अरेंज मैरिजवाली लवस्टोरी | 'arrange marriage' a love story
अभी यह अरेंज मैरिज बोले तो पूनम और अक्षय दोनों ही अनजान होंगे बराबर ? दोनों ही अनजान थे। उनकी शादी दोनों के परिवार वालों ने मिलकर पक्की की। दोनों ही मिडिल क्लास परिवार से थे, अभी अरेंज मैरिज है, तो देखने दिखाने की प्रोसेस तो होगी ही।
15 अक्टूबर की यह बात है। अक्षय और उसके मां पापा के साथ पूनम को देखने आए थे। पूनम एक काफी सुंदर लड़की थी। अक्षय को वह पहली नजर में ही बहुत पसंद आई।
उसने पूनम को रिश्ते के लिए हा कहा और पूनम से भी पूछा तुम्हारा क्या निर्णय है क्युकी तुम्हारा निर्णय ज्यादा महत्वपूर्ण है। पूनम ने भी तुरंत हां कह दिया और बाद में दोनों की शादी की तारीख पक्की की गई।
बहुत धूम-धड़ाके के साथ दोनों की शादी कर दी गई। उनकी शादी अक्षय के घर पर हुई। अक्षय का घर शहर के 1BHK घरों जीतन था। शादी की सारी विधि खत्म हुई। बाद में दोनों अपने रूम मे फ्रेश होकर अपने कपड़े बदल कर आते हैं। दोनों कि वह शादी की पहली रात थी।
अक्षय धीरे से पूनम को आवाज देते हुए बोलता है, आज से हमारी नई जिंदगी की शुरुआत है। ऐसा बोलकर पूनम को गले लगाने की कोशिश करता है पर पुनम उस पर चिल्लाती है और बोलती है तुम मुझे जरा भी पसंद नहीं हो! और मैं तुमसे प्यार भी नहीं करती, इसलिए मेरी तरफ से तुम कोई भी उम्मीद मत करना!
अक्षय उसकी बातें सुनकर हैरान हो गया। पर हिम्मत करके उसने पूनम को पूछा , पूनम अगर ऐसा ही था तो तुमने मुझसे शादी क्यों की? मैंने तुम्हारे साथ जबरदस्ती नहीं की थी, मैंने पूछा भी था तुम्हें, फिर तभी क्यों नहीं कहा मुझे?
इस बात पर पुनम बोली.मुझे कुछ मत पूछो! 2-3 महीने एडजेस्ट करो और उसके बाद हम डिवोर्स लेकर अलग हो जाएंगे! यह सुनकर अक्षय को धक्का लगा। उसने पूनम को समझाने की बहुत कोशिश की पर उसने अक्षय की कोई भी बात नहीं सुनी और वह उसके निर्णय पर डटी रही।
अक्षय उसे बोला ठीक है, तुम्हें यही ठीक लगता है तो यही करेंगे। पर मेरी एक बात मानोगी क्या? पूनम बोलती है,क्या? अक्षय बोलता हें की एक छोटी सी मदद करोगी? जब तक मां पापा यहां है तब तक तुम यहीं पर रहोगी? एक बार वह गांव चले गए तो फिर सब तुम्हारे मुताबिक होगा।
वह भी तैयार हो गई इस बात पर और दोनों सो गए। हर रोज का दिखावा उनका चालू था। मां पापा के सामने पति-पत्नी की तरह रहना, उनको समझ में नहीं आए इसलिए उनके सामने नाटक करना, ऐसे करते-करते दिन खत्म होने लगे। दोनों ही नौकरी करते थे फिर रोज के टाइम टेबल के अनुसार अपना अपना काम खत्म करके काम पर जाना, अक्षय रोज पुनम से प्यार से बोलने का प्रयास करता था। पर पूनम अक्षय को अनदेखा करती थी क्योंकि पूनम की एक ही इच्छा थी कि उसको जल्दी शादी नहीं करनी थी।
घर के लोगों का मन उसे नहीं दुखाना था इसलिए वो शादी करने के लिए तैयार हुई। पर शादी करने के बाद भी वो फिर से अकेली रहने का विचार करती थीक्युकी उसे खुद की लाइफ किसी के साथ शेयर नहीं करनी थी। जैसे तैसे उसके दिन धकेल रही थी। अक्षय मात्र उसे हमेशा अपनी पत्नी का दर्जा देने का प्रयास कर रहा था। पर पुनम कभी भी अक्षय को पति का दर्जा नहीं देती थी।
एक दिन फर्श पर पानी गिरा हुवा था तब पुनम का पैर उसपर अचानक से फिसला और उसका पैर फ्रैक्चर हो गया। अक्षय तुरंत उसे डॉक्टर के पास लेकर गया। उसका इलाज होता है,डॉक्टर कहता है पैर पर जरा सा भी जोर नहीं देना है। उसकी काफी देखभाल करने के लिए बोलते है।
फिर क्या अक्षय उसका बहोत खयाल रखने लगा। हररोज उसके पैर की मालिश करता था। उसका पैर फ्राक्चर होने के कारण उसे ठीक से खड़ा भी नहीं हुवा जा रहा था। घर के काम और खाने की जिम्मेदारी अक्षय पर आ गई थी। पर अक्षय को तो पहले से ही ये सब की आदत थी। इस वजह से उसे कोई दिक्कत नहीं थी। अक्षय रोज खाना खुद ही बनाया करता था। उसके मां पापा भी उसे थोड़ा घर काम में मदद करते थे। रोज काम पर जाने से पहले पूनम के लिए नाश्ता और खाना बनाकर खुद के हाथों से उसे नाश्ता खिलाता और फिर काम पर जाता था।
टाइम पर उसे फोन करके दवाई लेने के लिए याद दिलाता था। काम पर से आने के बाद सबसे पहले उसके पैरों की मालिश करता था। उसे थोड़ा चलने के लिए मदद करता था। कोई भी काम हो उसके लिए मन से करता था।
फिर भी वह अक्षय को प्यार से नहीं बुलाती। उसका मन अक्षय को स्वीकारने के लिए तैयार ही नहीं था। 1 दिन पूनम को देखने के लिए उसकी सहेली आइ। उनकी बातचीत चालू थी तब अक्षय दोनों के लिए नाश्ता बना कर लाया। फिर वो पूनम से बोला : मैं जरा मार्केट से हो आता हूं थोड़ा सामान लाना है। तुम दोनों को कुछ चाहिए तो बता दो?
पुनम बोलती है नहीं अभी कुछ नहीं चाहिए, तुम जाकर आओ। पुनम की सहेली को अक्षय को ऐसे नाश्ता लाते देखकर धक्का लगा उसने पुनम को पूछा, पूनम घर के काम सब तुम्हारा पति ही करता है क्या? हां वही देखते हैं। मेरा पैर फैक्चर होने के बाद से, पुनम की सहेली पूनम को बोलती है कि तुम बहुत खुशनसीब हो जो तुम्हें इतना प्यार करने वाला पति मिला! पूनम के चेहरे पर मात्र प्रश्न चिन्ना था … तभी पूनम बोली इसमें इतना खुशनसीब होने जैसा क्या है? उसकी सहेली बोली अरे मेरा पति मुझे पूछता तक नहीं है कि कैसी हो तुम? खाना खाया कि नहीं?और मेरे पति ने आज तक कभी मुझको चाय तक नहीं पिलाई।
मुझे भी लगता था मेरे पति भी मेरा ख्याल रखे , ज्यादा कुछ नहीं पर प्यार भरे शब्द ही बोले तो बहुत होता मेरे लिए । बहुत इच्छा होती है यार पर इसके बजाय मुझे हमेशा निराशा ही मिली। बहुत मन दुखता है मेरा यार! यह सब सुनकर पूनम विचार में डूब गई।
उसके मन में अक्षय के प्रति प्यार जगने लगा। अक्षय का प्यार उसकी आंखों के सामने आने लगा। वह उस पर जान छिड़कता है यह उसे समझने लगा। अभी धीरे-धीरे पूनम को भी अक्षय से प्यार होने लगा था। वो उस पर विश्वास करने लगी थी।
अक्षय के मन पर मात्र एक ही डर था की मां-बाप गांव गए तो हमारा डिवोर्स हो जाएगा। पूनम मुझे छोड़ कर चली जाएगी और समाज में मेरी इज्जत कम हो जाएगी। तभी मां पापा अक्षय को बोलते हैं कि, अभी हमें गांव जाना चाहिए थोड़े दिन रह कर खेती वगैरा करके आते हैं। अक्षय उनको जाने नहीं देना चाहता था और उनको डिवोर्स के बारे में भी बता नहीं सकता था।
अक्षय सोच रहा होता है कि अभी पूनम को सब कैसे पूछे? कैसे बोलूं उसके साथ?ऐसे सोचते सोचते ही सो जाता है। सुबह उठता है, तो देखता है की पूनम बहुत जल्दबाजी में थी वह जॉब पर जाने के लिए निकलती है। तब जाते-जाते पूनम बोली कि अक्षय टिफिन बना कर रखा है लेकर जाना, कपड़ों को इस्त्री कर के रख दिया है और नाश्ता भी करके जाना, और हां आज घर पर जल्दी आना यह बोलकर निकल गई।
अक्षय मन में ही सोचने लगा कि, जिसने आज तक एक ग्लास पानी तक दिया नहीं आज अचानक ऐसे उसने इतना सब कैसे किया? अक्षय का मन बहुत अशांत हुआ होगया। वह भी सब काम करके ऑफिस के लिए निकल गया । उसके मन में बस इतना ही चालू था कि आज हमें डिवोर्स के बारे में बोलना है।
शाम का वक्त होता है पूनम के बताने के अनुसार अक्षय जल्दी घर आता है। पूनम ने खाना बनाकर सब काम निपटा कर रखे था। घर पर आते ही उसे चाय देती है। यह सब अक्षय के लिए नई बात थी। चाय पीते पीते अक्षय धीरे से पूनम को पूछता है। पूनम तुम ठीक तो हो ना? तुमने निर्णय तो लिया ही होगा ना? मुझे छोड़कर जाने वाली हो इसीलिए सब कर रही हो ना?
इस पर पूनम बोलती है मैंने अपना फैसला ले लिया है और मैं कहीं पर भी नहीं जा रही हूं! मेरी पूरी जिंदगी मे तुम्हारे साथ जीना चाहती हूं और जा कर अक्षय को गले लगा लेती है!! वो बोलती है मैं तुम्हें छोड़कर कहीं नहीं जाऊंगी मैं तुमसे बहुत प्यार करने लगी हूं और अभी यह हमारा रिश्ता कोई भी नहीं तोड़ सकता। जिंदगी में बहुत बड़ी भूल हो गई होती मुझसे अगर मैं तुम्हें खो देती तो। अरेंज मैरिज करके भी तुम्हारे जैसा इतना प्यार करने वाला पति मुझे मिला यही मेरी खुशनसीबी है।
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Praveen kate ji aapki story bahut achi hoti hain.kya main in story ko YouTube pa apne channel ke madhyam se as A story teller daal Sakta Hu.. Mera naam Harendra Sharma hai sharmaharendra8630@gmail.com par aap humen contact kar sakte Hain.
जवाब देंहटाएंNice end
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