से में बड़बड़ा कर यह किसान उस पत्थर पर ध्यान न देकर अपने काम पर ज्यादा ध्यान देता था।


एक बार किसान अपने घर में चल रहे छोटे-मोटे झगड़े की वजह से परेशान और थोड़ा गुस्से में था। वो इसी गुस्से में अपना हल उठा कर खेत में काम करने चला आया। काम करते-करते उसका हल उस पत्थर से टकराकर टूट गया। इस बार किसान का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। उसने इस बार कसम खा ली कि आज चाहे कुछ भी हो जाए, चाहे जितनी मेहनत करनी पड़े वो आज इस चट्टान को अपने खेत से उखाड़ कर बाहर फेंक देगा।


किसान गुस्से में ही अपने खेत से निकला, अपने गांव में गया और अपने चार-पांच दोस्तों को बुलाकर अपने खेत में ले आया। किसान ने अपने सभी दोस्तों को उस चट्टान को दिखाते हुए कहा यही वह चट्टान है जिसके बारे में मैंने तुम लोगो को बताया है। आज हमें इसी को खोदकर मेरे खेत से निकाल फेंकना है।


मैं शुरुआत करता हूं बाद में तुम लोग सब मिलकर मेरी मदद करना। किसान फावड़ा लेकर पत्थर के एक किनारे पर वार करने लगता - खोदने लगता है। किसान ने अभी चार-पांच बार ही फावड़े का इस्तेमाल किया था कि वह पत्थर जड़ से निकलकर हिलने लगता है। किसान के सभी दोस्त यह दृश्य देखकर किसान पर हंसने लगते हैं। एक दोस्त किसान का मजाक उड़ाते हुए कहता है - अच्छा तो यही वह बड़ी गहरी चट्टान थी जिसके लिए तुमको हम दोस्तों की मदद लेनी पड़ी! 


किसान अपने दोस्तों के आगे बढ़ा शर्मिंदा होता है, उनसे माफी मांगता है और उन्हें जाने के लिए कहता है। उनके जाने के बाद किसान को बहुत पछतावा होता है। वह सोचता है अगर मैंने पहले ही इस पत्थर को हटाने की कोशिश की होती तो ना मेरा नुकसान होता ना ही मेरा अपमान होता।


दोस्तों, छोटी सी यह कहानी हमें यह एहसास दिलाने के लिए काफी है कि जिन समस्याओं को हम चट्टान समझते हैं अगर उन्हें सही जगह पर चोट मारी जाए तो वह एक पत्थर सी मामूली बन जाती है और फिर इस मामूली से पत्थर को हम ठोकर मारकर बड़ी आसानी से अपने रास्ते से हटा सकते हैं।


आपके लिए बेहतरीन प्रेरणादायक कहानियाँ 


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