दोस्तो, आज आप पढ़ेंगे एक छोटी सी शिक्षाप्रद कहानी। कहानी भले ही छोटी है लेकिन उससे मिलनेवाली शिक्षा बहुत बड़ी और जीवन में काफी उपयोगी है। इसलिए दोस्तो कहानी को अंत तक पूरी अवश्य पढ़िएगा।
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| शिक्षाप्रद कहानी |
शिक्षाप्रद कहानी छोटी सी | Short Moral Story in Hindi
एक बड़ा ही समृद्ध और खुशाल राज्य था। इस राज्य का राजा बड़े ही साफ दिल का , सेवाभावी और भगवान में अटूट विश्वास रखनेवाला था।
राजा को किसी चीज की कोई कमी नहीं थी। राज्य के सारे लोग राजा से बेहद प्यार करते थे और उसका हर कहां किसी हुक्म की तरह मानते थे फिर भी राजा जैसे जैसे बूढ़ा होता जा रहा था वो दुखी रहने लगा था!
राजा के दुख का कारण था उसे पुत्र का ना होना। हालाकी राजा की एक पुत्री थी जो बड़ी हो चुकी थी और उसके विवाह का विचार भी अब राजा करने लगा था। राजा अपने बुढ़ापे में सन्यास लेकर प्रभु भक्ति करना चाहता था लेकिन उसके सामने सबसे बड़ी समस्या यही थी की राज की बागडोर किसे सोपी जाए?
एक रात इसी चिंता में राजा काफी देर तक भगवान का नाम जपते जपते सो गया सो गया। उस रात राजा को सपने में भगवान का साक्षात्कार हुआ और उसे उसकी सारी समस्याओं का समाधान मिला।
सवेरे उठते ही राजा ने बड़े प्रसन्न मन से एक सभा बुलाई और ऐलान कर दिया की उसके महल के दरवाजे पर को भी पहला आदमी आएगा उसी से राजकुमारी की शादी की जाएगी और उसे ही राज्य का राजा घोषित किया जायेगा!
सभी लोग जो सभा में मौजूद थे राजा का ऐसा अजीब ऐलान सुनकर काफी अचंभित हुए। लेकिन सभी लोग जानते थे कि राजा बिना बात के ऐसा कोई भी मूर्खतापूर्ण काम नहीं करेगा इसलिए उन्होंने राजा को ऐसा करने का कारण पूछा।
राजा ने अपने रात के सपने के बारे में सबको बताया तो सबके मन का संदेह दूर हो गया। राजा के ऐलान कर तुरंत पालन किया गया और थोड़ी ही देर बाद सैनिक एक युवक को सभा में लेकर आए जो मैले पुराने कपड़े पहने हुआ था।
राजा ऐलान के अनुसार गरीबों को राजा बना दिया गया राजकुमारी से उसकी शादी भी कर दी गई। कुछ ही दिनों में ढूंढा राजा अपना सब कुछ त्याग करके प्रभु भक्ति के लिए सन्यासी बनकर जंगलों में चला गया।
धीरे-धीरे नए राजा ने राज्य का सारा भार संभाल लिया और बड़े अच्छे से शासन करने लगा। राज महल में एक गुप्त कमरा था जिसके दरवाजे पर एक बड़ा सा ताला लगा रहता और इस ताले की चाबी नया राजा हमेशा अपने पास संभाल कर रखता। हर हफ्ते एक दिन राजा उस कमरे का ताला खोलता और आधे एक घंटा उसमे बिताने के बाद फिर से उसे ताला लगा देता।
उस चाबी को राजा कभी किसी को छूने भी नही देता अगर कोई उसे छूने की कोशिश करता तो राजा गुस्सा हो जाता! सेनापति,खजांची और सभी मंत्री बड़ी जिज्ञासा के साथ उस कमरे में क्या हो सकता है ये जानना चाहते थे।
सभी के दिमाग में यही सवाल घूमता रहता के आखिर खजाने की चाबी खजांची के पास,शस्त्रागार की चाबी सेनापति के पास और सभी जरूरी दस्तावेज रखे कमरे की चाबी मंत्री के पास है तो आखिरकार राजा उस गुप्त कमरे की चाबी अपने पास लिए क्यों फिरते हैं और आखिर उसमें क्या ऐसी कीमती चीज है जो राजा किसी को बताते नहीं!
इन सभी के लाख कोशिशों के बाद भी राजा ने कभी भी उन्हें उस कमरे में क्या है उसके बारे में नहीं बताया। इन सभी ने जाकर इस बात की खबर रानी के कानों तक पहुंचा दी। रानी को भी जिज्ञासा हुई की ऐसी कौन सी रहस्यमई बात है जिसे राजा अपनी धर्म पत्नी से भी छुपा रहे हैं?
रानी ने राजा से उस रहस्य को जानने के लिए हट पकड़ लिया। रानी ने खाना पीना सब त्याग दिया! आखिरकार स्त्री हट के आगे राजा को हार माननी पड़ी।
राजा रानी, मंत्री और सभी सभासदों को साथ में लेकर उस कमरे के पास पहुंचा और पहली बार सबके सामने उस कमरे को खोला। सभी देख कर हैरान थे क्योंकि उस कमरे में कुछ भी नहीं था सिवा एक फटे पुराने कपड़े के जो दीवाल पर टंगा हुआ था!
मंत्री ने फटे कपड़े को अपने हाथ में लेते हुए राजा से कहा महाराज यहां तो इस फटे कपड़े के सिवा कुछ भी नहीं है। तब राजा ने कहा यही तो मेरा सब कुछ है! जब जब मुझे किसी वस्तु का घमंड होने लगता है या जब मैं अपने आप को दूसरो से उत्तम समझने लगता हु तब तब मैं इस कमरे में आकर अपने इन फटे पुराने कपड़ों को देखता हूं और मुझे याद आ जाता है की जब में इस राज्य में आया था तब मेरे पास इनके अलावा कुछ भी नहीं था और मेरा सारा घमंड खत्म हो जाता है!
कहानी से मिलनेवाली शिक्षा
दोस्तों ये कहानी हमें सिखाती है की कैसे हम अपने भूतकाल को याद रख कर वर्तमान में गलतियां करने से बच सकते है। समय हमेशा बदलता है इसलिए हमे ये हमेशा याद रखना चाहिए की अगर आज हमारे पास सब कुछ है तो वो हमेशा नही रहने वाला इसलिए हमे हमेशा नम्र बने रहना चाहिए।
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Bhbh
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