एक गरीब लड़के की दिल को छूनेवाली कहानी | Heart touching story

इस पोस्ट में एक गरीब लड़के की कहानी आपसे share करने जा रहा हूं। ये कहानी मेरे दिल को तो छू गई अगर आप भी इस कहानी को पूरे मन से पढ़ोगे तो सच मे आपकी आंखों में भी पानी आ जाएगा।


एक गरीब लड़के की दिल को छूनेवाली कहानी | Heart touching story


एक गरीब लड़के की दिल को छूनेवाली कहानी | Heart touching story



एक भयानक अंधेरी रात में मंदिर की सीढ़ी पर मंदिर में लगे लाइट की रोशनी में एक साधारण 15 साल का लड़का पढ़ाई करते दिखा। ठंडी के दिन थे। वो ठंड से कांप रहा था लेकिन पढ़ाई में खोया हुआ था!


हफ्ते में 2 दिन मैं उस रास्ते से होकर गुजरता था। दिन में कभी वो नजर नहीं आता। मुझे काफी जिज्ञासा होती थी उसके बारे में जानने की। एक रात खाना खाकर मै गाड़ी लेकर उसी रास्ते से गुजरने वाला था सोचा जाते जाते कुछ पार्सल लेकर जाऊंगा उसके लिए।


मैं पार्सल लेकर गाड़ी से उस मंदिर के पास पहुंचा।लड़का सीडियो पर बैठकर हमेशा की तरह पढ़ाई कर रहा था। मैंने गाड़ी रोकी और उसके पास गया। मेरी तरफ जब उसने देखा तो वो मुस्करा दिया जैसे वो मुझे पहले से जानता हो।


मैंने उससे पूछा बेटा तुम हमेशा यही पर क्यों पढ़ाई करते हों?


 सर, मेरे घर में बिजिली नहीं आती। मेरी मां बीमार रहती हैं और तेल डालकर दिया जलाने लायक मेरी परिस्थिति नहीं है बस इसलिए मैं यहां आकर पढ़ता हूं।


तुम मुझे देखकर मुस्कुराए , क्यों? मैंने पूछा।क्योंकि आप भगवान है, वो बोला। ऐसा  नहीं है मैंने कहा। नही आप भगवान ही है, वो बोला।


चलो वो सब जाने दो । मुझे बताओ क्या तुमने खाना खा लिया? क्योंकि मैं तुम्हारे लिए खाने का पार्सल लाया हूं।


देखा! इसलिए मैं आप को भगवान कह रहा था। आज मुझे बहोत भूक लगी है, सुबह से मैंने कुछ भी नहीं खाया! लेकिन मुझे इस बात की जरा भी चिंता नहीं थी मैं जानता था वो भगवान जिसने मुझे भूख दी है वह मुझे भूखा पेट नहीं सुलाएगा, किसी ना किसी रूप में आकर मुझे खाना देगा और आप खाना लेकर आ गए!आप भगवान ही हो ना?


मेरे पास कोई शब्द नहीं थे। अनजाने में ही मेरे हाथों पुण्य का काम हो रहा था। हर दिन कर्जे में डूबे होने के कारण ऊपर वाले को, उस भगवान को कोसता था। आज उसने  मुझे ही भगवान की उपाधि देखकर शर्मसार कर दिया था।


आधा खाना खाकर उसने आधा बचा लिया और मुझसे बोला कि सर आप 5 मिनट यही ठहरीये मैं यह खाना मेरी मां को दे कर आता हूं। मंदिर से कुछ दूर एक पुराने घर की तरफ जाते हुए मैं उसे देखता रहा।


कुछ मिनटों बाद वह वापस  लौटा। उसके हाथों में मुट्ठी भर फुल थे। उसने वो मेरे पैरों में रख दिये और बोला मां ने कहा है जिस भगवान ने हमारा पेट भरा है उसके चरणों में थोड़े फूल तो चढ़ाने ही चाहिये! 


मेरी आंखें बंद हो गई और उसमें अपने आप आंसू निकल आए। आंखें खोल के मैंने उसके पुराने घर के तरफ देखा उस घर के सामने पड़े पत्थर में भी मुझे प्यारी सी मुस्कान दिखाई दे रही थी। उस लड़के की आंखों में मुझे साक्षात भगवान दिखाई दे रहा था।


दोस्तों, कहते हैं कि भगवान सबकी मदद करते हैं बस वह खुद सामने नहीं आते किसी ना किसी के जरिए हम तक वह मदद पहुंचा देते हैं बस जरूरत है तो उन पर विश्वास करने की!


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